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दिल्ली में युवा मतदाताओं की डांस फॉर डेमोक्रेसी का असर

सद्गुरुजी
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दिल्ली में युवा मतदाताओं की ‘डांस फॉर डेमोक्रेसी’ का असर
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अरविन्द केजरीवाल जी की एक बात मेरे दिल को छू गई, मतदान के बाद जब उन्होंने कहा था कि सारा तंत्र भाजपा के साथ है, मेरे साथ सिर्फ भगवान हैं. दिल्ली चुनाव को उन्होंने महाभारत का युद्ध बताया था, जिसमे भगवान कृष्ण उनके साथ थे और भगवान की सारी सेना भाजपा के साथ थी. दरअसल केजरीवाल जी की इस शालीनता, विनम्रता और कूटनीतिक बयान में एक बहुत गूढ़ रहस्य छिपा हुआ था, जिसे न भाजपा समझ पाई और न ही कांग्रेस. केजरीवाल जी ने प्रेम के देवता भगवान कृष्ण का नाम लिया और उनका साथ होने की बात की. उनका ईशारा उन वोटरों से था, जो प्रेम और अपनापन के भूखे थे. जिनके घर केजरीवॉल जी और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता जाकर कृष्ण और सुदामा सी गहरी दोस्ती कर लिए थे. युवा वोटरों से अटूट प्यार का ही परिणाम था कि थीम सॉन्ग “पांच साल केजरीवाल… बोले दिल्ली दिल से… केजरीवाल फिर से…” युवा वोटरों के दिल में बस गया था और हर एक की जुबान पर चढ़ गया था. रेलवे व मेट्रो स्टेशन, कनॉट प्लेस, मॉल्स, कॉलेज जैसी युवाओं की भीड़ वाली जगहों पर और आप के नेताओं की पदयात्राओं के आगे नाचते, गाते और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बजाते युवा बहुत कुछ संकेत दे रहे थे कि वो इस चुनाव में किस ओर जा रहे हैं. कल्पना, प्रेम और कोमल भावनाओं की धारा में बहने वाले युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी की ‘डांस फॉर डेमोक्रेसी कैंपेन’ कितनी सफल रही, यह बताने की जरुरत नहीं. सत्तर में से सड़सठ सीटों पर विजय के रूप में परिणाम सबके सामने है. दिल्ली के युवा डेमोक्रेसी के लिए ऐसा डांस किये कि आप की बल्ले बल्ले हो गई. भाजपा का काफी हद तक, जबकि कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया.
भगवान राम के परम भक्त भाजपा और उससे जुड़े तमाम हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन युवाओं की कल्पनाओं और कोमल भावनाओं को समझने में नाकाम रहे. किसी तानाशाह और क्रूर अभिभावक की भांति ये लोग युवाओं को बस भारतीय सभ्यता और संस्कृति का पाठ सिखाते रह गए. भाजपा के सहयोगी संगठनो के द्वारा दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर में अनेक जगहों पर युवा प्रेमियों से न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया गया, बल्कि उन्हें कई स्थानों पर तो लात घूंसों और डंडों से मारा पिटा तक गया. राम की परम भक्त और देश की मर्यादा का स्वयं को एकमात्र रक्षक समझने वाली भाजपा इन सब घटनाओं की बस मुकसमर्थक और मूकदर्शक मात्र बने रही और उसके लोकप्रिय नेता मोदी जी कभी भी इस पर एक शब्द नहीं बोले. ऐसे प्रेमियों के संग आम आदमी पार्टी जा खड़ी हुई. उसने न सिर्फ उनके आंसू पोंछे बल्कि प्रेम और कल्पना लोक के खुले आसमान में उड़ने वाले ऐसे प्रेमी परिंदों को बचाते हुए और हर तरह का लांछन और अपमान झेलते हुए लाठी-डंडे व लात-घूंसे सब खाई. मैं अरविन्द केजरीवाल और आप पार्टी का समर्थक नहीं हूँ, परन्तु प्रेम का समर्थक हूँ और इस बात का मुझे बहुत गर्व है कि अपने जीवन में बहुत से प्रेमी जोड़ों को एक करने का सौभाग्य मुझे मिला. देश की युवा शक्ति को उनके बहुत करीब जाकर पहचानने के लिए और युवा प्रेमियों का पूरा साथ देने के लिए आम आदमी पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं को मेरा सलाम. भगवान राम और उनके द्वारा स्थापित की गईं मर्यादायें निश्चित रूप से हमारे देश के लिए एक आदर्श हैं, परन्तु भगवान कृष्ण के द्वारा दिया गया प्रेम, दोस्ती, अपनों से संघर्ष व जीवन मरण के बंधन से मुक्ति का सन्देश हमारे जीवन की व्यवहारिकता है और एक बहुत बड़ी सच्चाई है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है.
ये बात सबको मालूम है कि लोकसभा चुनाव में मोदी का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोला था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने से उन्हें बहुत निराशा हुई. ये सच है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने विदेशी दौरों में एक के बाद एक कामयाबी हासिल की है, परन्तु देश की अर्थव्यवस्था में कोई बड़ा सुधार करने और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देने के मामले में वो अबतक असफल ही रहे हैं. उन्होंने आज से लगभग नौ महीने पहले अपनी चायवाले की छवि जनता के सामने रखकर लोकसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, परन्तु दिल्ली में चुनाव प्रचार के समय जब वो दस लाख वाले मंहगे सूट पहनकर ओबामा के साथ चौबीसों घंटे मीडिया में नज़र आ रहे थे, तब देश के नौजवानो के बीच इसका एक गलत सन्देश जा रहा था. वहीं दूसरी ओर अरविन्द केजरीवाल झुग्गी-झोपड़ियों में, तंग-गलियों में अपने सिर पर मफ़लर लपेटकर आम लोगों के साथ रिश्ता बनाने में जुटे हुए थे और वो आम आदमी के ज़्यादा करीब नज़र आ रहे थे. एक ओर जहाँ प्रधानमंत्री जी अपने हेलिकॉप्टर में बैठकर बड़ी-बड़ी चुनाव सभाओं में पहुंचकर भाषण दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर अरविन्द केजरीवाल गली-कूचों में छोटी-छोटी सभाओं में स्थानीय मु्द्दों पर बात कर रहे थे और बहुत ध्यान से आम आदमी की समस्यायें सुनकर उसका उचित समाधान करने का वादा भी कर रहे थे. भारी सुरक्षा व्यवस्था के तामझाम और तमाम लावलश्कर के साथ दिल्ली की गलियों में निकले मोदी सरकार के मंत्री भाजपा को लाभ पहुंचाने की बजाय हानि ही ज्यादा पहुंचाए. उन्हें देखकर लोग सहम जाते थे और घरों के बाहर निकलकर उनके सामने इकट्ठा होने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते थे. दूसरी तरफ अरविन्द केजरीवाल गली-कूचों में पैदल घूमकर लोंगो को न सिर्फ घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर देते थे, बल्कि कुछ ही देर की बातचीत के बाद उन्हें अपना भी बना लेते थे. उनका यही अपनापन दिल्ली के अधिकतर लोंगो का दिल जीत लिया.
हर विषय पर अरविन्द केजरीवाल का खुलकर बातचीत करना युवाओं को बहुत पसंद आया. वहीँ दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी से युवा बेहद नाराज थे, वो चाहे साध्वी निरंजन ज्योति का साम्प्रदायिक बयान हो या फिर साक्षी महाराज का विवादित बयान हो. घर वापसी वाले धर्मान्तरण का मामला हो, दस लाख का सूट पहनने, चर्चों पर हमले या फिर अभीतक एक अनसुलझी पहेली बने कालेधन का मुद्दा हो. युवाओं के बीच नरेंद्र मोदी का आकर्षण कम होने की यही वजहें थीं. दूसरी तरफ मिलनसार प्रवृत्ति वाले अरविन्द केजरीवाल की शालीनता, व्यवहारिकता और हर मुद्दे पर खुलकर बात करने की काबिलियत दिल्ली के नौजवानों को उनका मुरीद बना आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. अरविन्द केजरीवाल भी उन्हें भूले नहीं हैं और अपने चुनावी वादे पूरे करने में अभी से ही जुट गए हैं. भाजपा व कांग्रेस का चुनाव में हुआ बुरा हश्र देखते हुए यही उम्मीद है कि वो ऐतिहासिक जीत दिलाने वाली युवा शक्ति को भूलने की या फिर उनके लिए किये गए चुनावी वादों से मुकरने की गलती नहीं करेंगे, चाहे वो रोजगार देने का वादा हो, महिला सुरक्षा देने का वादा हो या पढाई के लिए सरकार की गारंटी पर बैंक लोन दिलाने का वादा हो या फिर पूरी दिल्ली में फ्री वाई-फाई देने का वादा. इन वादों को पूरा करने का दबाब उनपर दिखने भी लगा है. तभी तो चुनाव परिणाम आने के बाद अरविन्द केजरीवाल ने कहा, ”हमें जो ज़िम्मेदारी मिली है उससे काफ़ी डर भी लग रहा है.” उन्होंने अपने सभी समर्थकों को शपथ-ग्रहण समारोह में आने का न्योता दिया है. युवाओं को इससे बड़ा तोहफा क्या होगा कि अरविन्द केजरीवाल शनिवार १४ फरवरी को वैलेंटाइन डे के शुभ अवसर पर रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. मेरी तरफ से अरविन्द केजरीवाल जी को बहुत बहुत बधाई और देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के सभी युवाओं को हैप्पी वैलेंटाइन डे.
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आलेख और प्रस्तुति=सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी,प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम,ग्राम-घमहापुर,पोस्ट-कन्द्वा,जिला-वाराणसी.पिन-२२११०६.
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