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पाकिस्तान: परमाणु परीक्षण करना और परमाणु हथियार बेचना दोनों बेरोकटोक जारी है. है किसी मुल्क या यूएन में हिम्मत, जो दुनिया को विनाश की ओर ले जाने वाले पाकिस्तान को समय रहते रोक सके?
अंग्रेजी अखबार ‘संडे गार्जियन’ ने एक बेहद सनसनीखेज खबर छापी है कि पाकिस्तान उत्तर कोरिया को परमाणु बम सप्लाई कर रहा है. अखबार में ‘North Korea’s Bomb Made in Pakistan’ यानि ‘नॉर्थ कोरिया के बम पाकिस्तान में बने थे’ शीर्षक से छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण में जिस परमाणु बम का प्रयोग किया गया था, वो पाकिस्तान में बने हुए थे. इस चौकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों पर सहयोग और सौदेबाजी सन 1990 के पहले से ही चल रही है. वर्ष 1998 में पाकिस्तान अपने यहाँ चगाई में परमाणु परिक्षण के बाद गुप्त रूप से उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार बनाने के कार्यक्रमों में न केवल भरपूर सहयोग देता रहा बल्कि समूची दुनिया की आँखों में धूल झोंकते हुए अपने यहां बने परमाणु हथियारों का परिक्षण भी उत्तर कोरिया में करता रहा. इस रिपोर्ट से यह बात भी स्पष्ट होती है कि वो उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार बेच भी रहा है.
पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों पर गुप्त रूप से जासूसी नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर कोरिया द्वारा अक्टूबर 2006 और मई 2009 में किए गए परमाणु परीक्षणों में पाकिस्तान के वैज्ञानिकों ने पूरा साथ दिया था. इन विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान और उत्तर कोरिया दोनों ही देशों में वहां की सेना ही परमाणु हथियारों को बनाने और तथा उस पर कंट्रोल रखने की जिम्मेदारी निभा रही है. सन 1998 में उत्तरी कोरिया द्वारा पाकिस्तान के किसी पूर्व आर्मी चीफ को 30 लाख डॉलर देने की बात भी बहुत जोरशोर से उठी थी, जब उत्तर कोरिया के एक उच्च अधिकारी का ए.क्यू. खान को लिखा हुआ पत्र मीडिया के जरिये जग जाहिर हो गया था. उस समय ए.क्यू.खान ने टीवी चैनल पर पूरी दुनिया के सामने कुबूल किया था कि उन्होंने परमाणु हथियार बनाने की तकनीक उत्तर कोरिया को बेची थी. ईरान और सीरिया को भी परमाणु तकनीक बेचने की बात उन्होंने स्वीकारी थी.
सारी दुनिया इस बात को जानती है कि पाकिस्तान के बदनाम वैज्ञानिक ए.क्यू. खान ने परमाणु हथियार विकसित करने की तकनीक (सेंट्रिफ्यूज इनरिचमेंट टैक्नोलॉजी) लाखों-करोड़ों डॉलर लेकर चोरी-छिपे अवैध तरीके से उत्तर कोरिया को बेची थी. ‘संडे गार्जियन’ में छपी रिपोर्ट पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाने वाली है. सारी दुनिया के सामने अब एक बात साफ़ हो चुकी है कि पाकिस्तान एक से बढ़कर एक खतरनाक परमाणु हथियार न सिर्फ बना रहा है, बल्कि उत्तरी कोरिया ले जाकर उसका परीक्षण भी कर रहा है. इसके साथ ही वो कई देशों को परमाणु हथियार भी बेच रहा है. पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया सहित न जाने कितने देशों को घातक परमाणु हथियार बेंचे होंगे. आने वाले समय में यदि वो आतंकवादियों को भी खतरनाक परमाणु हथियार बेचना शुरू कर दे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. परमाणु हथियारों के नाम पर ही पाकिस्तान सन 1998 से भारत को धमकाता चला आ रहा है.
हालांकि ये बात पाकिस्तान अच्छी तरह से जानता है कि भारत पर परमाणु बम गिराया नहीं कि वो संसार के मैप से हमेशा के लिए गायब हो जाएगा. यूएन ने अमरीका, चीन, भारत, पाकिस्तान सहित सभी देशों से परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने को कहा है. वर्ष 1996 में 160 से अधिक देशों ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी. इस समझौते के बाद भारत, पाकिस्तान तथा उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किए हैं. उत्तर कोरिया ने वर्ष1985 में एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर हस्ताक्षर किया था, किन्तु 2003 में उसने खुद को इस संधि से अलग कर लिया था. इस वर्ष अमेरिका ने मिनी परमाणु बम बनाया है. अन्य कई बड़े देश भी घातक परमाणु हथियार बना ही रहे हैं. ऐसे में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के क्या मायने रह जाते हैं? चीन, अमेरिका, उत्तर कोरिया, मिस्र, ईरान, इजरायल और पाकिस्तान से परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाने की बात करना ही व्यर्थ है.
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आलेख और प्रस्तुति= सद्गुरु श्री राजेंद्र ऋषि जी, प्रकृति पुरुष सिद्धपीठ आश्रम, ग्राम- घमहापुर, पोस्ट- कन्द्वा, जिला- वाराणसी. पिन- 221106
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