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करवाचौथ की हार्दिक बधाई,चंद्रोदय रात्रि 8.18 बजे

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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सभी भाई-बहनों को करवाचौथ की हार्दिक बधाई.पति कड़वा हो मीठा,आज के दिन वो पूजनीय है.इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और मन ही मन वो प्रार्थना भी करती हैं-
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे , जिंदगानी रहे

गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे

पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम के समय पूर्ण श्रृंगार कर करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं.कथा के बाद किसी बुजुर्ग महिला को “करवा” देकर उनका आशीर्वाद लेतीं हैं-“दूधो नहाओ-पूतो फलो”.पति-पत्नी के बीच तन,मन,धन का ही नहीं बल्कि कई जन्मों का प्रगाढ़ सम्बन्ध माना जाता है.पत्नी यदि नाव है तो पति उस नाव का खेवनहार है-
मेरे जीवन के ओ रे खेवैया
तेरे हाथो में है मेरी नैया
दुनिया कुछ भी कहे , भले कहती रहे
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे , दीवानी रहे
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे , दीवानी रहे
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे , दीवानी रहे

रात्रि के समय चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद छलनी की ओट से ही पति का दर्शन कर व्रत का पारण करतीं हैं.आज करवा चौथ के दिन 22 अक्टूबर को चंद्रोदय रात 8.18 बजे होगा.आज के दिन के प्यार भरे पलों को ऐसी हंसी-ख़ुशी के साथ बिताएं कि उसकी मधुर याद हमेशा मन में समाई रहे.प्यार की परिभाषा ही यही है कि वो आपके पास हों या दूर हों पर मन और नजरों में समाये हुए हों.विवाह के समय अग्नि के चारो और लिए गए फेरे जीवन भर याद रहते हैं-
सात अग्नि के फेरे लगाकर
याद बीते दिनों की जलाकर
आई मै तेरे द्वार लिए मन का संसार
मेरे होठो पे तेरी कहानी रहे , कहानी रहे
मेरे होठो पे तेरी कहानी रहे , कहानी रहे
मेरे होठो पे तेरी कहानी रहे , कहानी रहे

मेरे विचार से विवाह का अर्थ है जीवन भर की दोस्ती,इसीलिए न तो पति को पत्नी से कुछ छुपाना चाहिए और न ही पत्नी को पति से कुछ छुपाना चाहिए.एक दूसरे के सुख-दुःख में भागीदार बनना एक दूसरे पर हमेशा विश्वास रखना ही सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार है.आज के दिन सब गिले-शिकवे भूल जाएँ और आज के प्यार भरे लम्हों को यादगार बनायें.आज के युग में जो सीता जैसी पत्नी चाहते हैं,उन्हें जरुर ऐसी पत्नी मिलेगी,परन्तु उन्हें खुद पहले राम जैसा बनना पड़ेगा.अंत में पुन: एक बार आप सबको करवाचौथ की हार्दिक बधाई-
छुपी नारी के मन में है सीता
जिसका जीवन अंगारों पे बिता
मेरे जीवन के राम तेरा रटती है नाम
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे , निशानी रहे
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे , निशानी रहे
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे , निशानी रहे

आलेख में आभार सहित उद्धृत गीत फिल्म “सुहाग रात” का है,जिसे इन्दीवर जी ने लिखा है और लता जी ने गाया है.(सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कंदवा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)

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