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मोदीजी की कुंडली में मंगल दूर करेगा सारे अमंगल

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भाजपा और राजग के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदीजी २४ अप्रेल को वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन परचा भरेंगे.नामांकन की यह तिथि गुजरात के ज्योतिषियों ने तय की है,जिनपर मोदीजी ज्यादा भरोसा करते हैं.गुजरात के ज्योतिषियों के अनुसार यह तिथि नामांकन के लिए और चुनाव में भारी मतों से विजय के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है.इसके विपरीत काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार २४ अप्रेल को प्रात: ८ बजकर ५१ मिनट से लेकर ७ बजकर ४५ मिनट तक भद्राकाल रहेगा.यह काल नकारात्मक होता है और शुभकार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है,परन्तु गुजरात के पंडितों के अनुसार २४ अप्रेल को पूरे दिन पंचक या पचखा का काल रहेगा,जो चुनाव जैसे कार्यों के लिए बहुत शुभ है.
पाठक मित्रों की सुविधा के लिए यहांपर एक बात बता दूँ कि वास्तव में भद्रा और पचखा है क्या चीज ? पंचांग के पांच अंगो-तिथि,वॉर,नक्षत्र,योग और करण आदि के सम्मिलित अशुभ योग से भद्रा और पचखा का योग किसी तिथि विशेष में निर्मित होता है.एक और जहाँ भद्राकाल सभी शुभ कार्यो के लिए वर्जित है,वहीँ दूसरी तरफ पंचक या पचखा चुनाव में नामांकन जैसे शुभ कार्यो के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है.इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र दोपहर १ बजकर ३९ मिनट तक चलेगा,जो कि भारी मतों से विजय श्री दिलाने में सक्षम है.इस समयावधि के दौरान यदि नामांकन होता ही तो यह अतिउत्तम होगा तथा साथ ही नामांकन वाले दिन काशी की जनता का अपार जन समर्थन भी मिलेगा.
ज्योतिष की चर्चा चली है तो मित्रो आइये नरेंद्र मोदीजी की कुंडली पर थोड़ा विचार करें.लगभग बाईस साल के रिसर्च के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि ज्योतिष का ज्ञान समुद्र की तरह से अथाह है और कोई भी ज्योतिषी इस विद्या में पूर्णता का दावा नहीं कर सकता है.मेरी नजर में सबसे बड़ा ज्योतिषी ईश्वर है.वही सबसे बेहतर ढंग से जानता है कि वास्तव में काल क्या होगा.इस क्षेत्र में जो मेरे पास थोड़ा बहुत ज्ञान और अनुभव है,मैं उसी आधार पर मोदीजी की कुंडली का निष्पक्ष रूप से विवेचन कर रहा हूँ.
भाजपा और राजग के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदीजी का जन्म १७ सितंबर १९५० को मेहसाना में हुआ था.उनका जन्म वृश्चिक लग्न, कर्क नवांश और वृश्चिक राशि में हुआ था.इनके जन्म के समय चन्द्रमा और मंगल दोनों ही कुंडली के पहले घर में वृश्चिक राशि में बैठे थे.वृश्चिक लग्न में मंगल लग्नेश होकर बैठता है और चंद्रमा जब भाग्येश होता है और लग्न में जब ये संयोग करते हैं, तब बहुत बड़ा राजयोग बनता है.मोदी की कुंडली के ग्यारहवें घर में सूर्य बुध, केतु एवं नेप्चयून के साथ बैठा है.गुरु चौथे घर में और शुक्र और शनि दसवें घर में बैठे हैं.उनकी जन्म राशि और पुकारने वाले नाम की राशि दोनों ही वृश्चिक है.उनका जन्म भी वृश्चिक लग्न में हुआ है.इन तीनो का स्वामी मंगल है.मंगल उनकी कुंडली के लग्न में भाग्य के स्वामी चन्द्रमा के साथ बैठा हुआ है.
भाग्येश और लग्नेश का एकजुट होकर लग्न में बैठना सबसे बड़ा राजयोग निर्मित करता है.इस मंगल ने मोदीजी को अदम्य साहस और असीम ऊर्जा प्रदान किया है.यह उन्हें ऊँचा से ऊँचा पद दिलाने में सक्षम है.वो अपने विकास कार्यों के कारण लोगों के ह्रदय में बसेंगे और हमेशा याद किये जायेंगे.उन्हें ११ रत्ती का मूंगा धारण करना चाहिए.मंगल के साथ चन्द्रमा नीचस्थ होकर विराजमान है.यह संकेत करता है कि वह जीवन भर अथक प्रयास और अविस्मरणीय विकास कार्य करने पर भी देशभर के सभी मुस्लिमों को पूर्णत: संतुष्ट कभी नहीं कर पाएंगे,परन्तु मोदीजी की स्वीकार्यता धीरे धीरे उन लोगों के बीच भी बढ़ेगी,और इससे मोदीजी की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.वो देशभर में ही नहीं बल्कि एक दिन विकास पुरुष के रूप में पूरे विश्वभर में प्रसिद्धि पाएंगे.
मोदीजी लग्न और चन्द्रमा दोनों से मंगला हैं यानि डबल मंगला है.ये उनके वैवाहिक जीवन को पूरी तरह से डिस्टर्ब कर रहा है.मोदीजी पर इस समय शनि की महादशा और मंगल की अन्तर्दशा जारी है.शनि चतुर्थ स्थान का स्वामी होकर दशम स्थान में शुक्र के साथ बैठा हुआ है.यही सुयोग पूरे देशभर में जारी मोदीलहर का मुख्य कारण है.मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने की पूरी सम्भावना है.अगर कोई बाधा है तो वो है शनि की साढेशाती का प्रभाव,जो जन्मराशि और नामराशि दोनों पर जारी है,ये उनके लिए रोग और चोट का कारण भी बन सकता है,परन्तु मेरे विचार से मोदीजी की कुंडली में मंगल इतना हावी है कि वो रोगचोट आदि अमंगल से तो उन्हें बचाएगा ही,साथ ही लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से विजय श्री भी दिलाएगा.!! जयहिंद !! !! वन्दे मातरम !!
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रिसर्च और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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