Menu
blogid : 15204 postid : 603613

नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी-जंक्शन फोरम

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
  • 534 Posts
  • 5673 Comments

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
11modi7
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

देश को इस समय एक महानायक की जरुरत है,जो देश की सभी समस्याओं का समुचित समाधान कर सके.मेरे अपने मानस में बसे महानायक की जो छवि है,उसे मै अपनी लेखनी में उतार रहा हूँ.सभी मित्रों को पहले ही मै बता देना चाहूँगा कि मेरा राजनीती से कोई लेना देना नहीं है और मै किसी पार्टी से जुड़ा हुआ भी नहीं हूँ.मेरी बस एक ही चाहत है कि भ्रस्टाचार,महंगाई और अपराधों की बाढ़ से आम जनता को छुटकारा दिला सके,ऐसा कोई रियल महानायक हमारे बीच प्रगट हो.जनता ने अब तक बहुत दुःख झेला,अब पुरानी सब बातें छोड़कर इस नए दौर में देश के चहुंमुखी विकास व् जनता की खुशहाली की नई कहानी लिखी जाये.एक पुरानी फिल्म “हम हिंदुस्तानी” का प्रेम धवन जी का लिखा हुआ गीत मुझे बहुत प्रिय है-
छोडो कल की बातें,कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे,मिल कर नई कहानी.

वास्तव में आज हिंदुस्तान को इसी बात की जरुरत है.आज देश को एक ऐसा राजनीतिक लीडर चाहिए,जिसके साथ पूरे देश की आम जनता एक सुर में चले और हर तरह से देश का और देश की आम जनता का सर्वंगीण विकास हो.मुझे ऐसा लगता है कि आने वाला समय भारत के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होगा,चाहे वो समाज में बढ़ रहे अपराधों की समस्या हो,दिनोदिन बिगडती ही जा रही आर्थिक समस्या हो या फिर देश की सीमाओं पर जंग का माहौल पैदा हो.इन सब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए भारत को एक बोल्ड लीडर चाहिए.फ़िलहाल वर्तमान समय में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के भावी उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी जी में मुझे ऐसे महानायक की झलक नज़र आती है.मोदी जी ने जिस तरह से गुजरात का विकास किया है,उससे ऐसा लगता है कि देश का भी विकास करने की भी उनमे क्षमता है.विकास की दौड़ में पिछड़ते जा रहे और आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे देश व् देश की आम जनता को ऐसा लीडर चाहिए,जो देश की तरक्की के लिए आम जनता का हौसला बढ़ा सके.कवि प्रेम धवन जी कहते हैं-
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं,
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं.
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को,
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं.

मोदी जी की बात होती है तो बहुत से लोगों के दिमाग की सुई वर्षों पहले हुए गुजरात के दंगों पर जाकर अटक जाती है.मेरा मन भी वहां जाकर ठिठक जाता है.मानवता के नाते मै भी कहूँगा कि धर्म,राजनीती और बदले की भावना से प्रेरित हिंसा के नाम पर निर्दोष लोगों के साथ जो कुछ भी अमानवीय अत्याचार हुआ,वह हमेशा निंदनीय रहेगा,लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि १९८४ के दंगे जिसमे हजारों बेगुनाह सिक्ख मारे गए और अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे गुजरात में हुए दंगे से किसी भी प्रकार से भिन्न नहीं हैं.अत:दंगे किसी के भी शासनकाल में हो सकतें हैं,इस आधार पर किसी नेता को सांप्रदायिक कहना मेरे ख्याल से उचित नहीं है.मुझे तो यह देखकर आश्चर्य होता है कि भारत में हर पार्टी किसी न किसी समुदाय विशेष से जुडी है,परन्तु हर पार्टी एक दूसरे को सांप्रदायिक कहती है.कितनी हंसी की बात है कि हमारे देश में महज अपनी राजनीति चमकाने के लिए एक दूसरे को सांप्रदायिक कहा जाता है,परन्तु जरुरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद लेकर वो सरकारें भी बनातें हैं.हम देश के बड़े मुद्दों पर क्यों नहीं जातें हैं.इस समय देश का सबसे बड़ा मुद्दा देश की सीमाओं की सुरक्षा और देश का आर्थिक विकास है.कवि प्रेम धवन जी के शब्दों में-
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के,
दीप जलाएं हैं ये कितने दीप बुझा के.
ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को,
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के.

मेरे मानस में एक ऐसा बोल्ड लीडर बसा है,जो स्वयम कर्मयोगी हो और और जनता को कर्मयोग का सन्देश दे सके.जो स्वयम ईमानदार,भ्रस्टाचार से मुक्त और अपने मेहनत की कमाई खाने वाला हो और आम जनता को भी यही सन्देश दे,तभी इस देश का सर्वांगीण विकास होगा.कवि प्रेम धवन जी अपने गीत में कहतें हैं-
हर जर्रा है मोती आँख उठाकर देखो,
मिटटी में सोना है हाथ बढाकर देखो.
सोने की ये गंगा है चांदी की जमुना,
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो.
छोडो कल की बातें,कल की बात पुरानी,
नए दौर में लिखेंगे,मिल कर नई कहानी.

अंत में बस मै यही कहना चाहूँगा कि नेता हों या फिर अभिनेता अपने स्वार्थ के लिए अभिनय दोनों ही करतें हैं,बस अंतर केवल इतना है कि नेता जनता के सामने और अभिनेता फ़िल्मी परदे पर अभिनय करतें हैं.देश को काल्पनिक या फ़िल्मी महानायक नहीं बल्कि श्री नरेंद्र मोदी जी जैसा एक वास्तविक महानायक चाहिए,जो देश की और जनता की समस्याओं को हल कर सके.ये मेरे मानस की चाहत है और देश की आम जनता के मानस की चाहत भी है.आने वाला समय ही बताएगा कि मोदी जी मेरे और आमजनता के मानस के चाहत की कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
(सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh