सद्गुरुजी
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बनवारी रे
जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे
झूठी दुनिया झूठे बंधन, झूठी है ये माया…
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया
ओ, यहाँ साँचा तेरा नाम रे
बनवारी रे …
रंग में तेरे रंग गये गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा
बन गये तेरे प्रेम के जोगी, ले के मन एकतारा
ओ, मुझे प्यारा तेरा धाम रे
बनवारी रे …
दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में, आस की ज्योत जगाये
ओ, मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे
बनवारी रे …
गीतकार : गायक : लता मंगेशकर, संगीतकार : शंकर जयकिशन, चित्रपट : एक फूल चार कांटे.अपने एक प्रिय भजन की साभार प्रस्तुति. स्वस्थ होने पर मित्रों की और अस्वस्थ होने पर परमात्मा की याद ज्यादा सताती है.
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