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होली पर जोगीरा गाने का चलन-जागरण जंक्शन फोरम

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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होली पर जोगीरा गाने का चलन
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उत्तर भारत में होली के गीतों में जोगीरा गाने का चलन है.जोगीरा का अर्थ है-जोगी या जोगी या ज्ञानी व्यक्ति के बोल.ये पहेलीनुमा और ज्ञान से भरी बातों से परिपूर्ण होता है.होली गीत के हर छंद के बाद जोगीरा गाया जाता है और कहा जाता है-जोगीरा सा रा रारा..इससे होली गीत का मजा कई गुना बढ़ जाता है और लोग मदहोश सा होकर नाचने झूमने लगते हैं.जोगीरा होली की मौजमस्ती के माहौल में चार चाँद लगा देता है.रविन्द्र जैनजी का लिखा हुआ फ़िल्म ” नदिया के पार ” का एक होली गीत है,जिसमे जोगीरा भी गाया गाया है-
जोगी जी धीरे धीरे, जोगीजी वाह जोगीजी
नदी के तीरे तीरे, जोगीजी वाह जोगीजी
जोगी जी कोई ढूँढे मूँगा कोई ढूँढे मोतिया
हम ढूँढे अपनी जोगनिया को,
जोगी जी ढूँढ के ला दो, जोगीजी वाह जोगीजी
मिला दो हमें मिला दो, जोगीजी वाह जोगीजी
१) फागुन आयो ओ मस्ती लायो
भरके मारे पिचकारी अरा र र र र रा
रंग लेके ओ जंग लेके
मारे (?) जोगी रातें जागी सारी अरा रररर रा
जोगी जी नींद ना आवे, जोगीजी वाह जोगीजी
सजन की याद सतावे, जोगीजी वाह जोगीजी
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको कोई इसकी दवा जल्दी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी, जोगीजी वाह जोगीजी
लगे है दुनिया खारी, जोगीजी वाह जोगीजी
२) सारे गाँव की गोरियाँ रंग गई हमपे डार
पर जिसके रंग हम रंगे छुप गई वो गुलनार
छुप गईं वो गुलनार जोगीजी सूना है सँसार
बिना उसे रंग लगाए, जोगी जी वह जोगी जी
ये फागुन लौट ना जाए, जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी कोई ढूँढे …
जोगी जी ढूँढ के ला दो
मिला दो हमें मिला दो
३) छुपते डोले राधिका ढूँढ सके घनश्याम
कान्हा बोले लाज का आज के दिन क्या काम
लाज का है क्या काम के होली खेले सारा गाँव
रंगी है कब से राधा
मिलन में फिर क्यों बाधा
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा जल्दी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी, जोगीजी वाह जोगीजी
लगे है दुनिया खारी, जोगीजी वाह जोगीजी..
होली मौज मस्ती का त्यौहार है.होली के अवसर पर जोगीरा गाने का रिवाज बहुत प्राचीन काल से चला आ रहा है.उत्तर प्रदेश और बिहार में जोगीरा गाने की बहुत पुरानी परम्परा चली आ रहा है.जोगीरा बिना किसी होरी गीत के स्वतंत्र रूप से भी गया जाता है.इसे सवाल जबाब के रूप में गाया जाता है.होली के अवसर पर आम जनता के बीच गाया जाने वाला कुछ बहुत लोकप्रिय जोगीरा प्रस्तुत है-
‘कय हाथ के धोती पेन्हा, कय हाथ लपेटा?
कय पान का बीरा खाया, कय बाप के बेटा?
जोगीरा सारा रा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा.’
‘सात हाथ का धोती पेन्हा, पाँच हाथ लपेटा.
चार पान का बीड़ा खाया, एक बाप का बेटा.
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
कौन काठ के बनी खड़ौआ, कौन यार बनाया है,
कौन गुरु की सेवा कीन्हो, कौन खड़ौआ पाया,
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
चनन काठ के बनी खड़ौआ, बढ़यी यार बनाया हो,
हम गुरु की सेवा कीन्हा, हम खड़ौआ पाया है,
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
किसके बेटा राजा रावण किसके बेटा बाली ?
किसके बेटा हनुमान जी कै लंका के जारी ?
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
विसेश्रवा के राजा रावण बाणासुर का बाली
पवन के बेटा हनुमान जी, ओहि लंका के जारी
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
किसके मारे अर्जुन मर गए किसके मारे भीम ?
किसके मारे बालि मर गये, कहाँ रहा सुग्रीव ?
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
कृष्ण मारे आर्जुन मर गए कृष्ण के मारे भीम
राम के मारे बालि मर गए लड़ता था सुग्रीव
जोगीरा सारा रा रा, जोगीरा सा रा रा रा..’
सभी ब्लॉगर मित्रों और पाठक मित्रों को होली की बहुत बहुत बधाई.आदरणीय जागरण जंक्शन परिवार के सभी सदयों को होली की बधाई.आपके और आपके समस्त परिवार के लिए होली मंगलमय हो.होली के रंगारंग पावन-पर्व पर सभी को हार्दिक बधाई.
रंग उडाऐ पिचकारी..
रंग जाऐ दुनिया सारी..
होली के रंग आपके जीवन को रंग दे..
ये शुभकामना है सदा हमारी..

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आलेख,संकलन और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कंदवा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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