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सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कन्हैया ऐसे कर्म न करो

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कन्हैया ऐसे कर्म न करो
फूल में खुशबू दिल में चाहत
कभी न छुपने पाई है
आँख से ढलकी बनकर सुर्खी
जब जब आँख दबाई है
जज्बातों पर लग नहीं सकता
खामोशी का पहरा
दिल की बात बता देता है,
असली नक़ली चेहरा
लाख छुपाओ छुप न सकेगा
राज हो कितना गहरा…

हसरत जयपुरी साहब ने सन 1962 में बनी फिल्म ‘असली-नकली’ के लिए ये गीत लिखा था. इस सदाबहार गीत के भाव समुद्र की तरह बहुत गहरे हैं. बस इसमें आप गोता लगाते रहिये. फूल में बसी खुशबू और दिल में छिपी चाहत उजागर हो ही जाती है, बस ज़रा नजदीक जाने की जरुरत है. फूल के नजदीक गए नहीं कि खुशबू आनी शुरू हो जाती है. फूल महकता रहेगा जबतक कि उसे डाली से तोड़ के कोई फेंक न दे. अपनी स्वार्थसिद्धि के बाद ऐसा मतलबी व्यवहार करने वाले घर-परिवार से लेकर हर जगह और हर क्षेत्र में लोग मिल जाएंगे. हर जीव एक पुष्प की भांति ही है. आँख दबाने पर उस समय आंसू लहू बनकर बहते हैं, जब व्यक्ति के मन में आक्रोश हो, बदले की भावना हो. दिल की बात कहने से कोई किसी को रोक नहीं सकता है. देश में लोकतंत्र है, सबको बोलने की आजादी है. कई मुल्कों की तरह दिल के जज्बातों को खामोश रखने वाली कोई तानाशाही नहीं है. लेकिन दिल के जज्बात छुपाए नहीं छिपते हैं. चेहरे के भाव दिल की बात बयान कर देते हैं. शायर हसरत जयपुरी साहब अपने गीत में यहाँ तक कह दिए हैं कि असली नकली चेहरा न सिर्फ दिल की बात बता देता है, बल्कि दिल के गहरे राज भी बता देता है, चाहे कोई उसे छुपाने की लाख कोशिश क्यों न करे.
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नरेंद्र मोदी अपनी काबिलियत और जनता के प्रचण्ड आशीर्वाद से देश के प्रधानमंत्री क्या बने, बहुतों के दिल में ईर्ष्या-द्वेष रूपी सांप लौटने लगे और उनके पीएम बनने के हसीन ख्वाब दिल के अंदर ही टूटकर विखर गए. जिसे वो चायवाला, गुजरात का नेता व फेंकू कहकर तथा जिसपर घोर साम्प्रदायिक होने का झूठा आरोप लगाकर पीएम की कुर्सी से दूर रखने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक पूरा जोर लगा लिए, वो लोग अपने मिशन में बुरी तरह से असफल होने पर मन मसोस कर, खून का घूंट पीकर और बेहोश से होकर रह गए. मोदीराज के बेहद सफलतापूर्वक लगभग दो साल (तेईस माह) बीतने के बाद मोदी विरोधी भी अब होश में आने लगे हैं. उन्होंने भाजपा को सन 2019 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में 283 से 83 पर लाने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है. वो समय नजदीक आते आते राजनीति के अखाड़े में मोदी को पछाड़ने के लिए बेर-केर के संग-साथ वाले अधिकतर विपक्षी दल केंद्र की सत्ता हथियाने के लिए एक बैनर तले एकजुट हो जाएंगे. देश के हर क्षेत्र का विकास करना, युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देना और आतंकवाद व नक्सलवाद से सफलतापूर्वक निपटना ही मोदी सरकार के लिए सन 2019 में सत्ता में पुनः वापसी करने का एकमात्र रास्ता है.

मोदी विरोधी धीरे धीरे न सिर्फ एकजुट हो रहे हैं, बल्कि येनकेन प्रकारेण कोई न कोई सही गलत जुगाड़ कर मोदी पर और उनकी सरकार पर घातक वार भी कर रहे हैं. पिछले साल मोदी विरोधियों ने एक साथ मिलकर देश में ‘असहिष्णुता’ होने की तथाकथित अफवाह फैलाई और कई राज्यों के चुनाव में उसका फायदा भी उठाया. किन्तु फिर भी किस्मत, बुद्धिमानी, चतुराई, कर्मठता और तपोबल के धनी और ईश्वर व देश-दुनिया की जनता से वरदहस्त प्राप्त मोदी अब राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय नेता बन चुके हैं. उनके बढ़ते कद और लोकप्रियता की कोई काट ढूंढ पाने में अब तक नाकाम रहे मोदी विरोधी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उनके राजनीतिक विकल्प के रूप में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. राजनीति के क्षेत्र में कन्हैया कुमार अभी बच्चा ही है, अपनी रोचक नारेबाजी से प्रभावित करने वाला और वामपंथी विचारधारा के युवा वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल कन्हैया कुमार लच्छेदार भाषण देने में ओर झूठ बोलने में किसी मंझे हुए नेता की तरह ही माहिर है. फिलहाल मोदी विरोधी उसकी आड़ लेकर ओर उसके कंधे पर बंदूक रखकर मोदी पर निशाना साध रहे हैं.

ये उनकी ही महती कृपा है कि गरीब कन्हैया आजकल खूब हवाई यात्रा कर रहा है. रविवार को मुंबई से पुणे जाने वाली फ्लाइट में अपने सहयात्री मानस ज्योति डेका को कन्हैया ने बीजेपी समर्थक बताते हुए विमान के अंदर मारपीट और गला दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. पुलिस का कहना है कि जांच में कन्हैया कुमार की शिकायत झूठी निकली. उसने एक सहयात्री से हुई मौखिक बाद-विवाद व धक्कामुक्की की छोटी मोटी बातें बढ़ा-चढ़ाकर पेश कीं और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सनसनीखेज ट्वीट किया, ‘एक बार फिर, इस बार प्लेन के अंदर एक शख़्स ने मेरा गला घोंटने की कोशिश की.’ देशभर में घूम घूमकर की जा रही कन्हैया कुमार की वामपंथी राजनीति मोदी सरकार की सफल योजनाओं और जनकल्याणकारी नीतियों को झूठमूठ में कोसने और जातिवादी दलित राजनीति का कार्ड खेलने भर की है. ऐसी ही घटिया राजनीति करने वाले नेता उससे अच्छे खासे प्रभावित भी हैं. केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार में सहभागी के रूप में शामिल होकर भी उस पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि कन्हैया को राष्ट्रविरोधी करार देना और उस पर राजद्रोह का मामला लगाना गलत है. वह राष्ट्रविरोधी नहीं है.
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मजेदार बात ये है कि सोमवार को जेएनयू प्रशासन ने ‘देशद्रोह’ मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और उनके साथियों को अनुशासन तोड़ने का दोषी पाया है. जेएनयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और उमर खालिद को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया है. इस वर्ष 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में आयोजित ‘देशद्रोही’ कार्यक्रम में इन छात्रों को अनुशासन तोड़ने का दोषी पाया गया है. सभी जानते हैं कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया, उमर खालिद और उनके साथियों को विवादित कार्यक्रम के मामले में देशद्रोह के आरोप में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और इस समय वे सभी जमानत पर हैं. अपनी राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए और मोदी से अपनी खार यानि गहरा ईर्ष्या-द्वेष निकालने के लिए कन्हैया कुमार और उसके साथियों को देशभक्त साबित करने वालों की अब निश्चित रूप से कुछ समय के लिए तो बोलती बंद हो ही जाएगी. पीएम मोदी कर्म, ज्ञान और तप के मामले में सागर से भी गहरे हैं, जिनके दिल में चोर छिपा हो, उनके सामने वो कभी ठहर भी नहीं पाएंगे. अंत में हसरत जयपुरी साहब के कुछ बोल फिर प्रस्तुत हैं.

लोग तो दिल को खुश रख्ने को
क्या क्या ढोंग रचाते है
भेष बदल कर इस दुनिया में
बहुरुपिये बन जाते हैं
मन दरपन में मुखड़ा देखो
उतरा रंग सुनहरा
दिल की बात बता देता है,
असली नक़ली चेहरा
लाख छुपाओ छुप न सकेगा
राज हो कितना गहरा…

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(आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कंदवा, जिला- वाराणसी. पिन- 221106)
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