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बलात्कार: हवस मिटाने का ही नहीं, बल्कि मनोरंजन का भी साधन बन गया है-सोशल इशू

सद्गुरुजी
सद्गुरुजी
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आज के ब्लॉग में पिछले दो माह के दौरान काशी में हुई दुष्कर्म की तीन घटनाओं की चर्चा करूंगा, जिससे आप इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मासूम बच्चियों, नाबालिग व बालिग़ युवतियों तथा वृद्ध महिलाओं के साथ कितने दुस्साहसिक ढंग से बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं और सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बलात्कार अब हमारे देश में हवस मिटाने का ही नहीं, बल्कि मनोरंजन का भी एक साधन बनता जा रहा है. बलात्कारियों को इस बात की कोई परवाह नहीं कि कोई मासूम, नाबालिग, बालिग़ अथवा वृद्ध महिला बेहोश और लहूलुहान है या फिर उनकी वहशी हैवानियत से वो दर्द के मारे चीखते-चिल्लाते हुए दम तोड़ चुकी है. परमात्मा के दिए हुए अनमोल जीवन की ऐसी बेकद्री और राक्षसी बर्ताव करते हुए उसका अति क्रूर तरीके से अंत कर देना ऐसा अक्षम्य अपराध है, जिसके लिए बलात्कारियों को चाहे फांसी की सजा दी जाए या फिर उन्हें गोली मारी जाए, वो कम ही है. बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से और शीघ्र से शीघ्र दंड देना चाहिए.

बलात्कार की जिन घटनाओं ने न सिर्फ काशी को शर्मसार किया है, बल्कि इस धार्मिक क्षेत्र में बलात्कार और गैंगरेप की बढ़ती हुई घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा दिया है. दिनोंदिन बढ़ते बलात्कार और गैंगरेप के मामले में आज पूरे देश की वही स्थिति है, जो काशी की है. पहली घटना 10 मई की है. काशी के चांदपुर इलाके में 10 मई की रात पांच दरिंदों द्वारा एक छह वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. चांदपुर क्षेत्र स्थित बस्ती में अपनी मां के साथ घर के बाहर सो रही छह साल की बच्ची का मुंह दबाकर एक मजदूर उठा ले गया और बस्ती के पीछे खेत में ले जाकर उसने बालिका के साथ दुष्कर्म किया. घटनास्थल पर कई जोड़ी हवाई चप्पल के साथ एक मोबाइल फोन मिलने से परिजनों ने उनकी बच्ची के साथ गैंगरेप होने का दावा किया. बीएचयू के अस्पताल में बच्ची का अभी तक ईलाज चल रहा है. कुछ रोज पहले बच्ची के पिता ने पत्रकारों से कहा कि आरोपी कह रहे हैं कि बच्ची को तो मरा हुआ मानकर फेंके थे, लेकिन वो बची कैसे?

बलात्कार करने वालों की घृणित सोच देखिये कि वो एक तो बलात्कार जैसा क्रूर और दंडनीय अपराध कर रहे हैं, दूसरे उन्हें इस बात की जरा भी परवाह नहीं है कि मासूम पीड़िता असहनीय पीड़ा झेलते हुए बेहोश हो चुकी है या फिर मर चुकी है. ऐसी विकृत मानसिकता वाले अपराधी किसी भी तरह की दया के पात्र नहीं हैं, इन्हे तो सरेआम और सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि ऐसी घृणित सोच रखने वाले समाज के दूसरे लोंगो को भी सख्त सन्देश और सबक मिले. इस मामले में अभी तक केवल एक ही आरोपी गिरफ्तार हुआ है. सामूहिक बलात्कार का दूसरा मामला 29 जून का है, उस रोज देर रात के समय चौकाघाट फलाईओवर के नीचे सोलह वर्षीय किशोरी के साथ चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. किशोरी अपने एक रिश्तेदार के घर जाने के लिए निकली थी. रास्ते में एक परिचित लड़के से उसकी मुलाक़ात हुई. वो उसे छोड़ने के बहाने इधर-उधर घुमाकर टाईमपास करता रहा और फिर देर रात होने पर चौकाघाट फलाईओवर के समीप ले गया.

वो फोन करके अपने तीन और दोस्तों को वहां पर बुला लिया. फिर उसने और उसके साथियों ने पुल के नीचे ले जाकर नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. उन हैवानों के चंगुल में फंसी किशोरी असहनीय दर्द और पीड़ा झेलते-झेलते जब बेहोश हो गई तब चारो बलात्कारी उसे वहीँ छोड़कर फरार हो गए. आप इस घटना पर गौर किये कि समाज किस स्तर तक गिर चुका है. बलात्कार एक मनोरंजन बन चुका है. अपराधी खुद तो अपराध कर ही रहा है, लेकिन उसे एक मनोरंजन के रूप में भी ले रहा है. वो अपने दोस्तों को भी उस घृणित अपराध को करने का न्योता दे रहा है. यह हमारे समाज और देश के लिए सोचने वाली एक बहुत गंभीर और चिंता की बात है. इस गैंगरेप में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है. बलात्कार की तीसरी घटना रोंगटे खड़ी करने वाली और देश का सिर शर्म से झुका देने वाली है. चाहे देशी हों या विदेशी, बुजुर्ग महिलाएं भी अब इस देश में सुरक्षित नहीं है. उनकी इज्जत आबरू भी अब खतरे में है.

काशी में शूलटंकेश्वर मंदिर के पास गंगा किनारे स्थित एक रिसार्ट में रह रही फ़्रांस की 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ रिसार्ट में स्थित चौकीदार ने बुधवार 28-29 जून की देर रात को कई बार दुष्कर्म और मारपीट किया. मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उनके 12 हजार रूपये, कैमरा और अन्य सामान लूटकर फरार हो गया. पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाते हुए विदेशी महिला को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया और आरोपी चौकीदार को मिर्जापुर से गिरफ्तार कर लिया. फ़्रांस की यह महिला पिछले कई साल से विकलांगों से जुडी एक संस्था में सेवा कर रही हैं और गंगा किनारे बने रिसार्ट में पिछले 11 माह से किराए पर रह रही थीं. अखबार में छपी खबर के अनुसार बुधवार रात को जब वो अपने कमरे के बाहर टहल रही थीं, उसी दौरान रिसार्ट का चौकीदार नशे की हालात में वहां पहुंचा. उसने उन पर अचानक हमला कर दिया. मुक्के से ताबड़तोड़ चेहरे पर कई वार करने के बाद उन्हें घसीटते हुए कमरे में ले गया और कई बार दुष्कर्म किया.

दरिंदगी की हद पार करते हुए चौकीदार ने विदेशी महिला को दुष्कर्म के दौरान कई बार जमकर पीटा. उसकी हैवानियत से वह बेहोश हो गईं. उसने उनकी गला दबाकर ह्त्या करने की कोशिश भी की. दुष्कर्म के बाद चौकीदार विदेशी महिला के रूपये, कैमरा और अन्य कीमती सामान लूटकर फरार हो गया. पुलिस ने उसे मीरजापुर में स्थित उसके गाँव से गिरफ्तार किया. आप उसके द्वारा की गई हैवानियत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि फ़्रांसिसी वृद्ध महिला के शरीर पर बारह स्थानों पर चोट के निशान पाए गए हैं. समाज सेवा करने वाली विदेशी वृद्ध महिला के साथ हुई दुष्कर्म की इस घटना ने काशी ही नहीं पूरे देश को शर्मसार किया है. चिंता की बात यह है कि पुलिस के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है कि किन थाना क्षेत्रों में कितने विदेशी अपने परिचितों के घरों या फिर किराए के कमरों में रह रहे हैं. वहां भी ऐसी घटना घट सकती है. काशी में जो रिसार्ट चल रहे हैं, उनकी भी जांच-पड़ताल होनी चाहिए कि उनके पास विदेशियों को ठहराने का परमिट है भी या नहीं?

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