Menu
blogid : 15204 postid : 1178341

सरकार और कोर्ट का पर्सनल लाइफ में दखल उचित या अनुचित?

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
  • 534 Posts
  • 5673 Comments

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

ताज या तख़्त या दौलत हो ज़माने भर की
कौन सी चीज़ मोहब्बत से बड़ी होती है !
ज़िन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है
चाहे थोड़ी भी हो ये, उम्र बड़ी होती है !!

bhakti_radhakrishna7popiop

राजेन्द्र कृष्ण के लिखे ये बोल इस धरती का सबसे बड़ा सच बयान करते हैं. प्रेम इस सृष्टि का सबसे बड़ा अनमोल धन है और कुदरत का दिया हुआ सबसे ज्यादा सुखकर उपहार है, जिसकी तलाश जन्म-जन्मांतर से हर जीव को है. हालांकि प्रेम की तलाश में दुःख-कष्ट भी बहुत झेलना पड़ता है, चाहे वो व्यक्ति विशेष के प्रति उत्पन्न सांसारिक प्रेम हो या फिर ईश्वर से होने वाला आध्यात्मिक प्रेम हो. इस ब्लॉग में व्यक्ति विशेष के प्रति उत्पन्न एक ऐसे सांसारिक प्रेम की चर्चा कर रहा हूँ, जिसने तेलंगाना के राज्‍य प्रशासन के सामने एक बहुत जटिल संकट खड़ा कर दिया है. तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता द्वारा गोद ली गई 18 वर्षीय लड़की सी प्रत्‍यूषा अपने से 10 साल बड़े 29 वर्षीय साइकिल मेकैनिक वेंकट रेड्डी से प्रेम करती है, जिसकी हैदराबाद में साइकिल की दुकान है. प्रत्‍यूषा उससे शादी करना चाहती है और इसके लिए अपनी नर्सिंग की पढ़ाई भी वो छोड़ने को तैयार है. प्रत्यूषा हैदराबाद में अपनी सौतेली मां रहती थीं, जो न सिर्फ उसका शोषण करती थी, बल्कि बुरी तरह से मारपीट भी करती थी. प्रत्यूषा के पडोसी एलबी नागर उसकी तकलीफ जब देखी न गई तो उन्होंने बाल अधिकारों से जुड़े संगठनों को इस बात की जानकारी दी.

मामले की जांच के बाद सत्यता पाये जाने पर प्रत्यूषा के माता-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और प्रत्‍युषा को उनके चंगुल से छुड़ाकर प्राइवेट अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया. उसके पूरे शरीर पर मारपीट के गहरे जख्म थे. इस पूरे मामले का राज्य के हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और प्रत्यूषा की जिम्मेदारी स्वयं ले ली. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी उस समय घोषणा की थी कि वह प्रत्यूषा को गोद लेकर उसका भरण पोषण करेंगे. मुख्य्मंत्री के परिवार यानि उनकी बेटी के कविता ने प्रत्यूषा को गोद ले लिया. गोद लिए जाने के बाद जब प्रत्युषा को घर लाया गया तो उसने बातचीत के दौरान नर्स बनने की इच्छा जाहिर की. मुख्यमंत्री ने उससे पूरी सहानुभूति और सदासयता दिखाते हुए उसकी पढ़ाई का इंतजाम करने के साथ ही उसका बैंक अकाउंट खुलवाकर साढ़े छह लाख रुपये भी उसमे जमा करवा दिए, ताकि उसे पढ़ाई-लिखाई में कोई परेशानी न हो. प्राइवेट रूप से स्कूली परीक्षाएं पास करने के बाद उसे नर्सिंग के कोर्स में दाखिला मिल गया. प्रत्यूषा के पास दो बैडरूम का एक फ्लैट भी है, जो उसके पिता ने उसकी मां को तलाक दिए जाने के बाद मुआवजे के रूप में दिया था.
724_radha-krishna-wallpaper-001
नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जाने के दौरान ही प्रत्यूषा को हैदराबाद में साइकिल की दुकान पर काम करने वाले साइकिल मेकैनिक वेंकट से प्यार हो गया. अब प्रत्युषा नर्सिंग की पढ़ाई छोड़कर अपने प्रेमी वेंकट से जल्द से जल्द शादी करना चाहती हैं. प्रत्युषा के गार्जियन यानि अभिभावक की भूमिका एक ओर जहाँ आंध्रप्रदेश की हाईकोर्ट निभा रही है तो वहीँ दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्य्मंत्री का परिवार. दोनों ही प्रत्युषा को मना रहे हैं कि वह अपनी पढ़ाई ना छोड़ें ओर अपना कैरियर बनाने पर ध्यान दे. अठारह वर्ष पूरे कर चुकी प्रत्युषा बालिग़ है और वो अपने फैसले पर अड़ी हुई है. हाईकोर्ट ने उसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने के साथ ही तेलंगाना व आंध्रप्रदेश की पुलिस और सीआईडी से लड़के के संबंध में जांच कर यह पता लगाने को कहा है कि 29 साल का वेंकट नाम का लड़का प्रत्यूषा के लायक है या नहीं. बहुत से लोग कोर्ट के आदेश की तारीफ़ कर रहे हैं तो वहीँ दूसरी ओर बहुत से बुद्धिजीवी इसे व्यक्तिगत जीवन यानि पर्सनल लाइफ में दखल मान रहे हैं. वो कहते हैं कि कोर्ट में मुकदमों का अम्बार लगा है ओर कोर्ट अपना कीमती समय किसी की पर्सनल लाइफ में दखल देकर जाया कर रही है. कृपालु पाठकों, इस बारे में आपके क्या विचार हैं? अंत में फिर राजेंद्र कृष्ण के ये बोल-

दो मोहब्बत भरे दिल साथ धड़कते हो जहाँ
सबसे अच्छी वो मोहब्बत की घड़ी होती है !
ज़िन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है
चाहे थोड़ी भी हो ये, उम्र बड़ी होती है !!

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
(आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कंदवा, जिला- वाराणसी. पिन- 221106)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh