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एक तरफ रूपये के गिरते स्तर के कारण देश की आर्थिक स्थिति चिंताजनक होती चली जा रही है और दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान सीमा पर उकसाने वाली कार्यवाहियां करके देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहें हैं.डॉलर की कीमत बढ़ते जाने से रूपये की कीमत गिरती जा रही है,हमारे पास विदेशी मुद्रा भंडार दिनोदिन कम होता जा रहा है.यहाँ तक की हम अन्तररास्ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज लेने और विदेशों में अपना सोना गिरवी रखने की स्थिति में पहुँच गए हैं.विदेशी निवेशक और प्रवासी भारतीय भारत में पूंजी निवेश करने से दूर भाग रहें हैं और देशी निवेशक यहाँ के भ्रष्ट सिस्टम से जूझ रहें हैं.देशी निवेशक पूरी तरह से दिवालिया होना शुरू हो जायेंगें तब देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ जाएगी.आजादी के बाद से हमारे छोटे कारखाने और लघु उध्योग धंधे बंद होते चले गए.हमने बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों और मजदूर यूनियनों को बढ़ावा दिया,जिससे हमारे देश में उत्पादित सामानों की लागत बढ़ी.हर तरफ रिश्वत लेने देने वाली भ्रष्ट व्यवस्था ने कोढ़ में खाज का काम किया और हमारे यहाँ उत्पादित सामान महंगें होने के कारण हम अंतररास्ट्रीय बाज़ार में पिछड़ते चले गए.देश की वर्तमान ख़राब आर्थिक स्थिति के लिए कभी हम अपनी बदती जनसँख्या को दोष देते हैं तो कभी विदेशी निवेशकों को,जो भारत में पूंजी निवेश नहीं करना चाह रहें हैं.चीन से हमें कुछ सीखना होगा जो जनसँख्या में हमसे ज्यादा होने के वावजूद अपनी बदती जनसँख्या को नियंत्रित किया,रिश्वत लेने देने वालों को दण्डित कर अपने यहाँ के भ्रष्ट सिस्टम को ठीक किया और अपने यहाँ विदेशी निवेश का एक बहुत अच्छा माहौल बनाया जैसे-सस्ती मजदूरी,सस्ती बिजली,सस्ते कच्चे मॉल और विदेशी निवेशकों को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराना.आज चीन में विदेशी निवेश की होड़ लगी हुई है.सारी दुनियां में सस्ते चीनी सामानों की धूम मची हुई है.अंतररास्ट्रीय बाज़ारों की तो बात दूर रही,आज हम अपने ही देश के बाज़ारों में चीन का मुकाबला नहीं कर पा रहें हैं.आज देश में एक बड़े परिवर्तन की जरुरत है.यही वो समय है जब देश को एक रियल महानायक की जरुरत है,जो देश के समूचे भ्रष्ट ढांचे को ठीक कर सके,अपने देश में पूँजी निवेश का एक अच्छा माहौल बनाये और देशी विदेशी व् प्रवासी भारतीय इन सब निवेशकों की मदद से भारत को फिर से सोने की चिड़िया वाला देश बना सके.मुझे ऐसा विश्वास है की वो दिन फिर आएगा जब हम गर्व से ये गीत गुनगुना सकेंगें-जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा,वो भारत देश है मेरा.आज भी देश में सोने की कमी नहीं है,मुझे ऐसा विश्वास है की आर्थिक इमरजेंसी की हालत में यदि सरकार जनता से अपील करेगी तो पूरे देश भर से इतना सोना इकट्ठा हो जायेगा की उसे रखने की जगह कम पड़ जाएगी.एक से बढकर एक बलिदानियों,त्यागियों और तपस्वियों वाले महान देश भारत की मिटटी ऐसी दिव्य है की यहाँ की आमजनता देशभक्त है और हमेशा रहेगी.जो लोग देश की दिव्य मिटटी और आमजनता से जितने दूर हैं,उनमे लोभ,लालच,एशो-आराम और सत्ता का नशा उतना ही अधिक है.सत्ता का यदि सदुपयोग न हो और उससे यदि समूचे देश व् आम जनता का भला न हो तो वही सत्ता शासक के लिए जहर बन जाती है.(सद्गुरु राजेंद्र ऋषिजी प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम ग्राम-घमहापुर पोस्ट-कन्द्वा जिला-वाराणसी पिन-२२११०६)
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