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छठ महापर्व पर रेलवे की बदइंतजामी-जागरण जंक्शन मंच
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केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय
छठ गीत अब जगह जगह बजने लगे हैं.बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा पर्व “छठ महापर्व” आज से शुरू हो रहा है.चार दिनों का छठ पूजा व्रत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से लेकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक किया जाता है.सोमवार २७ अक्टूबर,२०१४- चतुर्थी तिथि को छठ पूजा व्रत की शुरुआत नहाए-खाए से शुरू होगी.इसदिन शाम के समय कद्दू (लौकी) की सब्जी के साथ शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण किया जायेगा.मंगलवार २८ अक्टूबर,२०१४- पंचमी तिथि यानि खरना को पूरे दिन का उपवास रखा जायेगा और शाम के समय गन्ने के रस या गुड़ में बने चावल की खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जायेगा.बुधवार २९ अक्टूबर,२०१४- षष्ठी तिथि को निर्जला व्रत रखा जायेगा.
इस दिन शाम के समय डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए सभी पूजा की साम्रगियों को लकड़ी के डाले में रखकर घाट पर ले जाया जायेगा.घाट पर डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद घर व्रती लोग वापस घर आ जायेंगे.गुरुवार ३०अक्टूबर,२०१४- सप्तमी तिथि को सुबह-सुबह सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर लोग पहुँच जायेंगे और उगते हुए सूर्य की पहली किरण के साथ ही सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगे.गुरुवार को प्रातः कल के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के बाद चार दिनोवाले छठ पूजा व्रत का समापन हो जायेगा.नौकरी या कामधंधे के कारण पूरे भारत भर फैले बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश के लोग छठ पर्व पर अपने गांव या शहर जा रहे हैं.युवा लड़के कानों में ईयरफोन लगाये छठ गीत सुनते हुए रेलवे स्टेशन की ओर ट्रेन पकड़ने के लिए भाग रहे हैं-
नारियलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय
रेलवे स्टेशन पर पहुँचते ही प्लैटफॉर्म और ट्रेनों में यात्रियों की अपार भीड़ देख अधिकतर लोंगो का अपने गांव या शहर जाने का सारा उत्साह ही ठंडा पड़ जा रहा है.इस समय टीवी पर अधिकतर न्यूज़ चैनलों पर दिखाया जा रहा है कि छठ पूजा के अवसर पर बिहार में अपने शहर या गांव लौटने के लिए बहुत से मुसाफिर दिल्ली,लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर, मुंबई, अमृतसर जैसे अनेक शहरों से ट्रेनों पर सवार होने के लिए कठिन संघर्ष करते दिख रहे हैं. नयी दिल्ली स्टेशन पर भीड़ इतनी अधिक है कि स्लीपर क्लास की रिजर्व टिकट पास में होने पर भी यात्रियों को ट्रेन में सवार होने में काफी कठिनाई हो रही है.भीड़ में दबकर रोते चिल्लाते हुए छोटे- छोटे मासूम बच्चे.माँ बाप को ट्रेन में खड़े होने की जगह नहीं तो बच्चों को कहां बिठायें.
कई महीने पहले से ही स्लीपर क्लास में सीट रिजर्व कराये यात्रियों की समस्या यह है कि वो बैठे कहांपर,उनकी सीट पर पहले से लोग बैठ गये हैं.जो अनारक्षित कोच हैं,उनकी स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है.हर ट्रेन में दो से चार की संख्या में ही अनारक्षित कोच हैं जबकि इस पर सवार होने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्लेटफार्मों पर घंटों से लाइन लगाकर खड़े हैं.न्यूज़ चैनल दिखा रहे हैं कि इन कोचों के शौचालयों तक में भी लोग बैठे दिख रहे हैं.रेलमंत्री और प्रधानमंत्री जी को समाचार चैनलों पर देखना चाहिए कि उनके राज में ट्रेनों में लोग किस तरह से भेड़ बकरियों की तरह से ठूस- ठूसकर और धक्कामुक्की व मारामारी करके यात्रा कर रहे हैं.
भारतीय ट्रेनों में इन दिनों मोदीजी के अच्छे दिन आने के दावों की धज्जियाँ उड़ रहीं हैं.रेलवे के अधिकारियों के अनुसार त्योहार के मौसम को देखते हुए दो दर्जन से अधिक ट्रेनों को सेवा में लगाया गया है.विशेष ट्रेनों के अलावा भीड़ को देखते हुए नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाये जा रहे हैं.प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए और ट्रेन आने पर उसमें प्रवेश करने के लिए आपाधापी,धक्कामुक्की और मारामारी को देखते हुए यही लगता है कि इस समय बेकाबू हो चली भीड़ के सामने रेलवे के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं,चाहे वो विशेष ट्रेन चलाने का हो या फिर यात्रियों की सुरक्षा करने का हो.खचाखच भरी ट्रेन पर सवार होने के चक्कर में एक यात्री की मृत्यु हो चुकी है और कई यात्री भीड़ में दबकर घायल हो चुके हैं.
छठ पर्व के समय ये सब रेलवे की असफलता ही मानी जाएगी.फ़िलहाल रेलमंत्री और प्रधानमंत्री जी त्योहार के मौसम में बिहार जाने वाले यात्रियों को विशेष यात्रा सुविधा का लाभ देकर अच्छे दिनों का संकेत देने में असफल ही साबित हुए हैं.शायद अगले साल से वो छठ के समय बिहार जाने वाले यात्रियों को विशेष यात्रा सुविधा मुहैया कराएँगे,ऐसी उम्मीद करनी चाहिए.सभी ब्लॉगर मित्रों और कृपालु पाठकों को ‘छठ महापर्व’ की बधाई.सूर्य भगवान और छठ मैया आप सबकी मनोकामना पूर्ण करें.यात्रा में अनेक परेशानियों और विध्न-बाधाओं को झेलने के बावजूद भी आप सकुशल अपने घर पहुंचे और आपका छठ व्रत अनुष्ठान पूर्ण हो.बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर की फिजाओं में गूंजते हुए छठपर्व के गीत त्याग,तपस्या,प्रेम,एकता और भाईचारे का सन्देश सदैव देते रहें.
अमरुदवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय
उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय
उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय
सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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