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आतंक का दंश झेल दर्द के सागर में डूबा हुआ पाकिस्तान

सद्गुरुजी
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pak6

आतंक का दंश झेल दर्द के सागर में डूबा हुआ पाकिस्तान
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पाकिस्तान इस समय दर्द में डूबा हुआ है.वहांपर तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया और आतंकवादी हमले में मृत बच्चों का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया जा रहा है.पूरे विश्व ने एक स्वर में मानवता को शर्मसार करने वाले इस भयानक हत्याकांड की कड़ी निंदा की है.भारत भी इस दुःख की घडी में पाकिस्तान के साथ है.भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आग्रह पर सभी स्कूलों में दो मिनट का मौन रखा गया.लोकसभा और राज्यसभा ने भी दो मिनट का मौन रख सभी मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया.जैसा कि सबको विदित है कि सात तालिबानी आतंकवादियों ने मंगलवार को अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर की वर्दी पहनकर पाकिस्तानी समयानुसार सुबह साढे दस बजे वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में घुसकर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया.इस आतंकी हमले में १४१ लोगों की मौत हो गई,जिसमे १३२ बच्‍चे थे.इस बर्बर हमले में १२२ से भी ज्यादा बच्चे घायल हुए हैं,जिनका ईलाज चल रहा है.
इस भयानक हमले के वक्त अधिकांश बच्चे ऑडिटोरियम में थे,जहांपर कोई कार्यक्रम चल रहा था.आतंकवादियों ने ऑडिटोरियम में घुसकर बच्चों को एक कतार में खड़ा कर दिया.मासूम बच्चे सोच रहे थे कि सलवार कमीज पहने अरबी भाषा बोलने वाले और विदेशी लग रहे वो अंकल कोई गेम खिलाने जा रहे हैं.मगर मासूम बच्चों को क्या मालूम था कि वो राक्षस अंधाधुंध फायरिंग करके कतार में खड़े बच्चों के सिर में गोली मारने वाले हैं.जैसे ही आतंकवादियों ने जैसे ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू की,शिक्षकों ने बच्चों को जमीन पर लेट जाने को कहा.जमीन पर लेट जाने से बहुत से बच्चे जीवित बच गए.बहुत से बच्चे अपनी अपनी कक्षा में बैठका परीक्षा दे रहे थे.आतंकवादी ऑडिटोरियम से निकलकर एक-एक कक्षा में गए और तेरह साल से अधिक उम्र वाले बच्चों को गोली मारते चले गए.बहुत से बच्चों ने डेस्क के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई.जान बचने को जमीन पर लेटी एक लड़की के कपडे उसके दोस्तों के खून से रंग गए थे.आतंकियों ने उसे मरा हुआ जान जिन्दा छोड़ दिया.एक कक्षा में आतंकवादियों का विरोध करने वाली एक बहादुर महिला अध्यापिका का आतंवादियों ने पहले बेरहमी से गला काटा और फिर खून से सनी हुई दर्द से तड़फती अध्यापिका को छात्रों के सामने ही जिन्दा जला दिया.उन्होंने इस महिला अध्यापिका समेत स्कूल के नौ कर्मचारियों की नृशंस हत्या कर दी.चार आत्मघाती आतंकवादियों ने जहां खुद को उड़ा लिया,वहीं तीन को सेना आठ घंटे चली मुठभेड़ के बाद मार गिराया और उनके कब्जे से स्कूल के प्रिंसिपल समेत २० शिक्षक और ३४ छात्र जो बंधक बने हुए थे उन्हें सकुशल छुड़ा लिया.
मानवता को शर्मसार करने वाली इस कायराना हरकत की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है.आतंकी गुट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मुहम्मद उमर खोरासानी ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बहुत बेशर्मी से कहा कि पेशावर के करीब स्थित उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी फौज की कार्रवाई का बदला लेने के लिए आर्मी स्कूल पर हमला किया और वे चाहते हैं कि पाकिस्तानी फौज उनके बच्चों और परिवार वालों को मारने का दर्द महसूस करे.इस दुस्साहसिक घटना ऐ बुरी तरह से आहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसे ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार देते हुए कहा, “आतंकियों ने यह हमला, जर्ब-ए-अज्ब के विरोध में किया है.मैं सोचता हूं कि जब तक इस देश से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, दशहतगर्दी के खिलाफ हमारी जंग (जर्ब-ए-अज्ब) जारी रहेगी.आतंक के खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना होगा.इस तरह के हमलों से देश को टूटना नहीं चाहिए.”
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पेशावर में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए ट्वीट के जरिए कहा, “जिन्होंने अपनों को खोया है, मैं उनके साथ हूं.मैं मृतकों के प्रति दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं.यह बेहद क्रूर और असंवेदनशील कृत्य है,जिसमें सैकड़ों मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.”उन्होंने फोन करके पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से अपनी शोक संवेदना व्यक्त की और इस दुःख की बेला में उन्हें हर तरह की मदद करने का भी भरोसा दिलाया.मोदीजी ने पाकिस्तान की ओर फिर दोस्ती भरा हाथ बढ़ाया है.
आतंकवादियों द्वारा बदले की भावना के अतिरिक्त इस नृसंश हत्याकांड के और भी कई कारण बताये जा रहे हैं, जैसे-पेशावर के आर्मी स्कूल से ट्रेनिग ले के निकलने वाले सैनिक वजीरिस्तान के सैन्य अभियान में बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं.तालिबान ने बच्चों का क़त्ल करके एक तरह से भावी सैनिकों का क़त्ल किया है.पेशावर के सैन्य अभियान को आघात पहुँचाने के लिए तालिबानी आतंकवादियों ने पंद्रह धमाके करके आर्मी स्कूल को नेस्तनाबूत करने की कोशिश की है.स्कूल का एक हिस्सा उन्होंने नष्ट कर दिया है.
कुछ बुद्धिजीवियों के अनुसार हमले की वजह मलाला यूसुफजई भी हो सकती हैं, क्योंकि वो इसी क्षेत्र की रहने वाली है और शिक्षा पाने की साहसिक कोशिश के कारण तालिबानियों की गोली भी खा चुकी है.मलाला को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चूका है और वो अब पूरे विश्व भर की लड़कियों को पढ़ने लिखने के लिए प्रेरित कर रही है.तालिबान ने पाकिस्तान में लड़कियों को दी जा रही शिक्षा पर अपना विरोध दर्ज करने के मकसद से भी ये आतंकी हमला किया होगा.उसने कई बार ऐसे हमले करने की धमकी भी दी थी.
आईएसआई, भारत विरोधी आतंकियों और तालिबानियों की मिलीभगत से पूरे विश्व में जारी आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बनने के लिए आज पाकिस्तान पूरी दुनियाभर में बदनाम और बेनकाब हो चूका है.भारत में हुए सभी आतंकवादी हमलों के गुनहगार पाकिस्तान में सरेआम घूम रहे हैं और भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.पाकिस्तान इन्हे गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग देकर संगठित कर रहा है और भारतीय सीमा पर गोलीबारी करके चोरी छिपे इन्हे भारत में प्रवेश कराकर हत्याएं, विस्फोट और आतंक फ़ैलाने की कोशिश कर रहा है.न जाने कितने बेगुनाह लोंगो की इन्होने हत्याएं की हैं और इन आतंकवादियों से लड़ते हुए हमारी पुलिस और सेना के हजारों जवान शहीद हो चुके हैं.भारतीय सेना की कड़ी चौकसी के कारण पाकिस्तान में डेरा जमाये आतंकवादी अब भारत में आसानी से प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं, इसीलिए अब वो पाकिस्तान को ही निशाना बनाने में लग गए हैं.पाकिस्तान के लिए उसके पाले पोसे हुए आतंकी अब भस्मासुर साबित हो रहे हैं.
पेशावर की भयानक घटना उसका ही नतीजा है.पाकिस्तान में डेरा जमाये आतंकवादी अब बेकाबू हो चुके हैं और खुद पाकिस्तान के लिए ही आत्मघाती साबित हो रहे हैं.पाकिस्तान को अब भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका का सहारा लेकर हर तरह के नापाक इरादे वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान की पाक धरती से नेस्तनाबूद कर देना चाहिए.पाकिस्तान को अब चेत जाना चाहिए.अपनी धरती पर जारी भारत विरोधी गतिविधियों को बंद कर बंबई बिस्फोट के अपराधियों को भारत को सौप देना चाहिए और इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए पाकिस्तान से छपकर और नेपाल के रास्ते से भारत में पहुंचकर देशद्रोहियों द्वारा चलाये जाने वाले नकली भारतीय नोट भी छपने बंद होने चाहिए.उम्मीद है कि पाकिस्तान अब अपने आपको पूरी तरह से बदलेगा और दोनों देशों के अवाम की बेहतरी और भलाई के लिए भारत के साथ साफ़ दिल से कंधे से कन्धा मिलाकर चलेगा.अब इसी में उसकी भलाई भी है.हम भी अपने पड़ोस में शांतिप्रिय, मजबूत, लोकतान्त्रिक, सुखदुख में साथ देने वाला और हराभरा हँसता हुआ पाकिस्तान देखना चाहते हैं..
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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