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‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ में मोदी जी के सार्थक बोल

सद्गुरुजी
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‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ में मोदी जी के सार्थक बोल
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कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले
हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो
एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं,
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

महान गीतकार शैलेन्द्र के ये बोल हमारे देश का दर्शन है,सारी दुनिया को दिया गया प्रेम और शांति से परिपूर्ण एक आत्मिक सन्देश है.वसुधैव कुटुंबकम के इस सन्देश को बहुत व्यवहारिक और खूबसूरत ढंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व मंच पर सारी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है.अमरीकी दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बहुत सार्थक और उपयोगिता की दृष्टि से अत्यंत विचारणीय ऐतिहासिक भाषण की सबसे बड़ी विशेष बात थी,भारत के दर्शन और नीतियों की चर्चा करना.
न्यूयॉर्क में ‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ के सभागृह में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि ‘अब विश्व बदल चुका है, हमें वैश्विक प्रवाहों के साथ चलना है.भारत का दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का है.मेरे शपथ विधि समारोह में सभी सार्क देशों के प्रमुख आए.हम सब चाहते हैं कि हमारे संबंध पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण रहें.हम चाहते हैं कि सब सुखी हों और स्वस्थ हों, हम यह बात विश्व कल्याण के लिए करते हैं.पूरा विश्व एक नए दर्शन की जगह ले चुका है.पुराने समूहों से हमें बाहर निकलना होगा.तकनीक बदली है और हमारी युवा पीढ़ी ने इसे स्वीकार कर लिया है.’इस यथार्थ को सभी को स्वीकारना पड़ेगा.
अपने पडोसी देशों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रखने के की चर्चा करते हुए मोदी जी ने कहा कि वह अपने पड़ोसियों के साथ दोस्ती चाहते हैं और उन्होंने सत्ता संभालते ही भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों का दौरा किया.भारत और चीन के संबंध का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध अच्छे रहे हैं.हमारा सीमा विवाद जरूर है लेकिन हम मिलकर इसका समाधान खोजेंगे.मोदी जी ने कहा कि भारत और चीन अपने विवाद आपस में सुलझाने में सक्षम हैं.चीन से सीमा विवाद होते हुए भी भारत राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ा रहा है.’चीन भी यही कर रहा है.
भारत और अमेरिका के संबंध के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारत अमेरिका के सम्बन्ध यूँ तो बहुत अच्छे हैं,परन्तु कुछ मुद्दों पर मतभेद भी हैं.पति-पत्नी में भी सौ फीसदी कंफर्ट नहीं होता है.भारत और अमेरिका में दो ऐसी चीजे हैं जो दोनों को जोड़ती है, वह है लोकतंत्र.उन्होंने कहा,“दोस्ती जितनी सघन होगी,सुविधा उतनी बढ़ेगी.”आतंकवाद के मुद्दे पर अमरीका को सुझाव देते हुए मोदी जी ने कहा कि ‘अमेरिका और भारत दोनों ने अफगानिस्तान में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है.अमेरिका को अफगानिस्तान से वापसी की जल्दबाजी नहीं करना चाहिए.अमेरिका इराक में जल्दबाजी की वापसी का परिणाम भुगत चुका है.’
उन्होंने आतकवाद के खिलाफ दोहरी नीति अपनाने के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना करते हुए कहा,“आतंकवाद को हम अलग-अलग तराजू से नहीं तौल सकते.आतंकवाद सिर्फ़ आतंकवाद होता है,अच्छा और बुरा आतंकवाद कुछ नहीं होता.”उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब अमेरिका पर हमला होता है और जब अमेरिकी नागरिक आतंकवाद के शिकार होते हैं तो अमेरिका उसे बुरा आतंकवाद कहता है और जब अन्य देशों में आतंकवाद फैलता है तो वो उसमे अपना हित देखकर चुप रहते हुए अच्छा आतंकवाद समझता है.’
पिछले ४० सालों से आतंकवाद के दौर से गुजर रहे भारत के बारे में बोलते हुए मोदी जी ने कहा कि ‘भारत बुद्ध और महात्मा गांधी को मानता है.भारत में आतंकवाद बाहर से आ रहा है.’उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को एकजुट हो जाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘आतंकवाद से पस्त पश्चिम एशिया की हालत आज सबके सामने है.आतंकवाद के खिलाफ सबको मिलकर लड़ना होगा.कंधे से कंधा मिलाकर हमें एक मंच पर आना होगा.मानवता में विश्वास रखने वालों को एकजुट होकर लड़ना होगा.तभी हम आतंकवाद से लड़कर उसे खत्म कर सकते हैं.’आतंकवाद आज पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है.
देश की मुख्यधारा से जुड़े शांतिप्रिय और तरक्कीपसंद मुसलमानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारतीय मुसलमानों पर अल क़ायदा जैसे चरमपंथी संगठनों का कोई असर नहीं होगा.उन्होंने कहा, “भारत का मुसलमान अल क़ायदा जैसी आतंक फ़ैलाने वाली ताकत को फेल कर देगा.”मोदी जी ने दुनिया भर में बढ़ते आतंकवाद से एकजुट होकर निपटने पर ज़ोर दिया.
गुड गवर्नर्स और विकास ले बारे में बोलते हुए मोदीजी ने कहा कि ‘चुनाव में हम गुड गवर्नर्स और विकास के मुद्दे को लेकर उतरे और जीते.पहले छोटे वर्गों को खुश करने के लिए राजनीति होती थी, लेकिन इस बार माहौल बदल गया है.हम ई-गवनर्स पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.सरकार में पारदर्शिता कैसे आए, ये हमारी कोशिश है.हम ग्लोबल विकास में विश्वास की बात करते हैं, हमारा लक्ष्य विकास की दर को बढ़ाना है.हमें विश्वास है कि हमने जिन कदमों को उठाया है, उसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.मंगलयान की सफलता की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘हॉलीवुड की फिल्म भी महंगी होती है, उससे कम व्यय में हम मंगल पर पहुंचे, वो भी पहले प्रयास में.’निश्चय ही ये एक बहुत बड़ी उपलब्द्धि है.
प्रधानमंत्री जी जिस विशेष कार्य से अमेरिका गए थे,वो था दुनिया के उद्योगपतियों को भारत में व्यवसाय का न्योता देना.अपने इस कार्य को बखूबी अंजाम देते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘मैं दुनिया के उद्योगपतियों को भारत में व्यवसाय का न्योता देता हूं.हम ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से जुड़ने के लिए दुनिया से अपील कर रहे हैं.हम वो स्किल डेवलप करना चाहते हैं, जो जॉब क्रिएटर हों.उन्होंने कहा कि ‘भारत के पास तीन चीजें हैं,जो दुनिया के किसी देश के पास नहीं हैं.भारत के पास ये तीन चीजें हैं डेमोक्रैसी, डेमोग्राफिक डिवीजन और डिमांड.पर्यटकों को भारत भ्रमण का न्योता देते हुए उन्होंने कहा कि ‘मैं पर्यटकों को न्योता देता हूं कि वे भारत आएं,और देखें,भारत बहुत सुंदर देश है.
भारत की वर्तमान राजनीतिक स्थिति की चर्चा करते हुए मोदी जी ने कहा कि ‘३० साल के बाद भारत में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनकर आई है.पहली बार ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला,जो आजाद भारत में पैदा हुआ है.मुझे गुलामी को देखने का अवसर नहीं मिला.मेरी सांसों में लोकतंत्र समाया हुआ है.पहली बार बहुमत मिला है, करीब दो जनरेशन में उफान आया है.
भारत में महिलाओं की सम्मानजनक स्थिति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘मेरा मानना है कि महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है.इसके लिए बच्‍चों की शिक्षा बहुत जरूरी है.मेरी कैबिनेट में २५ फीसदी महिलाएं हैं.भारत में महिला को चुनाव में आरक्षण हैं.भारत ही नहीं एशिया में कई महिला प्रधानमंत्री बनी हैं.यहां पर मेरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बैठी हैं.मेरी विदेश सचिव सुजाता सिंह भी यहीं हैं.मैं जब गुजरात से बाहर निकला तब मैंने अपनी पूरी कमाई लड़कियों की शिक्षा के लिए दान कर दी.प्रधानमंत्री जी ने अपने निजी जीवन में अपनी पत्नी को पढ़ने के लिए प्रेरित किया,जो बाद में शिक्षिका बनीं.
भारत में बिजली संकट की चर्चा करते हुए मोदी जी ने कहा कि ‘हमारे लिए‍ बिजली, जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है.मेरी सरकार ने कहा है कि अगले पांच वर्षों में हम २४ घंटे बिजली सप्लाई करेंगे.मुझे नहीं लगता कि आने वाले समय में भारत में बिजली संकट होगा.गंगा की सफाई के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमने ढाई हजार किलोमीटर लंबी गंगा नदी के प्रोजेक्ट को लिया है.गंगा नदी देश की ३५ फीसदी जनसंख्या का जीविकोपार्जन करती है.मैं गंगा की सफाई के लिए जनआंदोलन खड़ा करना चाहता हूं.
पर्यावरण के बारे में मोदी जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘मैंने पर्यावरण पर किताब लिखी है.इसमें मैंने डेवलपमेंट और इनवायरमेंट को साबित किया है.डेवलपमेंट और इनवायरमेंट एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं.भारत में विकास के साथ साथ पर्यावरण को शुद्ध रखने का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.’
‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ ने अपने आप को बचाए रखा है.मैं दिल से उसका अभिनंदन करता हूं.भारत में जब वाजपेयी जी की सरकार थी, तब डॉ. हर्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.उन्होंने दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ‘भारत के पांच प्रधानमंत्री इस सभागृह में बोल चुके हैं.मेरा छठा नंबर है.पिछले तीन दिनों से अमेरिका में जो प्यार मिला है,उसका दिल से शुक्रिया अदा करता हूं.
न्यूयॉर्क में ‘काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस’ के सभागृह में जो कुछ भी प्रधानमंत्री जी ने कहा,वो अब एक ऐतिहासिक वैचारिक धरोहर बन चुकी है.मुझे सबसे ज्यादा ख़ुशी इस बात की है कि प्रधानमंत्री जी ने अपने विदेशी दौरे में ‘हीन भावना’ का शिकार हुए बिना देश की धड़कन हिंदी भाषा का सर्वत्र प्रयोग कर उसे विश्व पटल पर महिमामंडित और गौरवान्वित किया है.इस ऐतिहासिक और महान कार्य के लिए उन्हें सलाम.अंत में मेरी इच्छा हो रही है कि अपने महान देश भारत के वैश्विक दर्शन वसुधैव कुटुंबकम को गीतकार शैलेन्द्र की जुबान में दुनिया के सामने एक बार फिर से गुनगुनाऊँ-
जो जिससे मिला सिखा हमने
गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर
रोटी को नही पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया
सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं,
हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

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!! जयहिंद !! वन्देमातरम !! आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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