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बेहतर ब्लॉगिंग अनुभव देने के लिए सुझाव-फीडबैक

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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बेहतर ब्लॉगिंग अनुभव देने के लिए सुझाव-फीडबैक
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हिंदी ब्लॉगिंग की दुनियां में ” जागरण जंक्शन ” की एक विशिष्ट पहचान बन चुकी है.जागरण जंक्शन के अभिनव प्रयोगों और उसके सभी सम्मानित सदस्यों के अथक परिश्रम व योगदान से “जागरण जंक्शन ” आज सफलता की बुलंदियों पर है.जागरण जंक्शन ने पुरानी पीढ़ी के स्थापित लेखकों सहित नई पीढ़ी के उदीयमान लेखकों को भी हिंदी ब्लॉग के संसार में एक विशेष पहचान दी है.पुराने सम्मानित लेखकों का पूरा सम्मान करने के साथ ही नए प्रतिभाशाली लेखकों का स्वागत करना भी जरुरी है.क्योंकि इस मंच पर समय के साथ-साथ बदलाव आता ही रहेगा.ये एक सांसारिक सच्चाई है और इसे हमें चाहें या न चाहें,परन्तु स्वीकार करना पड़ेगी.मुझे साहिर लुधियानवी साहब के एक मशहूर गीत की कुछ पंक्तियाँ याद आ रही हैं-
मुझसे पहले कितने शायर
आए और आकर चले गए
कुछ आहें भर कर लौट गए
कुछ नग़मे गाकर चले गए
कल और आएंगे नग़मों की
खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझसे बेहतर कहने वाले
तुमसे बेहतर सुनने वाले
कल कोई मुझको याद करे
क्यूँ कोई मुझको याद करे
मसरूफ़ ज़माना मेरे लिये
क्यूँ वक़्त अपना बरबाद करे

पाठकों को और बेहतर ब्लॉगिंग अनुभव देने के लिए मैं आदरणीय जागरण जंक्शन परिवार को कुछ सुझाव देना चाहता हूँ,जिसे मैं उन्हें सादर समर्पित कर रहा हूँ.मुझे विश्वास है कि वो मेरे सुझावों पर जरुर विचार करेंगे और इन सुझावों पर विचार व प्रयोग करके सम्मानित ब्लॉगरों को ब्लॉगिंग का और बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे.मेरी शिकायतें और सुझाव निम्नलिखित हैं-
१=फ़ीचर्ड रीडर ब्लॉग पोर्टल से सम्बंधित शिकायत और सुझाव-
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यहाँ पर ब्लॉगरों की रचनाओं को फीचर करके आप नवीनतम ब्लॉग के रूप में दिखाते हैं.यहाँ से ब्लॉगर के नए पोस्ट किये हुए ब्लॉग की जानकारी मिलती है.ज्यादातर पाठक फीचर रचनाओ को ही पढ़ते हैं.प्रतिदिन अनगिनत रचनाएं लोग पोस्ट करतें हैं,इसीलिए फीचर रीडर ब्लॉग पोर्टल भी प्रतिदिन बदला चाहिए ताकि नवीनतम रचनाओं की जानकारी मिल सके.परन्तु ऐसा होता नहीं है.अक्सर तीन चार दिन तक इसमें कोई नया बदलाव नहीं होता है.कई ब्लॉगरों की बहुत सी रचनाएं फीचर नहीं होती हैं और कुछ ब्लॉगरों की हर रचना फीचर होती है.जागरण जंक्शन पर ये सबसे बड़ी समस्या है,कृपया इस ओर ध्यान दीजिये और ऐसी सुव्यवस्थित व्यवस्था कीजिये कि फीचर ब्लॉग प्रतिदिन बदले ओर सभी ब्लॉगरों कि रचनाओं को यहांपर महत्व मिले.
२=आज के टॉप हिंदी ब्लॉग्स से सम्बंधित शिकायत और सुझाव-
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इसमें भी प्रतिदिन बदलाव होना चाहिए पर रोज ऐसा नहीं होता है.अक्सर कई दिनतक पुराने ब्लॉग्स ही दिखाई देते हैं.मेरा आपलोगों से निवेदन है कि इसमें चुने हुए ब्लॉग्स प्रतिदिन जरुर बदलें जाएँ ताकि ये अपने नाम को सार्थक कर सके.
३=जागरण जंक्शन,आपकी आवाज,आपका ब्लॉग से सम्बंधित शिकायत और सुझाव-
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सम्मानित हिंदी दैनिक जागरण अख़बार के सम्पादकीय पेज पर आप प्रतिदिन जागरण जंक्शन के दो ब्लॉगों के कुछ अंश प्रकाशित करते हैं.ये ब्लॉगरों के लिए बहुत सम्मान की बात है जो की उन्हें प्रिंट मिडिया में भी एक विशेष पहचान स्थापित करने में मदद कर सकती है.ये प्रयोग तो अच्छा है,परन्तु इस समय ये अपूर्ण है.इसमें लेख और कविता के सम्पादित अंश दिए जाते हैं,परन्तु लघुकथा,कहानी और संस्मरण के सम्पादित अंश नहीं छपते हैं.आपसे निवेदन है कि पूरे देश में सम्मानित हिंदी दैनिक जागरण अख़बार में एक पेज जागरण जंक्शन के लिए दिया जाएँ,जिसमे चुने हुए लेख,कविता,लघुकथा,कहानी और संस्मरण को पूरा प्रकाशित किया जा सके.ऐसा करने से ब्लॉगरों का उत्साह अच्छा लिखने के लिए और बढ़ेगा.इससे जागरण जंक्शन और दैनिक जागरण अख़बार दोनों की लोकप्रियता और बढ़ेगी.अख़बार में प्रकाशित होने वाले ब्लॉग पर समुचित पारिश्रमिक ब्लॉगर को देने पर भी आप विचार कर सकते हैं.
४=प्रतियोगिताओं के परिणाम में पारदर्शिता लाने के लिए सुझाव-
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जागरण जंक्शन पर समय समय पर कई तरह की प्रत्योगिताएं संचालित होती रहती हैं,जिसमे ब्लॉगर बड़े उत्साह से भाग लेते हैं.परिणाम घोषित होने के बाद कुछ ब्लॉगर अपारदर्शिता और भेदभाव का आरोप लगाते हैं.इससे प्रतियोगिता के परिणामों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है.इसका समाधान यही कि प्रतियोगिता के नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए हिंदी साहित्य के विशेषज्ञों से रचनाएं जंचवाएं और परिणाम घोषित करते समय विजेता सूची में चुनी गई हर रचना की विशेषता बताई जाये.यदि प्रतियोगिता के परिणाम के साथ विजेता ब्लागरों का संक्षिप्त साहित्यिक जीवन परिचय भी दिया जाये तो अच्छा है.
५=यूजर नेम के साथ यूजर की फोटो लगाया जाना अनिवार्य करने का सुझाव-
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हर ब्लॉगर के यूजर नाम के साथ उसका फोटो लगा होना आप अनिवार्य कर दें.इससे कई फायदे हैं.सबसे बड़ा फायदा ये है कि प्रतियोगिता के समय विजेता सूची में चुने जाने पर आपको ब्लॉगर से उसकी फोटो मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी.इससे फर्जी ब्लॉग बनाने पर रोक लगेगी तथा कमेंट भी ब्लॉगर सोच विचार कर करेंगे.आप हर ब्लॉगर के लिए आईडी और एड्रेसप्रूफ देना अनिवार्य कर दें,इससे आपको कई फायदे होंगे.भविष्य में आपको ऐसी अनिवार्यता लागू करनी पड़ेगी.
६=कमेंट के आवागमन में आ रही दिक्क्तों को दूर करने का सुझाव-
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कॅप्चा कोड या सिक्युरिटी कोड आसान करने के बाद अब कमेंट आ जा रहे हैं,आप इसके लिए बधाई के पात्र हैं,परन्तु अभी भी कई ब्लॉगरों को कमेंट पाने में दिक्कत हो रही है.मेरे ब्लॉग पर भी कमेंट आसानी से नहीं आ पा रहा है.मुझसे अक्सर ब्लॉगर मित्र इसकी शिकायत करते रहते हैं.आपसे अनुरोध है कि इस ओर ध्यान दें.
७=जागरण जंक्शन पर चैटिंग शुरू करने का सुझाव-
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यदि आप जागरण जंक्शन पर चैटिंग और डेटिंग की व्यवस्था कर दें तो यह एक बहुत बड़ा अभिनव प्रयोग होगा.मुझे लगता है कि भविष्य में यह व्यवस्था जागरण जंक्शन पर जरुर नजर आएगी.सोशल नेटवर्किंग आज के समय की एक बहुत बड़ी जरुरत है और सोशल नेटवर्किंग चलाने से जागरण जंक्शन को भी काफी व्यावसायिक लाभ प्राप्त होगा.मुझे पूरी उम्मीद है कि जागरण जंक्शन परिवार के लोग भविष्य में इस दिशा में जरुर विचार और प्रयोग करेंगे.
८= ” आज के Top Hindi ब्लॉग्स ” और ” best blogger of the week ” का
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नाम हिंदी में रखने का सुझाव-
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” आज के Top Hindi ब्लॉग्स ” और ” best blogger of the week “,ये दोनों हिंदी में रख दिया जाये तो अच्छा है.एक आधा हिंदी और आधा अंग्रेजी में है और दूसरा पूरा अंग्रेजी में है.मेरा ये सुझाव है कि ये दोनों नाम हिंदी में रख दिए जाएँ तो ज्यादा अच्छा है.हिंदी ब्लॉगिंग में ये दोनों नाम आजीब से लगते हैं.हमारी समृद्ध हिंदी भाषा में क्या इसके लिए कोई उपयुक्त नाम नहीं है ?..
९= ” ज्यादा चर्चित,ज्यादा पठित,और अधि मूल्यित ” पोर्टल के बारे में सुझाव-
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” ज्यादा चर्चित,ज्यादा पठित,और अधि मूल्यित ” ये पोर्टल कम्प्यूटर के द्वारा ऑटोमैटिक संचालित है,परन्तु कई दिनतक इसमें जल्दी कोई बदलाव नहीं दिखाई देता है.कई बार इसमें दर्शायी गई रचना पर क्लिक करने पर हम कहीं और जा पहुँचते हैं.फीचर रीडर ब्लॉग के बाद ये दूसरा महत्वपूर्ण पोर्टल है जो ब्लॉगरों की श्रेष्ठ रचनाओं को दर्शाता है,परन्तु समुचित देखभाल के अभाव में यह स्तरहीन सी ग्रेड रचनाओं को ज्यादा दर्शाता है-जैसे “लड़की पटाने का मस्त तरीका ” और ” आलू की प्रेम कहानी.”
१०=रचना के साथ पाठकों की संख्या यानि व्यूज दिखाने का सुझाव-
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जागरण जंक्शन मंच से निवेदन है कि आप किसी भी रचना पर क्लिक कर वहाँ जाने पर ” रेट दिस आर्टिकल ” की तरह वहाँ पर ये भी शो हो कि इस रचना को अबतक कितने लोगों ने पढ़ा है.आप ऐसी व्यवस्था करें कि वहांपर व्यूज भी दिखाई दे.
11-समय समय पर समाज सुधार के अभियान चलाने का सुझाव-
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जागरण जंक्शन मंच का उद्देश्य सिर्फ ब्लॉगरों का टाइम पास करना नहीं होना चाहिए.आप समय समय पर समाज सुधार के वैचारिक अभियान चलायें और इसमें अधिक से अधिक ब्लागरों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें.उदहारण के लिए मैं ” बेटी बचाओ अभियान ” से जुड़कर एक संस्मरण लिखा हूँ,जिसका नाम है-” माँ से ज्यादा महान कोई नहीं.” इसी तहह से आप भी समय समय पर समाज सुधार के वैचारिक अभियान चलते रहिये.
१२=कोई भी ब्लॉगर एक दिन में एक ही रचना पोस्ट करे-
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जागरण जंक्शन मंच को मेरा सुझाव है कि आपलोग एक नियम बना दीजिये कि कोई भी ब्लॉगर एक दिन में एक ही रचना पोस्ट कर सके.इससे रचनाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी और रचनाओं को फीचर कर फीचर रीडर ब्लॉग पोर्टल पर दर्शाने में आपको बहुत सुविधा हो जायेगी.इस मंच की रचनाओं में मात्रात्मक की बजाय गुणात्मक बढ़ोतरी हो तो ज्यादा अच्छा है.
मुझे पूरी उम्मीद है कि जागरण जंक्शन परिवार के लोग मेरे इन सुझावों पर विचार करेंगे और आने वाले समय में इन सुझावों पर अमल भी करेंगे.हम सभी ब्लॉगरों की आवाज को दुनिया के कोने कोने तक पहुँचाने के लिए मैं जागरण जंक्शन मंच को अपना हार्दिक धन्यवाद सादर समर्पित करता हूँ.अंत में गुलज़ार साहब का लिखा हुआ ये गीत सभी ब्लॉगरों के सम्मान में गुनगुनाते हुए मैं अपना आलेख समाप्त कर रहा हूँ-
नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही पहचान है गर याद रहे
वक़्त के सितम कम हसीं नहीं,
आज हैं यहाँ कल कहीं नहीं
वक़्त के परे अगर मिल गए कहीं,
मेरी आवाज़ ही पहचान है…
जो गुज़र गयी कल की बात थी,
उम्र तो नहीं एक रात थी
रात का सिरा अगर फिर मिले कहीं,
मेरी आवाज़ ही पहचान है…
दिन ढले जहाँ रात पास हो,
ज़िन्दगी की लौ ऊँची कर चलो
याद आये गर कभी जी उदास हो,
मेरी आवाज़ ही पहचान है…
नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही पहचान है गर याद रहे…

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ (सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कंदवा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)
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