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आदरणीय जागरण जंक्शन परिवार,महोदय आप से निवेदन है कि आप के द्वारा “बेस्ट ब्लागर ऑफ़ दी वीक चुने जाने का बाद मेरे नाम से ब्लॉग जारी कर मेरे ऊपर व्यक्तिगत हमले हो रहे हैं.आप इस ब्लॉग को देखें-“सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी”,इस ब्लॉग के अनुसार मै अज्ञानी हूँ और मुझे सम्मानित करने वाले आप लोग अपराधी हैं.कृपया आप लोग स्वयं इस ब्लॉग को पढ़ें.आप से निवेदन है कि बलात्कार पीड़ित लड़कियों और महिलाओं का मजाक उड़ाने वाले इन लेखों को भी आप पढ़ें-“चमेली ने चमन का बलात्कार किया” और “ठीक तो है बलात्कार”.इन लेखों में समस्त नारी जाति का अपमान किया गया है और बलात्कारियों का खुलकर समर्थन किया गया है.समाज और देश को पतन की राह पर ले जाने वाले ऐसे लेखों के विरुद्ध तुरंत समुचित कार्यवाही करना आप की जिम्मेदारी बनती है.ऐसे लेख अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कलंक हैं और समाज में दूषित विचारों का प्रवाह कर सारे समाज को प्रदूषित करते हैं.आप ऐसे लेखों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं,जिन पर महिला आयोग या किसी भी कोर्ट की नज़र पड़ने के बाद सम्मानित जागरण परिवार को भी परेशानी उठानी पड़ेगी.
माननीय पुप्रीमकोर्ट के अनुसार किसी के भी विचारों को दण्डित किया जा सकता है,यदि वो सही नहीं हैं या समाज को क्षति पहुँचाने वाले हैं.हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम सब के घरों में माँ,बहन और बेटियां हैं.इस मंच पर भी अनगिनत महिलाएं हैं,जो अपने-अपने घरो में माँ,बहन और बेटियां हैं.दुर्भाग्य से जिनके साथ बलात्कार जैसे निंदनीय हादसे होते हैं,वो भी किसी के घर की माँ,बहन और बेटियां हैं.उनके साथ सहानुभूति रखना और उन्हें फिर से जीवन जीने की प्रेरणा देना हमारा कर्तब्य है.बलात्कारियो को कठोर से कठोर दंड देना कानून का कर्तब्य है.नारी जाति उपहास उड़ाने वाले ऐसे निंदनीय लेखों पर यदि आप कोई कार्यवाही नहीं करते हैं और ऐसे विचारों का समर्थन और प्रचार-प्रसार करते हैं,जो मेरी ही नहीं बल्कि पूरे समाज और कानून की दृष्टि में भी गलत हैं.तो मुझे ऐसे मंच से हट जाना चाहिए.मै अपने विचार समाज में प्रसारित करने का कोई और माध्यम ढूंढ लूंगा.जिस देश में नारी की पूजा होती है और जिस देश में पहले से ही महिलाओं की हालत ख़राब है,वहाँ पर ऐसे विचार उनकी और दुर्दशा करेंगे.मुझे आप क्षमा करें,मै ये सब बर्दास्त नहीं कर सकता.ऐसे लेख ये गलत सन्देश देते हैं कि आप का इन चीजों पर कोई कंट्रोल नहीं है.जिस मंच पर स्त्री की इज्जत न हो,उसका मजाक उड़ाया जाता हो,वहाँ पर मुझे नहीं रहना चाहिए.मंच पर सम्मान और जगह देने के लिए आप लोगों का ह्रदय से धन्यवाद और यदि मैंने कोई गलती की हो और भूल से भी किसी का दिल दुखाया हो तो वो सब लोग मुझे क्षमा करें.सबके लिए सादर प्रेम और अपनी शुभ कामनाओं सहित.
(सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कंदवा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)
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