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आज़ादी की सब से बड़ी देन विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता

आज़ादी की ६७ वीं वर्षगांठ देश भर में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाई जा रही है.सभी देशवासिओं को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.आज़ादी से पहले हम कई सदियों तक अंग्रजो,मुगलों और अन्य विदेशी शासको के गुलाम रहे.अनगिनत शहीदों, देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन की क़ुरबानी देकर हमें आज़ादी दिलाई.आज़ादी के बाद से लेकर अबतक सीमा पर अनगिनत सैनिकों ने अपने जान की क़ुरबानी देकर हमारे देश को स्वतंत्र बनाये रक्खा है.हम स्वतंत्रता सैनानियों और भारतीय सैनिको दोनों के ऋणी हैं और उनके देशभक्ति के जज्बे को सलाम करतें हैं.आज हम सब लोग स्वतंत्र हैं.कानून के दायरे में रहकर कार्य करने की और अपना विचार व्यक्त करने की पूरी आज़ादी है.मीडिया,फेसबुक तथा अन्य सोशल नेटवरकिंग साइटों पर विभिन्न प्रकार के विचारों और टिका टिपणीयों की भरमार है.सरकार,मंत्रियों व् राजनितिक लोंगों के खिलाफ अमर्यादित ढंग से भी टिप्पणियां की जातीं हैं जो की अनुचित है.धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले और अश्लील फोटो व् सन्देश आसानी से देखे जा सकतें हैं,जो की नैतिकता और कानून दोनों ही दृष्टि से अनुचित है.हमारे देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट भी ये कहती है की किसी भी व्यक्ति को ऐसे विचार व्यक्त करने के कारण दण्डित किया जा सकता है जो विचार अनुचित हैं या लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़कानेवाले हैं.फेसबुक पर फर्जी अकाउंट खोलकर बहुत से आपत्तिजनक और अश्लील विचार व्यक्त किये जातें हैं.ये एक प्रकार का मानसिक रोग है.कोई हमारे ऊपर शासन न करे लेकिन हमें अपने विचारों और कार्यों के ऊपर नियंत्रण रखना चाहिए,यही आज़ादी का वास्तविक अर्थ है.फेसबुक पर बहुत से लड़के लड़कियां बनकर और बहुत सी लड़कियां लड़का बनकर चैटिंग करतें हैं,परन्तु वास्तव में यह चैटिंग नहीं बल्कि चीटिंग है,वो दूसरों को तो धोखा दे ही रहें है अपनेआप से भी छल कर रहें हैं.दोस्ती बहुत बड़ी चीज है यदि वो निश्वार्थ व् शुद्ध अंतकरण से हो तो बहुत सी आत्माओं के साथ तो हम दोस्ती के बहाने जुड़तें ही हैं,सच्ची दोस्ती परमात्मा तक पहुँचने की सीढ़ी बन जाती है.संत तुलसीजी ने कहा है-तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय,न जाने किस वेश में नारायण मिल जांय.(सद्गुरु राजेंद्र ऋषिजी प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम ग्राम-घमहापुर पोस्ट-कन्द्वा जिला-वाराणसी पिन-२२११०६)