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नेटवर्क कंपनियां उपभोक्ताओं की मानहानि कर रही हैं
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केंद्र सरकार का ध्यान मैं इस गंभीर विषय की ओर दिलाना चाहता हूँ कि इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की बहुत निम्न स्तर पर उतरकर मानहानि कर रही हैं.ये नेटवर्क सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां अपने बकाया बिलों की वसूली के लिए बकायदे प्राइवेट एजेंसियों को ठेका दे रखीं हैं.उन प्राइवेट एजेंसियों के कर्मचारी वकील ओर एडवोकेट बनकर उपभोक्ताओं को धमकाते हैं.ये लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं,पुलिस ओर कोर्ट के नाम पर उपभोक्ताओं को धमकी देते हैं.ये पुलिस और कोर्ट की झूठी धमकी देकर न सिर्फ उनकी अवमानना कर रहे हैं,बल्कि सरेआम कानून की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं.उपभोक्ताओं को प्राइवेट एजेंसियों से धमकी और गाली दिलवाकर बकाया बिलों की वसूली करना कानूनन जूर्म ह,परन्तु फिर भी ये जूर्म खुलेआम इस देश में हो रहा है और इसपर कोई रोक टोक नहीं है.
इस विषय में मैं अपना कटु अनुभव बयान कर रहा हूँ.मैंने यहांपर वाराणसी में आईडिया सेलुलर लिमिटेड कम्पनी से मार्च २०१४ में पोस्टपेड थ्रीजी नेट कनेक्शन लिया.तीन महीने प्रयोग करने पर मैंने देखा कि स्पीड बहुत कम है और मेरे क्षेत्र में सिग्नल भी ठीक से नहीं पकड़ रहा है.मैंने अपना कनेक्शन कटवा दिया और आईडिया सेलुलर लिमिटेड कम्पनी के कर्मचारी को अपने घर में बुलाकर दिनांक ९ जून २०१४ को ११०८ रूपये देकर अपना सब हिसाब किताब चुकता कर बिल ले लिया.प्रमाण के रूप में उस बिल को मैंने इस लेख के साथ प्रस्तुत भी किया है.इस बिल को चुकाने के एक हफ्ते बाद मेरे पास दिल्ली से एक एजेंसी के द्वारा धमकी भरे फोन आने शुरू हो गए.दिनांक १६ जून से लेकर २५ जून तक बहुत ही अभद्र भाषा में धमकी भरे फोन आते रहे.वो मोबाइल नंबर बदल बदल कर पुलिस और कोर्ट के नाम पर धमकाते थे.
लेनदेन का फर्जी मुकदमा खड़ा करने की धमकी देते थे.मैं उन्हें समझा समझस के थक गया कि मेरा किसी से भी कोई लेनदेन नहीं है.परन्तु वो कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे और मुझे दिल्ली बुलाते थे.मेरे साथ घटा ये पूरा दुर्भाग्यपूर्ण वाकया हमारे देश की सम्मानित पुलिस और आदरणीय कोर्ट दोनों की ही अवमानना है और उपभोक्ताओं की स्पष्ट रूप से मानहानि है,अत: आईडिया सेलुलर लिमिटेड कम्पनी और उससे जुडी बकाया वसूली करने वाली प्राइवेट एजेंसी के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिए.आईडिया सेलुलर लिमिटेड कम्पनी से मैं पूछना चाहता हूँ कि आपके कर्मचारी को घर बुलाकर सारे बकाया का पेमेंट करने के वावजूद भी मेरा नाम बकाया सूचि में डालकर दिल्ली क्यों भेजा गया.आपके बिल में साफ लिखा है कि कोई भी विवाद का न्यायक्षेत्र लखनऊ होगा,फिर आपने दिल्ली में अपनी रिकवरी एजेंसी के जरिये मेरे खिलाफ बकाये का झूठा केस क्यों बनाया ?.ये पूरी तरह से मेरी मानहानि है.मेरी तरह से देश के न जाने कितने उपभोक्ता इस तरह के अपमान के शिकार हो रहे होंगे.सरकार इस ओर ध्यान दे.!! जयहिंद !! !! वन्देमातरम !!
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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