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आज हमारे पास देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने का बस यही उपाय शेष बचा है की देश के हर व्यक्ति और हर राजनीतिज्ञ को आध्यात्म से जोड़ा जाये और देश में आध्यात्मिक राजनीती की शुरुआत हो.सरकारी खर्चों में कटोती की जाये.पहले के नेता जैसे डॉ राजेंद्र प्रसाद,श्री लाल बहादुर शास्त्री.श्रीमती इंदिरा गाँधी और वर्तमान में राजनीती से सन्यास ले चुके श्री अटल बिहारी वाजपेयी इन महान व् त्यागी नेताओं ने देश को नई दिशा दी और विकास का रास्ता दिखाया.देश का सम्मान सारी दुनिया में बदाया.इन नेताओं में त्याग की प्रवृति थी और देश के लिए हमेशा बड़े काम करने की दृढ इच्छाशक्ति थी.पहले के कई नेताओं की जीवनी में इस बात का बहुत मार्मिक वर्णन है की वे अपने लिए नया कपडा व् नया जूता खरीदने तक से बचते थे और पुराने वस्त्र व् जूते से काम चलते थे.सरकारी खर्चों में कटोती कर उन्होंने पैसे बचाकर देश में बड़े बड़े कारखाने स्थापित किये और लोखों लोगों को रोजगार दिया.आज देश के नेताओं में लोभ लालच बढ़ रहा है.देश के विकास की बजाय अपने स्वार्थो की पूर्ति पर ज्यादा ध्यान है.सभी धार्मिक ग्रन्थ और सभी संत महापुरुष यही कहतें है की दुनिया से आप कुछ ले नहीं जा सकते.एक दिन सब यहीं धरा रह जायेगा.आप जिसे अपना सबकुछ दें जायेंगे वो भी उसका सदुपयोग करेगा या दुरपयोग,पता नहीं.हमारे नेता देश में कई नए BHU और कई नए DLW बनायें जिससे लाखों लोगों को फायदा हो,बहुत से बेरोजगारों को रोजगार मिले,और उनका नाम भी इतिहास में सदैव अमर रहे.जीवन का सर्वश्रेष्ठ मार्ग क्या है?धर्मग्रंथ इसका उत्तर देतें हैं-महाजनों येन गत:स पन्था:अर्थात जिस प्रकार का श्रेष्ठ कर्म करके महापुरुष इस संसार से गयें हैं आप भी उसी प्रकार का श्रेष्ठ कर्म करें और महापुरुषों के बताये हुए श्रेष्ठ मार्ग पर चलें.तभी लौकिक और पारलौकिक दोनों कल्याण संभव है.(सद्गुरु राजेंद्र ऋषिजी प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम ग्राम-घमहापुर पोस्ट-कन्द्वा जिला-वाराणसी पिन-२२११०६)
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