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उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू होने पर भी शोषण जारी
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छह महीना पहले अख़बार में विज्ञापन देखकर अराइज़ कम्पनी का एक मोबाइल मैंने मंगाया.मुझे कोरियर से जब मोबाइल मिला तो उसके पैकेट में बिल नहीं था.मैंने ऑनलाइन और पेपर में विज्ञापन देकर शॉपिंग कराने वाली डी२एच शॉप कम्पनी को फोन करके बिल के बारे में जानना चाहा तो उसने कहा कि हम बिल नहीं देते हैं परन्तु आपको पूरा भरोसा दिलाते हैं कि यदि कोई खराबी होगी तो हम बदल देंगे.मोबाइल का चार्जर पहले ही दिन जल गया.मैंने बाजार से दूसरा चार्जर मंगाया.दस दिन बाद मोबाइल भी ख़राब हो गया.मैं फोन करके थकहार गया परन्तु इस कम्पनी ने न तो ख़राब मोबाइल ठीक कराया और न ही बदलकर नया मोबाइल मुझे प्रदान किया.
अभी कुछ दिनों पहले मैं महाराजा कम्पनी का ब्रावो नाम का कूलर मंगवाया.कूलर को चलाने पर पता चला कि वो बहुत ज्यादा पानी फेंक रहा है.इतना जयदा कि कपडे तक गीले हो जा रहे हैं.मैंने दुकानदार को फोनकर उसे सारी बात बताई.दुकानदार ने कहा कि आपकी समस्या मैंने कम्पनी तक पहुंचा दूंगा.दो दिन बाद मैंने उसे फिर फोन किया.दुकानदार ने घर आकर स्वयं कूलर चेक किया.वो चेक करने के बाद बोला कि इसकी पनीवाली पाइप बदलनी पड़ेगी.ये काम कम्पनी के सर्विसमैन आकर करेंगे.मैंने दुकानदार से कहा कि कूलर में एक बड़ी खराबी है,इसीलिए इसे बदलकर एक नया कूलर दे दो.दुकानदार ने असमर्थतता जताते हुए कहा कि ये संभव नहीं है,क्योंकि कम्पनी वारंटी देती है,गारंटी नहीं.दुकानदार मुझसे वादा कर चला गया कि वो एक दो दिन में कम्पनी के सर्विसमैन को भेज देगा.एक हफ्ता से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद कम्पनी का सर्विसमैन आजआया है.
उपभोक्ताओं से ठगी और लूट-खसोट पूरे देशभर में जोरशोर से जारी है.उपभोक्ताओं से पूरी कीमत वसूलने के बावजूद उन्हें सही वस्तुएं और वाजिब सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.हालाँकि हमारे देश की सरकार ने उपभोक्ताओं को संरक्षण देने के लिए कई कानून बनाए और लागु किये हुए हैं.उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून २४ दिसंबर1986 को लागू किया गया था.इस कानून के मुताबिक, किसी भी वस्तु को कीमत देकर प्राप्त करने वाला या निर्धारित राशि का भुगतान कर किसी भी प्रकार की सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता है.यदि उसे खरीदी गई वस्तु या सेवा में कोई कमी नजर आती है तो वह उपभोक्ता अदालत की मदद ले सकता है.सरकार से मेरा अनुरोध है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू हो जाने के बाद भी उपभोक्ताओं का शोषण जारी है.इस कानून को और प्रभावी ढंग से लागू किया जाये तथा उपभोक्ताओं को वारंटी की बजाय गारंटी दिलाई जाये तथा हर वस्तु पर हिंदी में नाम व विवरण लिखना अनिवार्य कर दिया जाये,ताकि अंग्रेजी न जानने वाले कम पढेलिखे लोग भी वस्तु के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें.!! जयहिंद !! वन्देमतरम !!
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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