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वैवाहिक स्थिति स्पष्ट करना मोदी जी की महानता है

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बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने वडोदरा लोकसभा सीट के लिए अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए हलफनामे में अपने शादीशुदा होने की बात स्वीकार क्या कर ली,मोदी लहर से हताश और निराश हो चुके विपक्षी नेताओं को मोदी पर जुबानी हमला करने का एक मौका मिल गया है.विपक्षी नेताओं ने मोदी को महिला विरोधी साबित करने की असफल कोशिश शुरू कर दी है.
कांग्रेस के बड़बोले महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज सुबह ट्वीट किया-” मोदी ने अपनी वैवाहिक स्थिति कबूल कर ली है। क्या देश की महिलाएं ऐसे किसी शख्स पर भरोसा कर सकती हैं, जो एक महिला का पीछा करवाता हो, अपनी पत्नी को उसके अधिकारों से वंचित रखता हो.”आदरणीय दिग्विजय सिंह जी मोदी जी ने अपनी वैवाहिक स्थिति स्पष्ट कर अपनी महानता का परिचय दिया.महात्मा बुद्ध और भगवान राम ने जनकल्याण के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया था तो क्या वो महिला विरोधी थे.कांग्रेस के बहुत से नेता ऐसे हैं,जिन्होंने पति या पत्नी से दूर रहकर राजनीति की तो क्या वो सबलोग चरित्रहीन और महिला विरोधी हैं.ये बात भी याद रखना चाहिए कि सिर्फ पति ही पत्नी को छोड़ता हो,ऐसी बात नहीं है,बहुत से मामलों में ये देखा गया है कि पत्नी भी पति को छोड़ देती है.अधिकतर मामलों में दोनों एक दूसरे की रजामंदी से एक दूसरे से अलग हो जाते है,जैसा कि मोदी जी के जीवन में हुआ है,फिर इस मामले पर व्यर्थ की बयानबाजी क्यों ?
नरेंद्र मोदी जी की पत्नी जशोदाबेन जी इस बारे में कहतीं हैं-” उनका नरेंद्र मोदी से विवाह तब हुआ था, जब वह 17 वर्ष की थीं, लेकिन दोनों शादी के तीन साल बाद अलग हो गए थे, और जब से वे अलग हुए हैं, वह कभी नरेंद्र मोदी से नहीं मिलीं.जशोदाबेन जी ने बताया कि वे दोनों, “अच्छे माहौल में एक-दूसरे से अलग हुए थे… कभी कोई झगड़े नहीं होते थे… वैसे, तीन साल के दौरान हम शायद कुल मिलाकर तीन महीने ही एक साथ रहे थे.”
नरेंद्र मोदी जी उदारता और महानता के बारे में वो कहतीं हैं-” नरेंद्र मोदी उन्हें ज़्यादा शिक्षा हासिल करने के लिए कहते रहते थे.उन्होंने कहा, जब मैं उनके घर गई, तो मैंने पढ़ाई छोड़ दी थी, और मुझे याद है कि वह मुझसे कहते रहते थे कि वह चाहते हैं कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूं.वह अधिकतर मेरी पढ़ाई पूरी करने के बारे में ही बात किया करते थे.”
जशोदाबेन जी को अपने पति से कोई गिला शिकवा नहीं है.वो पुरे विश्वास के साथ कहतीं हैं कि नरेंद्र मोदी एक दिन प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे.वर्षों से एक दुसरे के साथ नहीं रहने के वावजूद भी दोनों एक दूसरे का पूरा सम्मान करते हैं.कांग्रेस के शासनकल में कितनी महिलाऐं दिल्ली में बलात्कार की शिकार हुईं,सन १९७७ के आपातकाल में और सन 1984 के सिख विरोधी दंगे में कितनी महिलाओं पर अत्याचार हुआ,वो दर्दनाक कहानी सारी दुनिया जानती है,इसीलिए वास्तव में महिलाओं का विरोधी कौन है,ये बताने की आवश्यकता नहीं है.
नरेंद्र मोदी जी ने अपनी वैवाहिक स्थिति पर अपना रुख साफकर महानता का परिचय दिया है.वो स्वीकार करते हैं कि वो शादीशुदा हैं और जशोदाबेन जी उनकी पत्नी हैं.पति पत्नी के बीच दूरी का कारण राजनीति और देशप्रेम की भावना है.मोदी जी यदि प्रधानमंत्री बनते हैं तो शपथग्रहण समारोह में जशोदाबेन जी को विशेष रूप से आमंत्रित करना चाहिए,इससे सारे देशवासियों को ख़ुशी होगी.इसी विषय पर एक फिल्म बनी थी-आँधीं,जिसमे संजीवकुमार और सुचित्रासेन ने बहुत बेहतरीन अभिनय किया था.उस फिल्म का एक गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था-
तेरे बीना ज़िन्दगी से कोइ, शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बीना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं
ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं
काश ऐसा हो, तेरे कदमों से,
चुन के मंजिल चले और कही, दूर कही
तुम गर साथ हो, मंजिलों की कमी तो नहीं
तेरे बीना ज़िन्दगी से कोइ, शिकवा तो नहीं

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(सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६)
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