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अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहिए
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भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के नेता नरेंद्र दामोदर दास मोदी और उनके मंत्रिमंडल के ४५ नेताओं ने सोमवार २६ मई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में लगभग ४००० देसी-विदेशी मेहमानों की मौजूदगी में आयोजित भव्य कार्यक्रम में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की.नरेंद्र मोदी जी के मंत्रिमंडल में २३ कैबिनेट स्तर के,१० स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री और १२ राज्यमंत्री हैं.मोदी जी के मंत्रिमंडल में भाजपा के अलावा एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के कई नेता शामिल किये गए.परन्तु अपना दल की राष्ट्रीय महासचिव अपनप्रिया पटेल जी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.यह बहुत आश्चर्यजनक और दुखद था.जो लोग मंत्रिमंडल में शामिल किये गए हैं,उनमे से कइयों से ज्यादा योग्य अनुप्रिया पटेल हैं.
बीस मई को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में राजग दलों की बैठक में अनुप्रिया पटेल को बोलने का मौका न देना उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बहुत शर्मिंदगी की बात है.भाजपा चुनाव के समय में ही गरीब और पिछडो की बात करती है,परन्तु सत्ता मिलते ही वो गिरगिट की तरह से अपना रंग बदल देती है और अपना सवर्ण और सामंती चेहरा दिखाने लगती है.भविष्य में होने वाले मंत्रिमंडल के विस्तार के में यदि अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया भी जाता है तो वो सम्मानजनक बात नहीं होगी जो उन्हें २६ मई के भव्य समारोह में मंत्री पद से सम्मानित किया जाता.यदि मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाता है तो मैंने एक दृढ संकल्प लिया है कि भविष्य में मैं भाजपा को वोट नहीं दूंगा और न ही किसी को भाजपा को वोट डालने के लिए प्रेरित करूँगा.ये मेरा दृढ निश्चय है.
भाजपा की यह एक बहुत बड़ी गलती है,उसने गठबंधन धर्म की मर्यादा का निर्वहन नहीं किया है और अवसरवाद की राजनीति का परिचय दिया है.उत्तरप्रदेश में भाजपा को लोकसभा के चुनाव में जो भारी सफलता मिली है,उसका बहुत बड़ा श्रेय अपना दल और उसकी नेता अनुप्रिया पटेल को जाता है,जो न सिर्फ अपनी दोनों सीटें जीतीं बल्कि अथक परिश्रम करके भाजपा को कई सीटें जिताने में मदद भी कीं.यहाँ तक की वाराणसी से मोदी जी की जो भारी बहुमत से जीत हुई है उसमे भी उनका बहुत बड़ा योगदान है.अनुप्रिया पटेल में अथक परिश्रम करने की न सिर्फ ऊर्जा है,बल्कि जनता को आकर्षित करने की वाकपटुता और वाकसिद्धि भी है.मेरे विचार से तो निश्चय ही वो भविष्य में भारत की एक बहुत बड़ी लीडर बनेगीं.
लोकसभा चुनाव में मोदी जी के नामांकन व चुनाव के समय उन्हें भाजपा ने मंच पर स्थान दिया ताकि अपना दल का वोट उसे हासिल हो सके और चुनाव जीतने के बाद जब सरकार बनाने की बारी आई तो मंत्रिमंडल में स्थान देना भूल गई.एक पुरानी फिल्म “अमानत’ का गीत चरितार्थ हो गया- मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं.यूं जा रहे हैं जैसे हमें जानते नहीं.गठबंधन धर्म निभाने को दृढ संकल्पित अनुप्रिया पटेल जी का ह्रदय विराट है.मैंने उन्हें टीवी पर कहते सुना-हमें मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया,परन्तु हमें कोई शिकायत नहीं है.भाजपा को ये नहीं भूलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में तीन साल बाद जब विधानसभा के चुनाव होंगे,तब अकेले अपने दम पर चुनाव में सफल नहीं हो पायेगी.
तब उसे अपना दल की जरुरत पड़ेगी.अपना दल के संस्थापक स्वर्गीय सोनेलाल पटेल जी की पुत्री अनुप्रिया पटेल सबसे कम उम्र की (तैंतीस वर्ष) लोकप्रिय युवा लीडर हैं.वो उच्चशिक्षा प्राप्त भी हैं.एमबीए करने के साथ ही उन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री भी हासिल की हुई है.ऐसे युवा और प्रतिभावान नेता की देश को बहुत जरुरत है.भाजपा को अपनी गलती सुधारते हुए अनुप्रिया पटेल को अविलम्ब मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहिए.उत्तरोरदेश में भाजपा को अपना दल जैसा विश्वसनीय साथी कोई दूसरा नहीं मिलेगा,इसीलिए उसे मंत्रिमंडल में स्थान न देकर अपना दल की आस नहीं तोडना चाहिए और देशहित में एक लम्बे सफर के लिए उसे साथ ले के चलना चाहिए.!! जयहिंद !!
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सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६
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