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बाबाओं की ‘विशेष-पूजा’ से देश की जनता सतर्क रहें-जंक्शन मंच

सद्गुरुजी
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बाबाओं की ‘विशेष-पूजा’ से देश की जनता सतर्क रहें-जंक्शन मंच
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में संतान प्राप्ति का लालच देकर महिलाओं का यौन शोषण करने और उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोपी राम शंकर तिवारी उर्फ बाबा परमानंद और उसके ड्राइवर को कुछ रोज पहले बाराबंकी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पाप के कारोबार में भागीदार बने बाबा के अन्य चेलों की तलाश भी पुलिस द्वारा जारी है. मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार 64 वर्षीय बाबा रामशंकर तिवारी उर्फ परमानंद व उसके शिष्यों के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर लगाने की तैयारी कर रही है, ताकि इस ढोंगी बाबा और उसके चेलों को जेल से बाहर निकलने की जल्द ही कोई राहत न मिल सके. बाराबंकी जिला के देवा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत हर्रई गांव है, जहां पर मां काली हरई धाम के नाम से राम शंकर तिवारी उर्फ़ परमानन्द बाबा ने एक आश्रम बना रखा है. क्राइम ब्रांच के अनुसार अपने इसी आश्रम में ढोंगी बाबा परमानंद औरतों को बच्चे, नौकरी और धन-सम्पत्ति अपने पूजा-पाठ की शक्ति से देने का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसाता था.

विशेष पूजा-पाठ करने के नाम पर बाबा महिलाओं को अकेले अपने कमरे में बुलाता था और उन्हें बहला फुसलाकर तथा प्रसाद के नाम पर उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर उनसे यौन-संबंध बनाता था. यही नहीं, बल्कि वो कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिये महिलाओं का अश्लील वीडियो बना अपने लैपटॉप में सेव कर लेता था, ताकि उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल सके और अपनी वासनापूर्ति के लिए उन्हें बार-बार अपने यहाँ आने पर मजबूर कर सके. पिछले पच्चीस सालों से उसका ये घृणित खेल बेरोकटोक जारी था. बाबा की ऊँची पहुँच और बदनामी के डर से महिलाएं उसके खिलाफ किसी से कुछ बोल नहीं पाती थीं. अपने इष्ट माँ काली तक को धोखा देने वाले बाबा के पॉप का घड़ा भरकर आखिर एक दिन फूट ही गया. बाबा का लैपटॉप खराब हो गया. उसे ठीक कराने के लिए वह उसे एक इंजिनियर के पास ले गया. इंजिनियर ने उसके लैपटॉप में ढेर सारे अश्लील विडियो देखे, जिसमे बाबा महिलाओं का यौन-शोषण कर रहा था.
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वो सब देखकर उसके होश उड़ गए. वो डर के मारे बाबा से तो कुछ नहीं बोला, लेकिन उसने ये विडियो बाबा के लैपटॉप से चोरी-छुपे लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालाँकि उसने बाबा की काली करतूतों को देश और दुनिया के सामने उजागर तो कर दिया, किन्तु उसे ये गलत कार्य करने की बजाय यानि वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की बजाय पुलिस को सौप देना चाहिए था. उचित तो यही था, किन्तु हो सकता है कि राजनीति, पुलिस और प्रशासनिक हलकों में बाबा की गहरी और ऊँची पहुँच देख उसे संदेह हुआ हो कि बाबा के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी भी कि नहीं. कहीं मामले को रफा दफा न कर दिया जाए. जो भी उसकी सोच रही हो, किन्तु उसके कारण ही ये संगीन जुर्म वाला मामला उजागर हुआ. जेल में बंद बाबा का अब भी बड़ी बेशर्मी से कहना है कि मैं निर्दोष हूं. मेरी असलियत जानने के लिए उन महिलाओं से पूछो, जिनको मेरी सिद्धि से फायदा मिला है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. मुझे जमीन की रंजिश में फंसाया गया है.’

दरअसल बाबा परमानन्द बहुत चालाक और शातिर दिमाग वाला है. सोशल मीडिया और यु ट्यूब पर बाबा के जो अश्लील वीडियो वायरल हुए हैं, उसमे कहीं भी वो किसी महिला से जबरदस्ती करते नहीं दिखाई देता है. अपने कपडे उतारना, बाबा के कपडे उतारना और उसे पूरी तरह से सहयोग देना आदि देखकर तो ऐसा लगता है, जैसे आपसी सहमति से यौन-संबंध बनाया जा रहा हो. हालाँकि फोरेंसिक लैब में जांच के बाद ही इन वीडियो की सच्चाई पता चलेगी, किन्तु एक बात तो सत्य है कि पीड़ित महिलाओं और उनके घर वालों के सहयोग के बिना ऐसे ढोंगी बाबा लोग फल-फूल नहीं सकते हैं. आप सोचिये कि ‘बेटा’ की चाह लिए बाबा पर अगाध श्रद्धा रखते हुए एक हॉल में घरवाले भजन-कीर्तन में मगन हैं और उधर वो ढोंगी बाबा विशेष पूजा-पाठ के नाम पर उनके बहन, बेटी या बहू की इज्जत तार-तार कर रहा है. ये भी पता चला है कि बाबा के कई डॉकटरों से सम्बन्ध थे. बाबा किसी महिला के गर्भ में ‘बेटी’ ठहरने पर गर्भपात करा देता था.

‘बेटा’ की चाह लिए बाबा के झांसे में आने वालों के माथे पर कन्या भ्रूण ह्त्या का पाप तो लगा ही, उसके साथ ही इज्जत आबरू गंवाकर यदि ‘बेटा’ हासिल कर भी लिए तो क्या वो जीवन भर इस अनैतिकता और फ्रॉड को भूल पाएंगे. शायद कभी नहीं. कुछ बुद्धिजीवियों का कहना हैं कि ऐसे ढोंगी बाबाओं की शिकार होने वाली महिलायें अक्सर ‘बेटा’ पैदा करने के पारिवारिक दबाब से दबी रहती हैं. कुछ को तो पति द्वारा छोड़े जाने या फिर ससुराल वालों द्वारा घर से बाहर कर दिए जाने का भी भय रहता है. यही वजह है कि वो ढोंगी और फ्रॉड बाबाओं का अत्याचार चुपचाप सहती रहती हैं. उनका एक ही लक्ष्य रहता है, किसी तरह से बेटा’ पैदा हो जाये, ताकि ‘संतान’ यानि बेटा न दे पाने की समस्या और मन का भय दूर हो तथा ससुराल में सबसे सम्मान मिले. हमारे समाज की धारणा भी अजीब है कि ‘संतान’ का मतलब सिर्फ और सिर्फ ‘बेटा’ है, ‘बेटी’ नहीं. हमारी इसी पुरानी और घटिया सोच का फायदा परमान्द जैसे ढोंगी बाबा उठाते हैं.

‘संतान’ दिलाने का दावा ऐसा नहीं है कि ढोंगी ज्योतिषी, तांत्रिक और परमानन्द जैसे बाबा लोग ही करते हैं, ऐसा दावा कई दरगाह के मुजाबिर यानि सेवक या पुजारी कहिये, वो भी करते हैं. करीब दो साल पहले की बात है. एक काफी पढ़ीलिखी परिचित महिला हैं, जो अक्सर मेरे पास सलाह लेने आती हैं. वो एक बहुत अच्छे स्कूल में टीचर भी हैं. वो मेरे पास आईं और कहने लगीं कि मै संतान के लिए एक दरगाह पर काफी समय से जा रही हूँ. वहां जाने से जब मुझे कोई फायदा नजर नहीं आया तो मैंने वहां के एक मुजाबिर यानि पुजारी से बात की. उसने कहा है कि कुछ सामान ले के शाम को अकेले आइये. उसने दरगाह से थोड़ी दूर पर स्थित अपने रहने वाले कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसी में एक विशेष-पूजा होगी और मेरी गारंटी है कि बच्चा पैदा होगा. कुछ सामान लिखकर उसने दिया है. वो गहरी सांस लेते हुए बोलीं, ‘मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करूँ, जाऊं या न जाऊं? आप से सलाह लेने आई हूँ.’
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उनकी बात सुनकर मै हैरान रह गया. मैंने उन्हें डांटते हुए कहा, ‘आप पढ़ीलिखी होकर भी किसी अनपढ़ से भी बदतर हैं. उस मुजाबिर की मंशा आप नहीं समझ पा रहीं हैं कि वो विशेष-पूजा करने के नाम पर शाम के समय अकेले में आपको क्यों बुला रहा है? वो सही होता तो सबके सामने दुआ या पूजा करता. बहुत से भ्रस्ट बाबा, तांत्रिक, पुजारी और मुजाबिर पहले कुछ दिन अपने इष्ट की पूजा और दर्शन करने को कहेंगे. संयोग से यदि उससे ही किसी का काम बन गया तो खूब वाहवाही लूटेंगे और भारी भरकम चढ़ावा चढाने को कहेंगे, किन्तु यदि उससे काम नहीं बना तो फिर वो अपना वास्तविक रूप दिखाते हुए ‘विशेष-पूजा’ यानि भ्रष्ट होने का मार्ग सुझाएंगे. जब भी कोई बाबा, ज्योतिषी, तांत्रिक, पुजारी या किसी दरगाह का मुजाबिर किसी महिला से अकेले आने को कहे और एकांत में या बंद कमरे में बच्चे, नौकरी, आर्थिक तंगी या किसी अन्य समस्या का समाधान करने हेतु विशेष-पूजा, हवन-यज्ञ या दुआ करने की बात करे तो उसकी गलत मंशा को भांपते हुए तुरंत पूरी तरह से सचेत हो जाना चाहिए.

ऐसे ढोंगियों से दूर रहने में ही भलाई है. मेरी बात का अर्थ समझ वो कुछ झेंपते हुए बोलीं, ‘आप ही बताइए फिर मै क्या करूँ? मेरी शादी को बारह साल हो चुके हैं, पर अभी तक बेटा या बेटी कुछ भी नहीं हुआ है. अब घरवाले बच्चा पैदा करने के लिए बहुत प्रेशर दे रहे हैं.’ अपने बैग से रुमाल निकाल वो अपनी आँखे पोंछने लगीं. मै उन्हें धीरज बंधाया और शहर की एक बहुत अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दिया. ईश्वर की कृपा से सालभर बाद उन्हें टेस्ट ट्यूब बेबी के जरिये एक बेटी का सुख मिला. आज वो बहुत खुश हैं. उनके पति और ससुराल वाले भी बेहद खुश हैं. ‘बेटा’ नहीं होने का उन्हें कोई मलाल भी नहीं है, क्योंकि सबने घर आईं ‘बेटी’ को ही ‘बेटा’ मान लिया है. वो मुझे अपना परम हितैषी मानती हैं. किन्तु मै उनसे हमेशा यही कहता हूँ कि ईश्वर को धन्यवाद दें और सदैव उसे याद रखें. ईश्वर सबके जीवनस्रोत हैं. पति-पत्नी संतान हेतु प्रयास भर करते हैं, किन्तु गर्भ में अपना अंश डाल ईश्वर ही उसे जीवन प्रदान करते हैं. अतः सन्मार्ग यही है कि सही तरीके से अपना कर्म करते हुए सबकुछ ईश्वर पर छोड़कर बस उन्हें ही हम याद करते रहें.

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(आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कंदवा, जिला- वाराणसी. पिन- 221106)
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