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मनचलों को पीटने वाली बहनें और महिलाओं की एकजुटता

सद्गुरुजी
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मनचलों को पीटने वाली बहनें और महिलाओं की एकजुटता
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मर्दों ने बनायी जो रस्में, उनको हक़ का फ़रमान कहा
औरत के ज़िन्दा जलने को, कुर्बानी और बलिदान कहा
इस्मत के बदले रोटी दी, और उसको भी एहसान कहा

ये ब्लॉग लिखने बैठा तो साहिर लुधियानवी साहब के ये बोल याद आ गए,जो उन्होंने अपने एक गीत में भारतीय नारी के लिए कहे थे,जो सदियों से पुरुष-प्रधान समाज की गुलामी और दुदर्शा झेलती चली आ रही है,परन्तु अब समय बदल रहा है.आज महिलाएं न सिर्फ अपने अधिकारों के प्रति सचेत हो रही हैं,बल्कि एकजुट होकर उनसे छेड़छाड़ करने वाले मनचलों और गुंडे-बदमाशों का बहुत बहादुरी से मुकाबला भी कर रही हैं.
अभी हाल ही में रोहतक.हरियाणा में दो बहनों आरती और पूजा ने छेड़खानी करने वाले तीन मनचलों को चलती बस में पीट दिया.छेड़खानी करने वालों को करारा सबक सिखाने वाली इन दोनों बहनों की आज पूरे देशभर में वाहवाही हो रही है.हरियाणा सरकार ने छेड़छाड़ की यह घटना जिस बस में हुई, उसके ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है तथा छब्बीस जनवरी को दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार के लिए दोनों बहनों के नाम की सिफारिश करने का एलान किया है.छेड़खानी की यह घटना रोहतक बस स्टैंड से तब शुरू हुई,जब तीन लड़कों ने थाना खुर्द जा रही इन लड़कियों पर आपत्तिजनक फब्तियां कसनी शुरू कर दी.लड़कियां जिस सीट पर बैठी थीं,लड़के वहां पर गए और उन्होंने लड़कियों से कहा-ऐ छोरियों..सीट छोड़ो..
लड़कियां बोलीं-तुम्हारे पास कोई सीट नंबर रिजर्व तो है नहीं, कहीं और बैठ जाओ..
लड़के अपशब्द बकते हुए बोले-तुम्हारी औकात बस की स्टैपनी पर भी बैठने की नहीं है.इस सीट पर बैठी महुई हो.खुद को पीएम समझती हो क्या..
लड़कियों ने जबाब दिया-हमलोग तो खुद को पीएम नहीं समझतीं हैं.तुम्ही लोग अपने आप को पीएम समझते हो.हमलोग इस सीट से नहीं उठेंगे..
ये सुनकर लड़कों ने गन्दी गालियां देना शुरू कर दिया.बस में पीछे बैठी एक गर्भवती महिला ये सब देखकर बोली-छोरों..तुम्हारा इन लड़कियों ने क्या बिगाड़ा है..तुम्हारे घर में माँ बहन नहीं म्हैं क्या..इन्हे परेशान मत करो..
उस महिला की बात सुनकर लड़के और क्रोधित हो उठे.उन्होंने गालियां देते हुए उससे दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया.लड़कियों से यह सब देखा नहीं गया.वो दोनों लड़कों से भीड़ गईं और मारपीट करते हुए बोलीं-हम बेशक लड़कियां हैं,परन्तु तुमसे ड़रती नहीं हैं.
दोनों बहनें ने तीनो लड़कों को हाथ-पैरों से तो मारा ही,बेल्ट से भी पीटा.सारे यात्री भीष्म पितामह के जैसा बनकर चुपचाप तमाशा देखते रहे.मामला बढ़ता देख उनमे से कुछ लोग लड़कों को कुछ न बोल उलटे लड़कियों को ही मारपीट करने से मना करते हुए समझाने लगे-छोरियों..इन्हे छोड़ दो..मामला न बढ़ाओ..नहीं तो तुम्हे ही परेशानी हो जाएगी..तबतक आसन गांव आ गया था.
लड़कों का इरादा अभी भी लड़कियों से झगड़ा करने का था,परन्तु लड़कियों की बहादुरी और अपने खिलाफ माहौल बनता देखकर वे बस से उतरकर भाग गए.एक महिला बस यात्री ने मोबाइल कैमरे से इसे शूट कर वीडियो वॉट्सऐप और सोशल मीडिया पर डाल दिया.मामला वॉट्सऐप और सोशल मीडिया में चर्चित होकर सामने आने पर रविवार को तीनो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.
लड़कियों ने मिडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वो दोनों जींस पहनी थीं,इसलिए मनचले लड़कों को पीट पैन.यदि वे सलवार सूट पहनी होतीं तो वो लड़कों से मुकाबला करने में फट चुका होता.हरियाणा कि ग्राम पंचायतें लड़कियों को सलवार सूट पहनने और गले में चुन्नी रखने कि सलाह देतीं हैं.ये लड़कियां उनसे सवाल करती हैं कि जो हमें सूट पहनने की सलाह देते हैं,वे लड़कों को भी धोती-कुर्ता पहनने कि सलाह क्यों नहीं देते हैं?
छेड़छाड़ के आरोपी तीनो लड़के रोहतक के आसन गांव के निवासी हैं.इन तीनो लड़कों ने सेना में भर्ती होने के लिए अर्जी दी हुई है.अब इनको सेना में मिलने वाली नौकरी भी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है.सेना के अधिकारीयों का कहना है कि ऐसे लोगों के लिए सेना में कोई जगह नहीं है.
इस पूरे प्रकरण में अधिकतर बस यात्रियों की चुप्पी ही इस घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है.वो घटना का मूकदर्शक बनकर तमाशा देखने की बजाय यदि मनचले लड़कों का एकजुट होकर विरोध करते तो ये घटना घटती ही नहीं.दोनों लड़कियों का साथ सिर्फ दो महिलाओं ने दिया.इससे सिद्ध होता है कि स्त्रियों के खिलाफ हो रहे जुर्म में महिलाओं का संगठित होना जरुरी है.वो संगठित होकर पुरुषों की मदद लिए बिना भी मनचलों और गुंडे-बदमाशों से बखूबी निपट सकती हैं और उन्हें विधिवत सबक सीखा सकती हैं.हालाँकि ये बात सही है कि मारपीट न तो जायज है और न ही किसी समस्या का स्थायी समाधान है,परन्तु अपनी इज्जत बचाने के लिए यदि महिलाएं आपातकाल में मारपीट का सहारा लेती हैं तो उसे गलत नहीं कहा जा सकता है.अपनी अस्मिता और अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने का हक़ सबको है.
अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने भी कहा था कि यदि मुझे हिंसा और कायरता दोनों में से किसी एक चुनाव करना पड़ेगा तो मैं कायरता को त्यागकर हिंसा को चुनना पसंद करूँगा.घटना का एक और अन्यायपूर्ण पहलू है.रोहतक के आसन गांव की पंचायत पर यह आरोप लग रहा है कि वह लड़कों के खिलाफ दायर छेड़खानी का केस वापस लेने के लिए लड़कियों के पिता पर दबाव बना रही है.इससे तो मनचले लड़कों का मनोबल और बढ़ेगा.ग्राम पंचायतों को ऐसा अविवेकपूर्ण कार्य करने की बजाय लड़कों को समझाना चाहिए कि वो महिलाओं की इज्जत करना सीखें.उन्हें तो लड़को में अच्छे संस्कार डालने के लिए प्रयास करना चाहिए,क्योंकि ऐसी छेड़छाड़ वाली घटनाओं को संस्कारहीन और घर के बिगड़ैल लड़के ही अंजाम देते हैं.सरकार,स्कूल,कालेज और मिडिया को बच्चों को संस्कारित करने के लिए विशेष योजनाएं और विशेष कार्यक्रम बनाना चाहिए.प्रतीक माता-पिता को भी ये दायित्व अपने ऊपर लेना चाहिए,क्योंकि बच्चों के प्रथम गुरु वही हैं.यदि बच्चे संस्कारहीन और बिगड़ैल निकलेंगे तो समाज और देश को ही नहीं बल्कि कुकर्म करके उनको भी भारी पीड़ा,परेशानी और अपमान पहुंचायेंगे.अंत में साहिर लुधयानवी साहिब के शब्दों में एक सवाल महिलाओं पर अत्याचार करनेवालों और उनका समर्थन करने वालों से हैं-
मर्दों के लिये हर ज़ुल्म रवाँ, औरत के लिये रोना भी खता
मर्दों के लिये लाखों सेजें, औरत के लिये बस एक चिता
मर्दों के लिये हर ऐश का हक़, औरत के लिये जीना भी सज़ा

लेख के संदर्भ में बाद में पता चलीं कुछ बातें=बहुत से बस यात्री इस घटना को छेड़छाड़ नहीं बल्कि सीट के लिए हुआ झगड़ा बता हैं.हरियाणा सरकार ने इस घटना की निष्पक्ष जाँच के आदेश दे दिए हैं.लड़कियों को पुरस्कृत करने पर भी रोक लगा दी गई है.हरियाणा सरकार का यह निर्णय सही है.किसी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए.लडकियों के बारे में ये भी पता चला है कि लड़कों से मारपीट करना और उसका वीडियो बनाकर सोशल मिडिया पर प्रदर्शित करना इनकी पुरानी आदत है.जाँच में यदि ये सही पाया जाता है तो इन लड़कियों को भारतीय कानून के अनुसार दण्डित किया जाना चाहिए.ये दोनों बहने लड़कियों को लड़कों से झगड़ा करने का न सिर्फ गलत सन्देश दे रही हैं,बल्कि इसके साथ ही उन लड़कियों का भी मखौल उड़ा रही हैं,जो वास्तव में ही छेड़छाड़ का शिकार हो रही हैं.
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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