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आइये अब जरा मुस्कुरा लें-मेरी पसंद के चुटकुलों का संग्रह

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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आइये अब जरा मुस्कुरा लें-मेरी पसंद के चुटकुलों का संग्रह
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मित्रों..अपनी पसंद के कुछ चुटकुलों का संग्रह मैंने इंटरनेट के जरिये किया है.हो सकता है कि इसमें से कुछ चुटकले आप पहले से ही सुन रखे हों.आप जी खोलकर आज जरूर हँसेंगे.यदि जी खोलकर हँसे नहीं तो मुस्कुराएंगे जरूर.बहुत दिनों के बाद इन चुटकुलों को पढ़कर मैं भी खूब हंसा हूँ.आइये..इन चुटकुलों का आनंद लीजिये और दक्षिणास्वरूप अपने कमेन्ट में एक चुटकुला मुझे भी सुना दीजियेगा..अब चुटकुले पढ़िए..हंसिए..मुस्कुराइए व आनंद लीजिये..जीवन में हमेशा आप आनंदित रहिये..और दूसरों को भी आनंदित रखिये..

१-सर्दियों का मौसम
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मित्रों,मैंने अपने एक मित्र का हालचाल पूछा और बातों ही बातों में कश्मीर में इन दिनों पड़ रही ठण्ड के बारे में पूछा.
उसने फोन पर बहुत दिलचस्प जबाब दिया-आखिर वो मौसम आ ही गया है,
जब हम सुबह उठ कर जिन्दगी का सबसे मुश्किल फैसला करते हैं…
कि आज नहाना है या नहीं ?
२-खीर-पूरी बंटी’
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दोस्तों,ट्रक के पीछे अक्सर लिखा रहता है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी.
परन्तु एक ट्रक के पीछे लिखा बहुत ही दूरंदेशी वाक्य लिखा था-
‘सावधानी हटी, खीर-पूरी बंटी’
मित्रों..इसका मतलब आप समझ ही गए होंगे..

३-आधुनिक प्रेमी प्रेमिका
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आइये आज के आधुनिक प्रेमी और प्रेमिका की बातें सुनकर थोड़ा मुस्कुरा लें और हो सके तो जी भरके हंस भी लें.
प्रेमी : तुम बहुत हसीन हो..
प्रेमिका : छोड़ो ना..
प्रेमी : तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं..
प्रेमिका : छोड़ो ना..
प्रेमी : तुम्हारे बाल बिल्कुल रेशम जैसे हैं..
प्रेमिका : अजी छोड़ो ना..
प्रेमी : तुम्हारी आवाज कितनी सुरीली है..
प्रेमिका : हे भगवान! अब छोड़ो भी..
प्रेमी : इतनी लंबी-लंबी तो छोड़ रहा हूं, अब और कितनी छोड़ूं..
४-पति-पत्नी की नोकझोंक
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पति : अगर आदमी समझदारी से काम ले तो संसार में बहुत से तलाक टल जाएंगे..
पत्नी : हां, क्यों नहीं? वैसे अगर आदमी सच में समझदार हो तो संसार में बहुत सी शादियां भी टल जाएंगी.

५-संता-बंता का सत्संग
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संता-मैं मंदिर नहीं जाता हूँ और भगवान को याद भी नहीं करता हूँ..
बंता आश्चर्य से-वो क्यों..
संता-जो लोग रोज मंदिर जाते हैं,
भगवान को याद करते हैं,
वे यह भी कभी सोचते हैं कि,कभी गलती से उन्हें भगवान ने याद कर लिया तो क्या होगा..
६-पहली और आखिरी रोटी
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सांसारिक समस्याओं से परेशान संता पंडित जी के पास गया.
उसकी परेशानी सुनकर पंडित जी ने उससे कहा-पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाओ.सब परेशानी दूर होगी और खुशहाल हो जाओगे..
संता कुछ सोचते हुए बोला-पंडित जी क्या खाक खुशहाल होऊंगा.मेरी पत्नी हर रोज सिर्फ दो ही रोटी ही बनाती है, पहली खुद खाती है और आखिरी मुझे खिलाती है..

७-सबसे बड़ा कौन है?
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मित्रों,भारत एक ऐसा देश है,जहांपर नशे में धुत शराबी भी महाज्ञानी हो जाता है.एक बार एक शराबी पूरे नशे में टल्ली होकर जा रहा था.रास्ते में मंदिर के बाहर पुजारी को देख कर उससे पूछा: सबसे बड़ा कौन है ?
पुजारी: मंदिर बड़ा है सबसे..
शराबी: मंदिर कैसे बड़ा यह तो धरती पर खड़ा है?
पुजारी: अच्छा तो धरती बड़ी है..
शराबी: धरती कैसे बड़ी यह तो शेषनाग पर खड़ी है..
पुजारी: शेषनाग बड़े फिर..
शराबी: शेषनाग बड़ा तो शिव के गले में क्यों लिपटा है?
पुजारी: शिव बड़े..
शराबी: शिव बड़े हैं तो पर्वत पर क्यों खड़े हैं?
पुजारी: पर्वत बड़ा है फिर तो..
शराबी: अच्छा पर्वत बड़ा तो हनुमान की ऊंगली पर क्यों खड़ा?
पुजारी: अरे मेरे बाप तू बता कौन बड़ा?
शराबी: इस दुनिया में सबसे बड़ा वो है,जो पूरी बोतल पीने के बाद भी अपने पांव पर खड़ा है..
८-किताब और कैलेंडर
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पत्नी- कितना अच्छा होता अगर मैं किताब होती..
पति- क्यों?
पत्नी- तब मैं हर समय तुम्हारी आंखों के सामने रहती..
पति- कितना अच्छा होता कि तुम कैलेंडर होती.
पत्नी- क्यों?
पति- मैं हर साल बदल लिया करता..

९-बच्चे की कसम
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बच्चा – पापा मुझे बाजा दिला दो..
पापा- नही, तुम सबको तंग करोगे..
बच्चा- नही पापा,कसम खा रहा हूँ कि जब सब सो जाएंगे तभी मैं बजाऊंगा..
१०-मच्छर के बेटे का पहला सफर
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एक मच्छर का बेटा पहली बार अकेले सफर पर गया और रात भर बाहर रहने के बाद सुबह लौटा तो उसके बाप ने उससे पूछा- तुम्हारा सफर कैसा रहा बेटा ?
बेटा बोला – शानदार रहा पिताजी..मैं जहाँ भी गया लोग तालियाँ बजा-बजा कर मेरा स्वागत किये..

११-जेल में राम लीला
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एक जेल में राम लीला हो रही थी.सुबह हवलदार बहुत परेशानी में जेलर के पास गया और बोला- सर कल रात कैदियों ने जेल में रामलीला की थी..
जेलर- तो इसमें इतने परेशान क्यों हो,यह तो बड़ी अच्छी बात है?
हवलदार- सर वह तो ठीक है लेकिन जो कैदी हनुमान बना था वह अब तक संजीवनी लेकर वापस नही आया है..
१२-तू तो बेकसूर है
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शराब की वजह से बरबाद हो चुके शराबी ने कभी न पीने की कसम ली और घर से दारू की खाली बोतलें फेंकने लगा.
पहली बोतल फेंक कर बोला-तेरी वजह से मेरी नौकरी गई..
दूसरी फेंक कर बोला-तेरी वजह से मेरा घर बिका..
तीसरी बोतल फेंक कर बोला-तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई..
चौथी बोतल उठाई तो वह भरी हुई निकली.
शराबी उसे देख बोला-तू साइड में हो जा..तू तो बेकसूर है..

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संकलन,आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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