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मोदी गरीबों का दिल और वतन की ज़बान बन गए हैं
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वाराणसी लोकसभा सीट के एक उम्मीदवार को बेनियाबाग में रैली करने,माँ गंगा का पूजन करने और वाराणसी की सड़कों पर रोड शो करने की इजाजत जिला प्रशासन और चुनाव आयोग ने नहीं दी.इसका कारण क्या था ? मेरी समझ से इसका केवल एक कारण है और वो ये है कि उस उम्मीदवार के साथ लाखों जनता चलती है.उसकी एक झलक पाने के लिए एक ऐसा जनसैलाब उमड़ता है,जिसे देखकर प्रशासन और चुनाव आयोग चिंतित और परेशासन हो जाता है.उनकी चित और परेशानी वाजिब भी है.लोगों की अपार भीड़ से घिरे उस वास्तविक जननेता की सुरक्षा की चिता और अपार भीड़ के अनियंत्रित होने की चिता.बेनियाबाग़ के चालीस-पचास हजार लोगों के बैठने वाले मैदान की क्षमता उसे देखने सुनने के लिए आने वाली लाखों की भीड़ की कल्पना मात्र से ही भयभीत हो जाता है.वो क्षमा मांगते हुए हाथ जोड़ देता है-
हे महानायक ! आप अपनी सभा के लिए कोई दूसरा स्थल चुनिए.आपके लिए उमड़ने वाले अथाह जनसैलाब का स्वागत करने में मैं असमर्थ हूँ.माँ गंगा उसे गले लगाने को पुकार रही है,वो उम्मीदवार भी माँ गंगा से मिलने और गंगाजल का स्पर्श व आचमन करने के लिए बेचैन है,परन्तु गंगापुत्रों की अपार भीड़ के साथ गंगातट तक जाना संभव नहीं हो पता है.माँ गंगा रूपी पवित्र गंगाजल का पूजन व आचमन उसे अपने चुनाव कार्यालय में ही करना पड़ता है.पवित्र गंगाजल के निर्मलीकरण के लिए वो गंगापुत्र दृढ संकल्प लेता है.कौन है ये गंगापुत्र और कौन है वो उम्मीदवार जिसके साथ अपार भीड़ चलती है ? जी हाँ,आपका अनुमान सही है.उस गंगापुत्र और उस जनसैलाब ले के चलने वाले महान जननेता का नाम है-नरेंद्र मोदी.
मैंने अपने जीवन में आज तक मोदीजी के जैसा जनसैलाब साथ ले के चलने वाला नेता नहीं देखा है.शाम को सवा छह बजे बीएचयू गेट से मोदीजी का काफिला जैसे ही बाहर निकलता है,वहांपर उपस्थित जनसैलाब चिल्ला उठता है-मोदी ! मोदी ! आसमान को गूंजा देने वाला शोर.महामना मदन मोहन मालवीय जी को प्रणाम कर मोदीजी जनता की अपार भीड़ का अभिवादन करते हुए शहर में सिगरा स्थित बीजेपी दफ्तर के लिए रवाना होते हैं.मोदीजी को बनारस मे रोड शो करने की इजाजत स्थानीय प्रशाशन और चुनाव आयोग ने नहीं दी थी,परन्तु फिर भी कल बीएचयू से भाजपा दफ्तर का सफर एक शानदार और अविस्मरणीय रोड शो मे तब्दील हो गया.जनता की अपार भीड़ के बीच धीरे धीरे चलता हुआ मोदीजी का काफिला और कार के भीतर से ही मोदीजी जनता का अभिवादन कर रहे थे.उसी समय बिजली चली गई या कहिये काट दी गई,परन्तु फिर भी अंधरे में खड़े होकर लोग मोदी रूपी उजाले को निहारते रहे.ये अदभुद दृश्य देखकर मुझे हसरत जयपुरी जी का लिखा हुआ एक पुरानी फिल्म “आब-ऐ-हयात” का ये गीत याद आ गया-
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
बेकसों के लिये, प्यार का आसमा
बेकसों के लिये, प्यार का आसमा
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
मैं जो गाता चलूँ, साथ महफ़िल चले
मैं जो बढ़ता चलूँ, साथ मंज़िल चले
साथ महफ़िल चले
मुझे राह दिखाती चले बिजलियाँ
मुझे राह दिखाती चले बिजलियाँ
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
लोगों की अपार भीड़ में गरीब से लेकर अमीर तक और बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी शामिल हैं.इस भीड़ में मुझे सबसे ज्यादा नौजवान लड़के और लडकिया दिखाई दे रहे थे,जो बहुत हसरत से मोदीजी को दूर से निहार रहे थे.देश के सभी नेताओं से निराश हो चुकी युवा पीढ़ी लिए मोदी एक ऐसी आशा की किरण हैं,जो देश के प्रधानमंत्री यदि बनते हैं तो उन्हें उन्हें बेहतर शिक्षा और बेहतर रोजगार प्रदान कर सकते है.आम जनता को विश्वास है कि अब मोदीजी ही दिनोदिन बढ़ती मंहगाई को रोक सकते हैं और भ्रस्टाचार के दलदल में फंसे देश को बहार निकाल सकते हैं.लडकिया और महिलाऐं मोदीजी की एक झलक पाने के लिए चार पांच घंटे से रोड पर और घरों की छतों पर खड़ी हैं.उन्हें मोदीजी से आसा है कि वो देश के प्रधानमंत्री बन जाने पर उनकी सुरक्षा करेंगे और उनकी बेहतरी के लिए बहुत से विकास कार्य करेंगे.
हुस्न भी देख कर मुझको हैरान है
इश्क़ को मुझसे मिलने का अरमान है
देखो अरमान है
अपनी दुनिया का हूँ मैं हसीं नौजवाँ
अपनी दुनिया का हूँ मैं हसीं नौजवाँ
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
सभी दल मोदीजी को कट्टर हिन्दू बताकर मुस्लिम विरोधी होने का झूठा आरोप लगाते हैं.उनके झूठ की पोलपट्टी कल उस समय खुल गई,जब भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में विशाल चुनावी रैली को संबोधित करने के पहले स्वतंत्रता सेनानी व सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य एक सौ तरह वर्षीय कर्नल निजामुद्दीन का पुरे श्रद्धा व सम्मान के साथ पैर छूकर आशीर्वाद लिया.मस्लिमों का मोदीजी के प्रति प्रेम तब स्पष्ट रूप से दिखाई दिया जब शहर वाराणसी में रात को मोदीजी का काफिला मुस्लिम बस्ती मदनपुरा से होकर गुजरा.मुस्लिम भाइयों ने सड़क के दोनों ओर और अपने घर की छतों पर भारी संख्या में इकट्ठा होकर मोदीजी का स्वागत किया.कई मुस्लिम भाईयों ने मोदीजी से हाथ भी मिलाया.लंका से लेकर उनके सिगरा स्थित चुनाव कार्यालय तक फूलों की वर्षा उनपर होती रही.
कारवाँ ज़िंदगानी का रुकता नहीं
बादशाहों के आगे मैं झुकता नही
मैं तो झुकता नहीं
चाँद तारों से आगे मेरा आशियाँ
चाँद तारों से आगे मेरा आशियाँ
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
मैं गरीबों का दिल हूँ, वतन की ज़बान
बड़बोलेपन और हताशा के शिकार अरविन्द केजरीवाल कल मोदीजी के लाखों समर्थको को देखकर छूमंतर हो गये.रात को मोदीजी के वाराणसी से जाने के बाद उन्हें बहस की चुनौती दे रहे थे.ये ड्रामा वो हर रोज सिर्फ मोदी के नाम पर न्यूज़ में बने रहने के लिए करते हैं.वो बहस में मोदीजी की बात तो दूर रही भाजपा के एक कार्यकर्ता को भी नहीं हरा पाएंगे.देश से भ्रस्टाचार मिटाने के निकले अरविन्द केजरीवाल अब खुद भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता के दलदल में फंस गए हैं.जनता उनकी असलियत जान चुकी है,इसीलिए जनता को अब उनमे कोई दिलचस्पी नहीं है.वाराणसी में मोदीजी का कोई मुकाबला नहीं है.बनारस के राजनितिक विशेषज्ञों का आकलन है कि यहांपर भाजपा के नरेंद्र मोदी विजयी होकर पहले नंबर पर रहेंगे.कांग्रेस के अजय राय दूसरे और आप’ उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल तीसरे नंबर पर रहेंगे.
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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