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अपने ही ह्रदय की गुफा में !! (आध्यात्मिक कविता) जागरण जंक्शन फोरम

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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अपने ही ह्रदय की गुफा में !! (आध्यात्मिक कविता) जागरण जंक्शन फोरम

अपने ही ह्रदय की गुफा में !! (आध्यात्मिक कविता) जागरण जंक्शन फोरम

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मेरा क्या नाम है
वास्तव में कोई नाम नहीं है !
मेरा गांव कहाँ है
इस जग में कोई गांव नहीं है !
मेरा क्या ठांव है
यात्री तेरा कोई ठांव नहीं है !
मेरा होनापन क्या है
कुछ नहीं बस एक सफ़र है !
मुझे जाना कहाँ है
वही जहाँ से कभी आये थे !
हम कहाँ से आये थे
याद नहीं कहाँ से आये थे !
कैसे याद आएगा
अपने असली घर का पता !
उसे हम कहाँ ढूंढे
पता बताने वाला है लापता !
ज्ञानियों ने कहा-
सुनो,सोहम का अहम मै !
भक्तों ने कहा है-
अपने ही ह्रदय की गुफा में !
अपने ही ह्रदय की गुफा में !!
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(सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कंदवा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)

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