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शंकराचार्यों की मोदी विरोधी राजनीति का पूरा सच
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पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ और द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती काशी में अब मोदी विरोधी राजनीति करने जा रहे हैं.प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यह कांग्रेस के पक्ष में प्रचार-प्रसार होगा.जो सुख आराम और सम्मान कांग्रेस ने उन्हें दिया है,वे मोदीजी का विरोध कर उसकी कीमत चुकाएंगे.समाचार पत्रों में छपी ख़बरों के अनुसार पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ और द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने लोकसभा चुनाव में वाराणसी से चुनाव लड़ रहे भाजपा के पीएम पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी जी का विरोध करने की योजना बनाई है.
विभन्न मिडिया के संवाददाताओं से बातचीत करते हुए स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि मोदी वाराणसी के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.वह धर्म गुरूओं से नरेन्द्र मोदी का विरोध करने को कहने के लिए वाराणसी जाएंगे.मोदीजी वाराणसी के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं,ये कितनी झूठी बात हैं,सबसे पहले इसी बात पर गौर कीजिये.वाराणसी सीट से नामांकन पत्र भरने से ठीक पहले बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदीजी ने इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर पार्टी का शुक्रिया अदा करते हुए बनारस की ऐतिहासिक विरासत को सलाम किया था.
नामांकन वाले दिन लाखों की तादात में उमड़ी भीड़ के लिए उन्होंने मिडिया के द्वारा सन्देश दिया था की मुझे आशीर्वाद दीजिए कि बनारस की पुरानी शान वापस ला सकूं.मोदीजी ने उस समय अपने ब्लॉग में लिखा था कि-“इस धरती की जो आध्यात्मिक शक्ति है,वह अद्भुत है.यह पूरी दुनिया को अपनी ओर खींचती है,लोग शांति और मोक्ष की खोज में यहां खींचे चले आते हैं.यहीं सारनाथ है,जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया.”आप सोचिये कि मोदीजी काशी की जनता को गुमराह कर रहे हैं या उसकी आध्यात्मिक धरोहर को समूचे विश्व में फ़ैलाने का शुभसंकल्प ले चुके हैं.
स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने मोदीजी को २००२ के गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार मानते हुए कहा कि-‘‘एक नामी गुनहगार वाराणसी से चुनाव लड़ रहा है और मैं वहां उसका विरोध करने जाउंगा.सत्ता में आने के लिए जो लोगों को बांट रहे हैं उनका पर्दाफाश किया जाना चाहिए.’’जिस कांग्रेस का ये लोग प्रचार-प्रसार करने जा रहे हैं,उसके शासनकाल में तो २००२ के गुजरात दंगे जैसे न जाने कितने कितने दंगे हुए हैं,फिर वो साफ पाक कैसे हैं.वो तो और बड़ी गुनहगार हैं.दंगे के लिए यदि मुख्यमंत्री को जिम्मेदार माना जाये तब तो हर मुख्यमंत्री एक नामी गुनहगार निकलेगा.
दूसरी तरफ स्वामी स्वरूपानंद के सहायकों ने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वयोवृद्ध धर्मगुरू अस्वस्थ होने के कारण स्वयं मोदी के विरूद्ध प्रचार में नहीं उतर सकेंगे और उनके नजदीकी सहयोगी स्वामी अवीमुक्तेश्वरानंद उनकी ओर से वाराणसी जाकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदीजी के विरूद्ध मोर्चा संभालेंगे.किस स्वप्नलोक में आपलोग विचरण कर रहे हैं कि आपलोगों के कहने का जनता पर कोई प्रभाव पड़ेगा.हिन्दुओं कि तो बात ही छोड़िये,अब अधिकतर मुस्लिम जनता भी अपने धर्माचार्यों के फतवों को नहीं मानती हैं और अपने स्वविवेक के आधार पर वोट देती हैं.
हिन्दू जनता भी आपलोगों के कहने से नहीं बल्कि अपने स्वविवेक के आधार पर वोट देगी.हिन्दू जनता पर आपलोगों की बताओं का कोई असर नहीं पड़ने वाला हैं.हाँ,मोदीजी के वरोध की गलती करके समाज में आपलोग अपनी निष्पक्षता और सम्मान जरूर कम करेंगे.
कुछ दिनों पहले ‘हर हर मोदी’ नारे को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यह ‘‘व्यक्ति पूजा’’ के समान है और अगर इस नारे को बंद नहीं किया गया तो ‘‘भगवान मोदी को रोकेंगे’’.उक्त नारे को लेकर उठे धार्मिक विवाद पर मोदी ने तुरंत ऐसे नारे नहीं लगाने का निर्देश दिया था.हिन्दू धर्माचार्यों को मै याद दिलाना चाहूंगा कि आदिशंकराचार्य जी ने “अहम ब्रह्मास्मि और एको अहम द्वितीयो नास्ति का उपदेश दिया था.जनता द्वारा लगाये गए “हर हर मोदी,घर घर मोदी” के नारे को लेकर धार्मिक विवाद पैदा किये जाने पर मोदीजी ने तुरंत भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को ऐसे नारे नहीं लगाने का निर्देश दिया था.
मोदीजी भी ईश्वर के अंश हैं और वो देश के ऐसे नेता हैं,जो लोगों के दिलों में बसते हैं.अत ‘हर हर मोदी’ का नारा कहीं से भी गलत नहीं हैं.सदियों से भगवान के नाम पर भोली भली आमजनता को डराते चले आ रहे हिन्दू धर्माचार्य क्या भगवान के नाम से स्वयं भी डरते हैं.इसका जबाब हैं-नहीं. नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के सवाल पर पत्रकार को थप्पड़ मारने के चलते सुर्खियों में छाए ज्योतिष व द्वारका पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की नजर में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी मोदी हिंदुत्व के लिए बड़ा खतरा हैं.इस वर्ष जनवरी में तीर्थराज प्रयाग के माघ मेले में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए पहुंचे शंकराचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही थी.
मोदीजी हिन्दुओं के ह्रदय में बसते हैं और बहुत से तरक्की पसंद मुस्लिम भी उनकी हिमायत करते हैं और उन्हें चाहते हैं,फिर वो हिंदुत्व के लिए बड़ा खतरा कैसे हो गए ?मोदी के नाम पर भौंहें तान लेने के साथ स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि-” मोदी को वेद का ज्ञान नहीं है.मोदी को पहले वेद पढ़ना चाहिए, ताकि समझ में आ सके कि वेद क्या होता है.वेद पढ़ने के बाद वह बड़ी-बड़ी बातें करें.बीजेपी को हिंदुओं की पहचान मिटाने वाली पार्टी बताते हुए शंकराचार्य ने कहा था कि बीजेपी के लोग भी वेदशास्त्र नहीं मानते हैं.”वेद का अर्थ क्या हैं-ज्ञान.
क्या वेद का अर्थ ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद बस यही चार पुस्तकों को पढ़ना और याद करना हैं-नहीं.भगवान की निश्छल और अनन्य भक्ति से भक्त के ह्रदय में प्रकट होता हैं और ये किसी ऐसे अनपढ़ व्यक्ति के ह्रदय में भी प्रकट हो सकता हैं जो ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद आदि इन चार धर्मग्रंथों का नाम भी न सुना हो.अत: मोदीजी और भाजपा के बारे में ये कहना कि इन्हे वेदशास्त्र का ज्ञान नहीं हैं,ये सरासर अज्ञानता हैं.
सनातन धर्म को खतरे में बताते हुए शंकराचार्य ने कहा था कि-“देश में एक तरफ ईसाइयों को धर्म प्रचार के लिए खुली छूट है.मुस्लिम कुरान शरीफ पढ़ाते हैं तो सरकार सहायता देती है पर सनातन धर्म से जुड़ी संस्थाओं के साथ ऐसा नहीं है.अगर हम धर्म के प्रचार के लिए कुछ करना चाहें तो हमें अनुमति लेनी पड़ती है.”क्या ऐसे वक्तव्य देना साम्प्रदायिकता और देश को बाँटने वाली विचारधारा नही हैं ?जबकि मोदीजी को आपलोग गुनहगार और सांप्रदायिक बताते हैं,जो हिन्दू,मुस्लिम,सिख या ईसाई की बात नहीं करते हैं,बल्कि १२५ करोड़ भारतीयों के विकास और उन्नति की बात करते हैं.उनसे बड़ा देशभक्त कौन है ?
गंगा की बदहाली के बारे में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि-“गंगा के प्रदूषण से मानव समाज के अस्तित्व पर संकट आ गया है.उन्नाव और कानपुर से बड़ी मात्रा में चमड़ा फैक्ट्रियों का गंदा जल गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है.इसके कारण गंगा काफी प्रदूषित हो रही है.सरकार को चाहिए गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए नहीं तो सनातन संस्कृति संकट में पड़ जाएगी.”
गंगा के निर्मलीकरण के बारे में मोदीजी के पास सर्वश्रेष्ठ प्लान हैं,जिसकी घोषणा वो आने वाले कुछ दिनों के भीतर कर देंगे.गंगाजी के बारे में मोदीजी बहुत भावुक होकर कहते हैं-” , “पहले मुझे लगता था कि भारतीय जनता पार्टी ने मुझे यहाँ भेजा है, फिर लगा कि मैं शायद काशी जा रहा हूँ. लेकिन मुझे आज लग रहा है कि मुझे न किसी ने यहाँ भेजा है और न मैं आया हूँ. मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है.एक बालक जिस तरह अपनी माँ की गोद में वापस आता है,उसी तरह की अनुभूति मैं कर रहा हूँ.
काशी की इस गंगा-जमुनी तहजीब के लिए परमात्मा मुझे शक्ति दे. मैं इस नगर की सेवा करूं. ग़रीब बुनकर मेरे भाई हों. काशी का पूरी दुनिया में आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थान बने.”उन्होंने कहा था कि शुरू में उन्हें वडोदरा में काम करने का मौक़ा मिला और आज वाराणसी में माँ की गोद में वापस आया हूँ.मैं जिस वडनगर के जिस गाँव में पैदा हुआ, वहाँ भी शिव का बहुत बड़ा तीर्थ है.
कुछ दिन पहले इन कथित हिन्दू धर्माचार्यों द्वारा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदीजी की पत्नी जशोदाबेनजी के ऋषिकेश में बाबा रामदेव के आश्रम में छिपाए जाने के सनसनीखेज दवा किया गया था.तब बाबा रामदेव ने कहा था कि-“इस तरह की ओछी हरकत कांग्रेस के इशारे पर हो रही है.उन्होंने साफ कहा था कि बहन जशोदाबेन इस समय उनके किसी भी आश्रम में नहीं हैं और यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है.बहन जशोदाबेन कोई आतंकी या हिस्ट्रीसीटर नहीं जो उन्हें छिपाया जाए.”
कथित हिन्दू धर्माचार्यों के झूठे दावों की पोल पट्टी उस समय खुल गई जब लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के तहत बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने भी महेसाणा में मतदान किया.जशोदाबेन ने दोपहर के समय अपना वोट डाला.जशोदाबेन भाई के परिवार के साथ मतदान करने पहुंची थीं.यशोदाबेन इस समय अपने भाई के साथ रह रही हैं.यशोदाबेनजी को लेकर मोदी जी के साफ पाक चरित्र पर हमेशा कीचड़ उछालने वाले और शंकराचार्य के प्रिय शिष्य दिग्विजय सिंह जी के चरित्र की असलियत भी अब देशवासियों के सामने आ गई है.
जशोदाबेन मिडिया को दिए गए अपने इंटरव्यु में कई बार यह इच्छा जता चुकी हैं कि मोदीजी देश प्रधानमंत्री बनें.इसके लिए वो विशेष व्रत उपवास और अनुष्ठान भी कर रही हैं.भगवान और काशी की आम जनता मोदीजी को काशी से विजयी बनाना चाहते हैं तो उन्हें विजयी होने से कोई रोक नहीं सकता हैं.कहा गया हुई कि-“मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूर-ऐ-खुदा होता है.”(दैनिक जागरण,एबीपी न्यूज़ और नवभारत टाइम्स के सौजन्य से समाचार संकलन) !!जयहिंद!! !!वन्देमातरम!!
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आलेख,संकलन और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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