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नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी भगवान विष्णु के अंशावतार हैं

सद्गुरुजी
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नरेंद्र दामोदरदास मोदी भगवान विष्णु के अंशावतार हैं
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सुर नर असुर टहलवा जाके
मुनि गन्धर्व हैं चेरे
दस अवतार देखि जिन भूलो
एइसन रूप घनेरे

संत मलूकदास जी कहते हैं कि देवी-देवता, आम जनता और यहांतक कि राक्षसी प्रवृति वाले असुर लोग भी अवतारी व्यक्ति की सेवा करते हैं. ज्ञानी और ऋषि-मुनि लोग उसके बारे में चिंतन-मनन करते हैं और गन्धर्व यानि गीत गाने वाले लोग नाना प्रकार से उसकी स्तुति करते हैं. अधिकतर लोग अवतारी व्यक्ति के समक्ष समर्पित हो जाने में अपना परमकल्याण और अहोभाग्य समझते हैं. संत मलूकदास जी कहते हैं कि भगवान के अवतार मात्र दस ही नहीं हैं, जैसा कि पुराणों में वर्णित है. यह अवधारणा भ्रम और भूल मात्र है. भगवान के अवतार असंख्य हैं. संत मलूकदास जी की सच्ची वाणी से मैं भी सहमत हूँ. हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि वो नर से नारायण होने तक का अवसर प्रदान करती है, जबकि दुनिया के अन्य धर्म इस मामले में बहुत पिछड़े हुए और रूढ़िवादी हैं. वो किसी एक अवतारी को पकड़ के बैठ गए हैं और नर से नारायण होने का द्वार ही बंद कर लिए हैं. ऐसे लकीर के फ़क़ीर धर्मों में मेरी कभी कोई रूचि नहीं रही.
प्राचीन समय में राजा को ईश्वर का भेजा हुआ दूत या ईश्वर का अवतार माना जाता था. अपने देश के राजा को प्रजा भगवान का साकार रूप मानती थी और उसकी हर आज्ञा का पालन करना अपना सबसे बड़ा धर्म समझती थी. राजा महाराजाओं के राजशाही भरे युग तो अब बीत गए, परन्तु आजके लोकतान्त्रिक युग में भी जनता के कल्याण में दिनरात जुटे प्रधानमंत्री रूपी राजा को भगवान का साकार रूप या अवतार माननेवालों की कमी नहीं है, बल्कि उनकी संख्या बहुतायत में है. हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को भगवान का अवतार मानने वालों की संख्या करोड़ों में है, कोई प्रकृति और रोग-चोट की मार से घोर कष्ट में पड़ा आर्तभाव से, कोई आर्थिक संकट में फंसा अर्थार्थिक भाव से, कोई जानने-समझने के लिए जिज्ञासा भाव से और कुछ विरले ज्ञानी, जो ईश्वरीय ज्ञान और आध्यात्मिक अनुभव से तृप्त हैं, वो ज्ञान भाव से उन्हें याद करते हैं. नरेंद्र मोदी को आम जनता ही नहीं, बल्कि कुछ प्रसिद्द लोग भी विष्णु का अवतार मानते हैं. राज्यसभा सदस्य और देश के जानेमाने अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कुछ दिनों पहले टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई को दिए गए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विष्णु का अवतार बताया था. राम जेठमलानी ने नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था, “मोदी विष्णु के अवतार हैं. भ्रष्टाचार और विदेश नीति पर मोदी का कामकाज बेहतरीन है. वह ईमानदार हैं और खूब मेहनत करते हैं.”
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के चेयरमैन लोकेश चंद्र ने गतवर्ष में नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था, “नरेंद्र मोदी भगवान के अवतार हैं. वह महात्मा गांधी से भी बड़े हैं. गरीबों पर उनका असर कार्ल मार्क्स से भी ज्यादा है.” पद्म भूषण से सम्‍मानित लोकेश चंद्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विश्वासपात्र और उनके बेहद करीबी रहे तथा वो कई वर्षों तक सोवियत यूनियन के नेताओं से भी जुड़े रहे. ८७ वर्षीय लोकेश चंद्र १६ भाषाओं के जानकार हैं और उन्होंने राजनीति व कूटनीति सहित विभिन्न विषयों पर ५९६ से भी अधिक किताबों का लेखन किया है. हिन्दू धर्म में सर्वोच्च माने गये भगवान विष्णु समस्त सृष्टि के कण-कण में व्याप्त हैं, वो सर्वव्यापी और सबके पालनहार हैं. पुराणों के अनुसार सृष्टि के एक कालचक्र में उनके दस अवतार होते हैं और ‘सुखसागर’ के अनुसार भगवान विष्णु के चौबीस अवतार होते हैं. दोनों ही हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार कलियुग के अन्त में विष्णु यश नामक ब्राह्मण के घर भगवान का कल्कि अवतार होगा. अन्य धर्मग्रंथों में भी विष्णु के अवतारों का जिक्र हैं. अवतार का अर्थ उतरना या प्रकट होना है. जब जब दुष्टों का भार पृथ्वी पर बढ़ता है और धर्म की हानि होती है तब तब पापियों का संहार करके भक्तों की रक्षा करने के लिये भगवान पृथ्वी पर शरीर धारण करते हैं. श्रीमदभगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहे हैं, यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ।।

अर्थात हे भारत (अर्जुन)! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ. हिन्दुधर्म कि ये दृढ मान्यता है कि ईश्वर यद्यपि सर्वव्यापी और सर्वदा सर्वत्र विद्यमान है, तथापि समय-समय पर आवश्यकतानुसार पृथ्वी पर विशिष्ट रूपों में स्वयं अपनी योगमाया से उत्पन्न होता है, जिसे पूर्ण अवतार कहते हैं. इसमें अवतारी भगवान का प्रकृति पर पूर्ण नियंत्रण होता है तथा उन्हें ज्ञात होता है कि वो कौन हैं, कहाँ से आये हैं और क्यों आये हैं. भगवान राम और भगवान कृष्ण परमात्मा के पूर्ण अवतार माने जाते हैं. मत्स्य अवतार, वराह अवतार, कूर्म अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, बुद्ध अवतार और कल्कि अवतार भी सर्वव्यापी परमात्मा विष्णु (विश्व के अणु-अणु में व्याप्त) के पूर्ण अवतार कहे गए हैं. अंशावतार में कोई विशेष कार्य करने के लिए भगवान धरती पर अवतरित होते हैं. इस स्थिति में मैं कौन हूँ, कहाँ से आया हूँ और क्यों आया हूँ, इसका ज्ञान नहीं रहता है, प्रकृति पर कोई नियंत्रण भी नहीं होता है, परन्तु ब्रह्माण्ड की समस्त अदृश्य शक्तियां हर कदम पर उसकी मदद करती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान विष्णु के अंशावतार की कसौटी पर खरे उतरते हैं. भगवान ने उन्हें अपने अंशावतार के रूप में भारत का एक नया इतिहास रचने के लिए और भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत सारे विशेष कार्य करने के लिए पवित्र भारत भूमि पर भेजा है. एक साक्षत्कार में उन्होंने बड़ी बेबाकी और ईमानदारी से ये स्वीकार किया था कि वो नहीं जानते कि मैं कौन हूँ, कहाँ से आया हूँ और क्यों आया हूँ, अंशावतार में यह ज्ञान नहीं रहता है, परन्तु ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियां उस अंशावतारी व्यक्ति की हर कदम पर मदद करती हैं. इसमें कोई संदेह नहीं. मोदी जी के हर कार्य में ब्रह्माण्ड की अदृश्य शक्तियां पूरी तरह से मदद कर रही हैं. प्रधानमंत्री जी परमात्मा के सच्चे भक्त हैं. वो नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखते हैं, परन्तु काम भी करते रहते हैं. उनके पास विदेशों में खाता या काला धन नहीं है. उनका कोई बेटा और दामाद भी नही है. देश को ऐसे ही प्रधानमंत्री की जरूरत ‌है. अंत में साहिर लुधियानवी साहब के शब्दों में मोदीजी का कर्तव्य बयान कर रहा हूँ.
मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ाँ
शेख का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है

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आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कन्द्वा, जिला- वाराणसी. पिन- २२११०६.
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