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न्याय स्वार्थी राजनीती के बोझ तले नहीं दबना चाहिए

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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आसाराम बापू के जोधपुर आश्रम में १५ अगस्त की रात को एक नाबालिग छात्रा के साथ जो दुष्कर्म व् यौनशोषण हुआ उसने पूरे राष्ट्र को शर्मसार किया है.देश जब आजादी की ६७वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा था,तब अपने को संत महात्मा कहने वाले एक व्यक्ति द्वारा एक नाबालिग लड़की का यौनशोषण हो रहा था.ऐसा कुकृत्य करके आसाराम बापू ने सच्चे संत महात्माओं पर से भी लोगों की आस्था को डगमगा दिया है.आसाराम बापू ने इस कुकृत्य के बाद कहा कि लड़की के ऊपर भूत था,जिसे मैंने भगा दिया.लड़की के ऊपर भूत था या आप के ऊपर वासना का भूत सवार था,जिसे आपने उस नाबालिग लड़की का यौन शोषण करके आपने अपने मन से दूर भगाया?आसाराम बापू के जोधपुर आश्रम कांड का पूरा सच निष्पक्ष जाँच द्वारा पूरे देश के सामने आना चाहिए,क्योंकि अब यह लाखों लोगों के आस्था व् विश्वास का प्रश्न है.इससे वो लोग सचेत हो जायेंगें जो बहुत श्रद्धा व् विश्वास के साथ अपने पूरे परिवार सहित ऐसी जगहों पर जातें हैं.पीड़ित लड़की के पिता के अनुसार आसाराम बापू ने वशीकरण विद्या का प्रयोग करके उनके परिवार से १९ लाख से भी अधिक रूपये ठगे.पीड़ित परिवार तन,मन,व् धन तीनों तरह से लूटा गया,धन गया,इज्जत गई और अब जान से मारने की धमकियाँ भी मिल रहीं हैं.पीड़ित लड़की के साथ न्याय होना चाहिए,अपराधी को सजा मिलनी चाहिए,भले ही वो कितना भी क्यों न धन बल और जन बल रखता हो और चाहे कितनी भी ऊँची राजनितिक पहुँच वाला क्यों न हो.पीड़ित लड़की के आंसू न्याय चाह रहें हैं.शारीरिक मानसिक शोषण के बाद उसकी जो पीड़ित मन:स्थिति है,उससे उबरने में बहुत समय लगेगा.एक गाने में किसी शायर ने कहा है-क्या ले के मिलें अब दुनिया से,आंसू के सिवा कुछ पास नहीं.फूल ही फूल थे दामन में,अब काँटों की भी आस नहीं.देखी ज़माने की यारी.आज के स्वार्थी और भोगविलास में मग्न ज़माने के लिए इसी गाने में शायर ने आगे कहा है-वक़्त है मेहरबाँ,आरजू है जवां,फिक्र कल की करें ये,इतनी फुरसत है कहाँ?देखी ज़माने की यारी.कांग्रेस और बीजेपी राजनीतिक कारणों से पीड़ित परिवार का साथ पूरी तरह से नहीं दे रहें हैं.राजथान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं.वहां पर लगभग ४० विधानसभा सीटें ऐसी हैं,जहाँ पर सिंधियों का प्रभुत्व है और वो आसाराम बापू के अनन्य भक्त हैं.अत:कांग्रेस और बीजेपी दोनों में से कोई भी सिंधियों को नाराज नहीं करना चाहती है,इसीलिए वे आसाराम बापू के खिलाफ खुलकर नहीं बोल रहें हैं.जदयू अध्यक्ष श्री शरद यादव और भाकपा नेता श्री गुरुदास दासगुप्ता की तारीफ करनी चाहिए की वो राजनीती से ऊपर उठकर लोकसभा में इस मुद्दे को उठाये.न्याय स्वार्थी राजनीती के बोझ तले नहीं दबना चाहिए.दुर्भाग्य से आज देश में ऐसा हो रहा है.जनता के बीच अच्छा सन्देश नहीं जा रहा है और यह अपराधियों का मनोबल भी बढ़ा रहा है.(सद्गुरु राजेंद्र ऋषिजी प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम ग्राम-घमहापुर पोस्ट-कन्द्वा जिला-वाराणसी पिन-२२११०६)

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