Menu
blogid : 15204 postid : 1121075

‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’ यह कविता किसकी है ?

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
  • 534 Posts
  • 5673 Comments

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
‘कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’ ये प्रेरक कविता किसकी है?

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

sohanlal-dwivedi
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद-चैन को त्यागो तुम,
संघर्षों का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

“एक बात आज स्पष्ट हो गयी
ये जो कविता है
‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती‘
ये कविता बाबूजी की लिखित नहीं है
इस के रचयिता हैं
सोहन लाल द्विवेदी ….
कृपया इस कविता को बाबूजी, डॉ. हरिवंश राय बच्चन के नाम पे न दें … ये उन्होंने नहीं लिखी है।”

3 दिसम्बर 2015 को फेसबुक पर फिल्म अभिनेता और हिंदी साहित्य जगत के प्रसिद्द कवि डॉ हरिवंश राय बच्चन जी के पुत्र अमिताभ बच्चन जी की यह स्वीकारोक्ति पढ़कर सभी हिंदी प्रेमियों को बहुत ख़ुशी हुई। उन्होंने अपनी गलती मानी और भूल सुधार किया, इसके लिए उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद। आइये, अब विस्तार से जानें कि इस कविता से सबंधित पूरा विवाद क्या था।
index
‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ समाज को सही दिशा देने वाली, उसे जागरूक करने वाली और खासकर युवाओं को असफलता से हार न मान सफलता के लिए सदैव प्रयत्नशील रहने व् विपरीत परिस्थिति में भी पूरे मनोयोग से संघर्ष करने की पेरणा देने वाली ये कविता किसकी लिखी हुई हैं, इस बात को लेकर साहित्य जगत में वर्षों से विवाद रहा है। किसी साहित्यकार ने कहा कि ये रचना हिंदी कविता के महान छायावादी कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी की है, किसी ने इसके रचनाकार का नाम डॉ. हरिवंशराय बच्चन बताया तो किसी ने हिन्दी के राष्ट्रीय कवि के रूप में प्रतिष्ठित सोहन लाल द्विवेदी जी का नाम लिया। कई साल पहले डॉ. अदिति कैलाश जी का एक ब्लॉग “लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती” पढ़ा था, उसमे इस कविता के रचनाकार का नाम सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ बताया गया था।

महाराष्ट्र के छठी कक्षा के पाठ्यक्रम में यह कविता कई वर्षों से पढाई जा रही है, किन्तु उसमे रचनाकार का नाम प्रकाशित नहीं है। हैरानी की बात है कि महाराष्ट्र पाठ्य पुस्तक समिति के रिकार्ड में इस कविता रचनाकार के रूप में सोहनलाल द्विवेदी जी का नाम दर्ज है, सिर्फ पते का स्थान रिक्त है, इसलिए रचना की रॉयल्टी नहीं भेजी जाती है। इस त्रुटि को महाराष्ट्र सरकार दूर करे और कविता के साथ रचनाकार के रूप में सोहनलाल द्विवेदी जी का नाम अब प्रकाशित करे।

हिंदी साहित्य जगत के कुछ पुराने कवियों के अनुसार सोहनलाल द्विवेदी जी इस कविता को कई काव्य-मंचों पर पढ़कर सुनाये थे, इसलिए उनके इस कविता का रचयिता होने पर तनिक भी संदेह नहीं किया जा सकता है। नब्बे के दशक में यह कविता उनके नाम के साथ किसी पत्रिका में प्रकाशित भी हुई थी। श्री अशोक कुमार शुक्ल जी ने उस समय यह कविता वर्धा पाठ्यपुस्तक समिति को लाकर दी थी, जिसे 2007-2008 से महाराष्ट्र में छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक में शामिलकर बच्चों को पढ़ाया जाने लगा।

हिंदी साहित्य जगत में इस कविता को डॉ. हरिवंशराय बच्चन की रचना के रूप में भी प्रचारित किया गया। हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता और डॉ. हरिवंशराय बच्चन जी के पुत्र अमिताभ बच्चन जी ने भी इसे अपने ‘बाबूजी’ की रचना बताया था और अपने मधुर व् ओजस्वी स्वर में इसका पाठ भी किया था। हिंदी फिल्म “मैंने गाँधी को नहीं मारा” में भी बहुत अच्छे ढंग से फिल्मांकन कर इस कविता का सदुपयोग करते हुए दर्शकों को कर्मयोगी बनने की शिक्षा व् सद्प्रेरणा दी गई है।

इस कविता के मूल रचयिता पं. सोहन लाल द्विवेदी जी हैं, इस बात को प्रमाणित करने का श्रेय कवि, लेखक और फ़िल्म गीतकार श्री देवमणि पाण्डेय जी को जाता है, जो कई दशकों से इस कविता के मूल रचयिता की खोज में लगे रहे। उन्होंने इस मुद्दे को हिंदी साहित्य जगत में कई बार उठाया और इससे संबंधित कई लेख भी लिखे। इंटरनेट मीडिया पर जब इस कविता को डॉ.हरिवंशराय बच्चन जी की रचना के रूप में भी प्रचारित किया गया, तब श्री देवमणि पाण्डेय जी ने ही सबसे पहले ये सवाल उठाया कि यदि ये कविता डॉ. हरिवंशराय बच्चन जी की है तो उनके किस काव्य संकलन में शामिल है?

img1100118033_1_1
दरअसल डॉ.हरिवंशराय बच्चन जी की या सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी की जो काव्य शैली है, उससे ये कविता बिलकुल भी मेल नहीं खाती थी, इसलिए उनके रचयिता होने पर संदेह होना स्वाभाविक ही था। वहीँ दूसरी तरफ सोहन लाल द्विवेदी जी की काव्य शैली से ये कविता सौ प्रतिशत मेल खाती है। हिन्दी के राष्ट्रीय कवि के रूप में प्रतिष्ठित सोहन लाल द्विवेदी जी का जन्म 22 फ़रवरी 1906 को उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले के बिंदकी गांव में हुआ था और उनकी मृत्यु 1 मार्च 1988 को हुई थी। वो आज़ादी के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए। आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए देश के लोंगो को जागरूक और प्रेरित करने वाली बहुत सी देशभक्ति से ओतप्रोत क्रांतिकारी कविताएं उन्होंने लिखीं।

ऊर्जा और चेतना से भरपूर उनकी रचनाओं ने युवाओं को न सिर्फ आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि आजादी मिलने के बाद उनकी अंतस की ऊर्जा को सही दिशा में आगे बढ़ने की राह भी दिखाई। सन1969 में भारत सरकार द्वारा पद्दश्री की उपाधि से सम्मानित सोहन लाल द्विवेदी जी ने महात्मा गांधी के दर्शन से प्रभावित होकर कई बालोपयोगी रचनाएँ भी लिखीं। श्री देवमणि पाण्डेय जी वर्षों से इस बात के लिए प्रयत्नशील रहे कि अगर हम इस कविता के साथ इसके वास्तविक रचयिता सोहनलाल द्विवेदी जी का नाम हिंदी साहित्य जगत जोड़ सकें तो ये उनके प्रति न सिर्फ सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बल्कि एक महान कवि के साथ हो रहा अन्याय भी दूर होगा। श्री देवमणि पाण्डेय जी का वर्षों से किया जा रहा यह अथक प्रयास अब जाकर सफल सिद्ध हुआ है। हिंदी साहित्य जगत सदैव उनका आभारी रहेगा।

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कन्द्वा, जिला- वाराणसी. पिन- २२११०६.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh