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दशकों बाद मिला देश को एक प्रभावशाली नेतृत्व-राजनीति
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हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पहली बार मिली बड़ी कामयाबी का श्रेय पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के चमत्कारी व्यक्तित्व को दिया जा रहा है.इन दिनों वो पूरे देशभर में और भाजपा में एक ऐसे ‘वन मैन शो’ बने हुए हैं,जो स्वर्गीय राजकपूर जी की तरह बड़ी बड़ी ग्लैमरस और सुपरहिट स्वप्निल फिल्में जनता को दिखा रहे हैं.देश की जनता को सुखी और अच्छा जीवन पाने की आशा बंधानेवाली मोदीजी की सुपरहिट फ़िल्में देखने में देश की जनता को खूब आनंद तो आ ही रहा है,इसके साथ ही उसे अब विश्वास भी हो चला कि-
वो सुबह कभी तो आयेगी, वो सुबह कभी तो आयेगी
इन काली सदियों के सर से, जब रात का आँचल ढलकेगा
जब दुःख के बादल पिघलेंगे, जब सुख का सागर छलकेगा
जब अंबर झूम के नाचेगा, जब धरती नग्में गायेगी
वो सुबह कभी तो आयेगी..
जिस सुबह की खातिर जुग जुग से, हम सब मर मर कर जीते हैं
जिस सुबह के अमृत की धून में, हम जहर के प्याले पीते हैं
इन भूखी प्यासी रूहों पर, एक दिन तो करम फर्मायेगी
वो सुबह कभी तो आयेगी..
इस गीत में साहिर लुधियानवी साहब ने वो सबकुछ कह दिया है,जो आज देश की सवा सौ करोड़ जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी से चाहती है.राजनीती के क्षेत्र में मोदीजी का चमत्कारिक विजयरथ भविष्य में भी आगे बढ़ता रहेगा,बशर्ते कि वो कांग्रेस और अन्य दलों से विरासत में मिले देश के भ्रस्ट सिस्टम को ठीक कर सकें और देश के खाली खजाने को भरकर उसका मुंह गरीबों के लिए खोल सकें.सभी जानते हैं कि इस महान कार्य में वक्त लगेगा,परन्तु जनता सिर्फ इतना ही चाहती है कि उसे मोदी सरकार के कामों से और उसकी सक्रियता से इस बात का आभास मिलता रहे कि मोदीजी ने देश की जनता को जो बड़े बड़े सपने दिखाए हैं,उसे पूरा करने के लिए मोदीजी की सरकार की तरफ से पूरी ईमानदारी और निष्ठां से प्रयास जारी है.
जनता तो इस समय के अपने सुपरहिट हीरो मोदीजी का सहयोग देने के लिए पूरी तरह से तैयार और आतुर है,परन्तु मोदीजी अकेले ही सरकार को खींचकर आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं,क्योंकि उनकी सरकार में सभी मंत्री मोदी जी की सोच और उनके जैसी सक्रियतावाले नहीं हैं.बहुतों को तो मोदीजी के अनुशासन और ईमानदारी का भय ही उन्हें चाहते हुए भी निष्ठां और ईमानदारी की पटरी से उतरने नहीं दे रहा है.ये एक बहुत अच्छी बात है कि मोदीजी बहुत अनुभवी नेता हैं और मंत्रियों पर पूरी तरह से लगाम कसकर आगे बढ़ने का पर्याप्त अनुभव उनके पास है.चौदह वर्षतक गुजरात की सरकार को पूरी निष्ठा,ईमानदारी और सफलतापूर्वक चलाने का अनुभव उनके पास है,जो आज केंद्र की सरकार को चलाते हुए निश्चित रूप से काम आ रहा होगा.
मोदी जी कि सबसे बड़ी खासियत मुझे ये लगती है कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र का अच्छाखासा अनुभव प्राप्त है.सोमवार को एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के ४२वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने मेडिकल साइंस के एक अनुभवी प्रोफ़ेसर की तरह नए डाक्टरों को कई बेशकीमती नसीहत दी.चिकित्सक की उपाधि पाने जा रहे नए डॉकटरों को संबोधित करते हुए मोदी जी ने कहा कि कि यह आपके पठन-पाठन का अंत नहीं है बल्कि अब आप कक्षा के बंद कमरों में पढ़ाई के दायरे से बाहर निकलकर ‘खुली कक्षा’ में जा रहे हैं.आपको अपने अंदर के छात्र की भावना को जीवित रखना चाहिए ताकि आप अपने पेशे में ऊंचाइयों पर पहुंच सकें.उन्होंने कहा कि कई लोगों और समाज के वर्गों ने कुछ न कुछ किया है और कुछ बलिदान दिया है तब जाकर आप डॉक्टर बन सके हैं.प्रधानमंत्री जी ने डॉक्टरों से अपने पेशे में आगे बढ़ते हुए इस बात को ध्यान में रखने को कहा.’
प्रधानमंत्री जी चिकित्सा के क्षेत्र में आज पूरे देशभर में जारी लूट और गरीब मरीजों के हो रहे शोषण से पूरी तरह से परिचित दिखे,तभी उन्होंने कहा कि ‘आपको मरीजों के साथ इस भावना से काम करना चाहिए कि मरीजों का आप पर हक है.आपके पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में आपकी मदद की है और उसका आपके ऊपर अधिकार है.इसका कर्ज चुकाना आपका कर्तव्य है.डॉक्टरों की छोटी पहल या मरीजों से संक्षिप्त बातचीत ही व्यक्ति विशेष में जीवन का संचार कर सकती है क्योंकि समाज में डॉक्टरों पर काफी भरोसा किया जाता है.इस बात को दिनचर्या में शामिल किए जाने की जरूरत है.
अच्छे और खराब डॉक्टर कि चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अच्छे और खराब डॉक्टर में इतना अंतर होता है कि ‘अच्छे डॉक्टर से मरीज के तार जुड़े होते हैं जबकि दूसरा खराब डॉक्टर काफी जानकारी होने के बाद भी मरीज के शरीर के बीमार अंग को एक उपकरण ठीक करने के रूप में लेता है.उन्होंनें कहा कि आपको मरीजों के बीच लोकप्रिय होना चाहिए क्योंकि वे आपका अनुसरण करते हैं.उन्होंने डॉकटरों को एक बहुत महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा कि एक मरीज यह सोच सकता है कि अगर डॉक्टर खुद ही धूम्रपान कर रहा है तब मैं इसकी चिंता क्यों करूं.आप उदाहरण हैं, आपको यह ध्यान रखना चाहिए.’
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘भारत जैसे बड़े देश में चिकित्सा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए बदलाव की जरूरत है.डॉक्टरों को इस क्षेत्र की नवोन्मेषी पहल से अवगत होना चाहिए और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी को आत्मसात करना चाहिए.आपको मरीजों के साथ इस भावना से काम करना चाहिए कि मरीजों का आप पर हक है.मुझे उम्मीद है कि समाज को आपके काम का लाभ मिलेगा और स्वस्थ भारत का सपना हासिल किया जा सकेगा.’
मुझे इस कार्यक्रम की कुछ बातें बहुत विशेष लगीं,जो मेरे दिल को छू गईं.इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हषर्वर्धन जी ने बड़े गर्व से बताया कि एम्स के ४० प्रतिशत से अधिक डॉक्टर काम के लिए विदेश जा चुके हैं.प्रधानमंत्री जी ने इस बात पर अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘उन्हें यह जानकारी नहीं है कि क्या विदेश जाने वाले डॉकटरों के मन में मन में देश को वापस कुछ देने की बात आती है या नहीं.उन्हें डॉक्टर बनाने के लिए देश के बजट में विभिन्न क्षेत्रों से धन खींचकर उनपर खर्च किया जाता है.’
प्रधानमंत्री जी को जब खड़े होकर सम्मान (स्टैंडिंग ओवेशन) दिया गया तो उन्होंने यह सम्मान उन बुजुर्ग डॉकटरों को समर्पित कर दिया,जिन्हे इस कार्क्रम में लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.सबसे अच्छी बात मुझे जो लगी,वो ये कि संबोधन के समापन पर उन्होंने आयोजकों को एक बहुत अच्छी सलाह देते हुए कहा कि ‘ऐसे दीक्षांत समारोहों में गरीब छात्रों को ‘विशेष अतिथि’ के रूप में आमंत्रित किया जाना चाहिए क्योंकि यह उन्हें ऐसी प्रेरणा देगा, जितना कोई शिक्षक भी नहीं दे सकता है.’पूरी तरह से हॉउसफुल विशाल सभागृह में बैठे सभी लोग उस समय हतप्रभ और अवाक रह गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने कहा कि ‘उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि उन्हें इस समारोह के लिए क्यों निमंत्रित किया गया, क्योंकि न तो वह एक अच्छे मरीज़ हैं और न ही डॉक्टर.मुझे निमंत्रित किया गया क्योंकि मैं प्रधानमंत्री हूं.यह देश की बदकिस्मती है कि हम (राजनीतिज्ञ) सभी जगह हैं.’प्रधानमंत्रीजी ने यह कहकर राजनीतिज्ञों पर एक करारा व्यंग्य किया.
अंत में क्या कहूँ..देरतक खड़े होकर तालियां बजाती डॉकटरों की भीड़..प्रधानमंत्रीजी ने सबके ह्रदय को छू लिया था..सबके दिलों में उन्होंने कर्तव्य और सेवाभावना का दीप जलाकर उजाला कर दिया था.प्रधानमंत्री हो तो ऐसा..जिसके साथ आज देश की सारी जनता खड़ी है..जहाँ जाते हैं लोंगो की अपार भीड़ और उनकी असीम महत्वकांक्षाएं समुद्र की तरह हिलोरें मारने लगती हैं..जनता की बस एक आवाज सुनाई देती है..मोदी..मोदी..सौभाग्य से दशकों बाद देश को मिला एक प्रभावशाली नेतृत्व..उनकी सबसे बड़ी विशेषता ये है की उन्होंने देश की भ्रस्ट व्यवस्था से लुटिपिटी व राजनीतिज्ञों से निराश हो चुकी जनता के मन में एक नया उत्साह,नई उमंग और चमत्कारिक उर्जा का संचार कर दिया है..दिवाली के दिन हमलोग अपने घरों में दीप जलाएंगे और मोदीजी उसदिन कश्मीर में बाढ़ की बर्बादी से बेघर हो चुके बाढ़ पीड़ितों के संग बैठकर उनके हताश-निराश हो चुके मन में आशा और नवसृजन के दीप जलाएंगे..और निश्चय ही उनसे यही कहेंगे..जो गीतकार प्रेम धवन ने अपने एक गीत में कहा है-
छोडो कल की बाते, कल की बात पुरानी
नए दौर मे लिखेगे मिलकर नयी कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाए
अपने हाथो को अपना भगवान बनाए
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाए
नया खून है, नयी उमंगे, अब है नयी जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
छोडो कल की बाते, कल की बात पुरानी
नए दौर मे लिखेगे मिलकर नयी कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
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!! जयहिंद !! वन्देमातरम !! आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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