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दादरी घटना पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने मार्गदर्शन दिया
उत्तर प्रदेश के दादरी में पिछले दिनों भीड़ द्वारा गोमांस खाने की अफवाह पर पचास साल के एक व्यक्ति की पीट-पीट ह्त्या कर दी गई थी। इस हिंसक घटना में मारे गए व्यक्ति अखलाक के बेटे दानिश को भी गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद से वो हॉस्पिटल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती थे। खबर है कि अब दानिश की हालत में सुधार हुआ है और वह आईसीयू से बाहर आ गए हैं। ईश्वर उनको शीघ्र ही पूर्ण स्वास्थ्य लाभ दें। दादरी की घटना के कारण देशभर में हिन्दू और मुस्लिम दोनों के ही दिलों में आक्रोश पैदा हुआ और इस जन आक्रोश में छोटे-बड़े बहुत से नेता अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के लिए जनता के क्रोध रूपी आग में ऊटपटांग बयानबाज़ी रूपी घी डालने का काम करते रहे।
बहुत से बुद्धिजीवियों ने भी ‘गोमांस’ खाने के पक्ष-विपक्ष में अनेकों लेख लिख डाले। इस घटना से उपजे संवेदनशील माहौल का भरपूर फायदा उठाते हुए देश की कुछ जानी-मानी हस्तियों ने प्रसिद्धि पाने के लिए सोशल मीडिया पर बहुत बहादुरी के साथ स्वयं के ‘गोमांस’ खाने की घोषणा की। दादरी मसले पर हकीकत की खोजबीन से ज्यादा सियासी बवाल होते देख हमारे देश के माननीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी को अन्तोगत्वा राष्ट्रहित में सामने आ मुखर होना पड़ा।
बुधवार को राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने कहा, “मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि हम अपनी सभ्यता के बुनियादी मूल्यों को यूं ही गंवाने की अनुमति नहीं दे सकते। ये बुनियादी मूल्य हैं। विविधता, सहिष्णुता, सहनशीलता और अनेकता में एकता, जिसे वर्षों से हमारी सभ्यता ने संजो कर रखा और उसका जश्न मनाया’। इन्हीं बुनियादी मूल्यों ने हमें सदियों तक एक साथ बांधे रखा। कई प्राचीन सभ्यताएं खत्म हो गर्इं। लेकिन यह सही है कि एक के बाद एक आक्रमण और लंबे विदेशी शासन के बावजूद भारतीय सभ्यता अगर बची तो अपने बुनियादी मूल्यों के कारण ही बची। हमें निश्चित तौर पर इसे ध्यान में रखना चाहिए। अगर इन बुनियादी मूल्यों को हम अपने मन-मस्तिष्क में बनाए रखें तो हमारे लोकतंत्र को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता’।”
राष्ट्रपति जी ने अपने सम्बोधन में स्पष्ट रूप से दादरी की घटना का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन देशवासियों को मिलजुलकर रहने का सन्देश दिया और हिन्दुस्तान में सदियों से चली आ रही की गंगा-जमुनी तहजीब की याद दिला दी। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि हमारा देश एक ऐसा स्थान है जहां सभी धर्मों का संगम है। एक दूसरे के रीति-रिवाज और और खानपान का हम सभी को आदर सम्मान करना चाहिए। हिन्दू मुस्लिम की और मुस्लिम हिन्दू की संवेदनशील धार्मिक भावनाओं का पूरा ख्याल रखें और ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे विवाद पैदा हो। देश को एक रखना है तो हम सबके बीच एकता, सद्भावना, भाईचारा और शांति का होना जरुरी है और हमारी यही विशेषता देश को अखंडित रखते हुए हमारी सभ्यता, संस्कृति व् आध्यात्म की अक्षत धरोहर को साथ लेकर सांसारिक उन्नति और विकास के मामले में दुनिया के सभी मुल्कों से हमेशा आगे ही नहीं बल्कि बहुत आगे रहेगी।
कई दिनों से दादरी काण्ड पर मौन साधे प्रधनमंत्री जी को भी राष्ट्रपति जी का बयान आने के बाद बोलना ही पड़ा। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नवादा में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा, “आप राजनेताओं की बात मत सुनिए, ख़ुद नरेंद्र मोदी कहता है तो उसकी बात भी मत सुनिए। सुनना है तो देश के राष्ट्रपति ने कल जो बात कही है उसे सुनिए।” राष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन को स्वीकारते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा, “राष्ट्रपति ने जो कहा है उससे बड़ा कोई मार्गदर्शन नहीं हो सकता है, उससे बड़ा कोई विचार, दिशा नहीं हो सकती है। राष्ट्रपति ने जो रास्ता दिखाया है हमें उसी पर चलना होगा तभी दुनिया भारत से जो अपेक्षा कर रही है वह पूरी की जा सकेगी।”
नवादा की चुनावी रैली में हालाँकि प्रधानमंत्री जी ने दादरी की घटना का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके बयान को उसी पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जा रहा है। उस रैली में प्रधानमंत्री जी ने गोमांस पर बयानबाजी करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा, “छोटे-बड़े नेता अपने स्वार्थ के लिए ऊटपटांग बयानबाज़ी करते हैं, लोगों को उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए।” उन्होंने हिन्दुओं और मुस्लिमों को आपस में लड़ने की बजाय गरीबी से लड़ने की सलाह दी। दादरी काण्ड पर अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए राष्ट्रपति जी के महान और अनुकरणीय मार्गदर्शन के बाद प्रधानमंत्री जी का इस मुद्दे पर खुलकर बोलना अच्छा लगा। देश में साम्प्रदायिक तनाव ख़त्म करने के लिए ये बहुत जरुरी था। मुझे तो आश्चर्य इस बात पर होता है कि हर छोटी से छोटी घटना पर सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी प्रतिक्रिया देने वाले मोदी जी दादरी की घटना के बारे में अभी तक वहांपर कुछ क्यों नहीं बोले? ये एक बड़ी घटना थी, इसपर उन्हें तुरंत बोलना चाहिए था।
कांग्रेस के नेता राशिद अलवी जी उनपर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि ये उनकी दोहरी चाल है। एक तरफ़ वो इस तरह की बातें करते हैं और दूसरी तरफ़ उनकी ही पार्टी के मंत्री और नेता भड़काऊ बयान देते रहते हैं। सच जो भी हो, अंत में मैं बस इतना ही कहूँगा कि मोदी जी आपको संवेदनशील मुद्दों पर तुरंत बयान देना चाहिए। आपका चुप रहना सबको अखरता है। हमेशा ये बात आपको याद रखनी चाहिए कि देश की जनता ने भारी बहुमत से सत्ता प्रदानकर आपको भारत का स्वर्णिम इतहास रचने का एक बहुत सुनहरा अवसर प्रदान किया है, उसे आप यूँ ही जाया मत होने दीजियेगा। आप पूरे देश का ऐसा सर्वक्षेत्रीय विकास कीजिये कि पूरा देश आपको हमेशा याद रखे।
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(आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कन्द्वा, जिला- वाराणसी. पिन- २२११०६)
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