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कांग्रेस की खाट खड़ी करने में जुटी देश की अनुभवी व समझदार जनता

सद्गुरुजी
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कांग्रेस की खाट खड़ी करने में जुटी देश की अनुभवी व समझदार जनता
कुछ रोज पहले अखबारों में एक बहुत दिलचस्प खबर पढ़ने को मिली कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाधी की खाट सभा में लगातार हो रही खाटों की लूट को देखते हुए अब खाटों पर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है. खाटों के चारों ओर अब पुलिस वाले तैनात रहते हैं, ताकि राहुल गांधी की खाट सभा खत्म होते ही खाटों की लूट न मच जाए. राहुल की खाट सभा खत्म होते ही आयोजक खाटों को समेटना शुरू कर देते हैं. वहां पर फ्री में खाट घर ले जाने की आस में खड़े सैंकड़ो लोग हाथ मलते रह जाते हैं. पुलिसवालों के हटने का इंतजार कर रहे कुछ लोंगों की पुलिस से बहस या फिर हल्की झड़प भी हो जा रही है. कई लोंगों ने मीडिया के सामने आकर कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस के लोग और कार्यकर्ता गांव से लोगों को खाट का लालच देकर सभा में ला रहे हैं, किन्तु सभा ख़त्म होने के बाद खाट घर नहीं ले जाने दे रहे हैं. खाट और शर्ट देने के नाम पर झूठ बोलकर और बहला फुसलाकर कांग्रेस के लोग और कार्यकर्ता गांव से लोगों को लाते हैं. ये लोग ग्रामीणों के बीच जाकर गप्प हांकते हैं कि 10 ट्रक, 20 ट्रक खाट आया है, शर्ट आया है, जबकि हकीकत में कहीं कुछ नहीं आया होता है. बस लोंगो को मूर्ख बनाते हुए सभा के अंत में कांग्रेसी झंडा भर पकड़ा देते हैं.

पिछले 65 सालों में कांग्रेसी यही करते रहे हैं. उन्होंने कांग्रेसी झंडे के सिवा देश को दिया ही क्या है. कांग्रेसी झंडे की बजाय देश का तिरंगा जनता के बिच बांटे होते तो भी देश का कुछ भला हुआ होता. सब जानते हैं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में इतना भ्रष्टाचार किया कि उनके अनेक नेताओं के घर भर गये और देश की जनता के हाथ कुछ नहीं आया. आज यदि राहुल की खाट सभा में लोग खाट पकड़ के सभा के अंत तक बैठे रहते हैं तो केवल इसी उम्मीद में कि भागते भूत की लंगोटी भली. राहुल गांधी कहते हैं कि वह किसानों से बात करने के लिए और उनकी समस्याओं को जानने के लिए के लिए खाट सभा करने निकले हैं. जनता उनसे आज यही पूछ रही है कि राहुल साहब 65 साल आपके परिवार का इस देश पर शासन रहा, किन्तु फिर भी किसानों की अनेकों छोटी-बड़ी समस्याएं हल क्यों नहीं हुईं? आज यदि किसानों के लिए कोई सही ढंग से सोच रहे हैं और उनके हित के लिए रात दिन काम कर रहे हैं तो, वह है देश के प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी. किसानों की समस्याएं तो दूर करने की बात दूर रही, राहुल गांधी तो ठीक से बोल तक नहीं पाते हैं. कौशाम्बी में हुई खाट सभा में राहुल गांधी ने जो कुछ कहा, उस पर ज़रा गौर फरमाइए.
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राहुल गांधी ने कहा कि जब किसान खाट अपने घर ले जाएं तो उन्हें पत्रकार चोर कहते हैं लेकिन जब विजय माल्या कई हजार करोड़ लेकर फरार हो जाएं तो मोदी सरकार चुप रहे ये कैसी नीति है. मजेदार बात ये है कि किसी भी पत्रकार ने खाट को अपने घर ले जाने वाले किसानों को चोर या लुटेरा नहीं कहा है. वो कभी कहते हैं कि पत्रकार ऐसा कह रहे हैं तो कभी कहते हैं कि भाजपा के लोग ऐसा कह रहे हैं, जबकि वो सरासर झूठ बोल रहे हैं. वो खुद ही ऐसा कह रहे हैं. रही बात विजय माल्या की तो क्या वो नहीं जानते हैं कि कई हजार करोड़ रूपये कांग्रेस के ही शासनकाल में बैंकों ने उन्हें दिए थे. कांग्रेस का शासन आज होता तो विजय माल्या ये रूपये डकार जाता, किन्तु ये मोदी सरकार है, जो विजय माल्या की जमीन जायदाद सब नीलाम कर कर्ज से भी ज्यादा वसूली करने की फिराक में जुटी है. इसे कहते हैं देशभक्ति. उत्‍तर प्रदेश के आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी राज्‍य में ‘किसान यात्रा’ पर निकले हैं. कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार या चुनाव जिताने के ठेकेदार कहिये, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को किसानों की समस्याओं से चुनावी फायदा उठाने के लिए यूपी में ‘खाट सभा’ करने का आइडिया दिया था.

यूपी का आगामी चुनाव क्या रंग लाएगा और किसके पक्ष में जाएगा, ये तो भविष्य ही बताएगा, किन्तु फिलहाल तो जनता कांग्रेस की खाट खड़ी करने में उसी तत्परता और लगन से जुटी है, जैसा कि उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में किया था. कांग्रेस को वो ऐसे रसाताल में लाई कि वो विपक्षी दल कहलाने लायक भी नहीं रही. लोकतंत्र में सर्वथा ये उचित और नितांत जरुरी है कि केंद्र और हर राज्य में एक मजबूत विपक्षी दल और उसका एक सुयोग्य नेता जरूर होना चाहिए ताकि सत्तापक्ष पथभ्रष्ट और निरंकुश न हो. अपना योग्य नेता चुनने को हर पार्टी स्वतन्त्र है, किन्तु नेता तभी सफल होता है, जब जनता साथ दे. विदेशी होने का जो संवेदनशील मुद्दा सोनिया गांधी के लिए उठा था, वो जनता के मन में आज भी कहीं न कही सोनिया गांधी के बच्चों के लिए भी जीवित है और हमेशा रहेगा. अखण्ड भारत का स्वप्न देखने वाले आचार्य चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य और ग्रीक की राजकुमारी हेलेना का प्रेम विवाह इसी शर्त पर होने दिए थे कि चन्द्रगुप्त और हेलेना से उत्पन्न संतान उनके अखण्ड भारत की उत्तराधिकारी नहीं होगी. अंत में यही कहूंगा कि कांग्रेस की खाट खड़ी करने में जुटी देश की समझदार और अनुभवी जनता शाबाशी और बधाई की हकदार है.

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आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कन्द्वा, जिला- वाराणसी. पिन- 221106
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